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Buxar Top News: पत्रकार संजीत उपाध्याय की संदेहास्पद मौत, विधायक ने जताया शोक, बक्सर प्रेस क्लब ने सरकार से की उच्चस्तरीय जाँच तथा 50 लाख मुआवजे की माँग ..



उन्होंने कहा कि संजीत की मौत में किसी गहरी साजिश की बू आ रही है. उन्होंने सरकार से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने तथा पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है.

- जिले के चक्की प्रखंड के चंदा डेरा के रहने वाले थे संजीत, दैनिक प्रभात खबर, आरा में थे कार्यरत.
- सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने व्यक्त की शोक संवेदना.

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर/आरा: शुक्रवार को आरा के वरिष्ठ पत्रकार संजीत उपाध्याय की मौत हो गई है उनका शव रामानंद तिवारी हाल्ट के समीप रेलवे ट्रैक पर मिला.

माना जा रहा है कि देर रात आरा से लौटने के क्रम में ट्रेन से गिरकर उनकी मौत हो गई. हालांकि घटनास्थल के परिस्थितियों को देखकर उनकी हत्या की संभावना भी जताई जा रही है. 

सुबह जब स्थानीय लोगों ने शव को ट्रैक पर पड़े देखा तो इसकी सूचना आरा रेल पुलिस को दी. रेलवे प्रशासन ने शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की.

शव के पास मिले पहचान पत्र मोबाइल एवं अन्य कागजात से उनकी पहचान आरा प्रभात खबर में कार्यरत संजीत उपाध्याय के रूप में हुई. संजीत कुमार उपाध्याय बक्सर के चक्की प्रखंड के चंदा डेरा गाँव के मूल निवासी बताए जाते हैं. उनकी पहली पत्नी का देहांत भी आज से दो वर्ष पूर्व टुड़ीगंज रेलवे स्टेशन पर ट्रेनसे गिरकर ही हुआ था. 

संजीत उपाध्याय ने हिंदुस्तान अखबार से पत्रकारिता का सफर शुरू किया था. लंबे समय तक चक्की प्रखंड उसके बाद रेलवे संवाददाता के तौर पर भी कार्यरत रहे थे. 

संजीत उपाध्याय को जानने वाले उनके साथियों ने बताया कि संजीत की बेबाक लेखनी कई लोगों के लिए सरदर्द थी. ऐसा हो सकता है कि उन्हीं लोगों ने संजीत की हत्या करा कर शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया हो.

दूसरी तरफ अपने युवा साथी के अचानक से चले जाने पर बक्सर प्रेस क्लब के द्वारा भी शोक संवेदना व्यक्त कर दुख जताया है. सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने युवा पत्रकार की मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है.

 बक्सर प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर शशांक शेखर ने कहा कि संजीत शुक्रवार की शाम को आरा प्रभात खबर कार्यालय से हंसते-खेलते निकले थे. वहीं बताया जा रहा है कि ट्रेन से गिरकर उनकी मौत हो गई तो आखिर यह कैसे संभव हुआ की लाइन की ट्रेन में जा रहे संजीत का शव डाउन रेलवे ट्रैक पर मिला? वहीं जब उन्हें टुड़ीगंज उतरना था तो वे रामानंद तिवारी हाल्ट के समीप गेट पर कैसे पहुँचे? उन्होंने कहा कि संजीत की मौत में किसी गहरी साजिश की बू आ रही है. उन्होंने सरकार से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने तथा पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है.


















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