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Buxar Top News: आज से शुरू हो रहा है सावन, बक्सर के कांवर पर सजेगा कोलकाता का त्रिशूल, वाराणसी के डिब्बे में पटना के टंगने पर टांग कर जायेगा गंगाजल ..



सावन के पहले तथा दूसरे दिन रामरेखा घाट पर श्रद्धालुओं की की खासी भीड़ जुटने की संभावना है. दरअसल 28 जुलाई को शनिवार को जल लेकर श्रद्धालु देवघर तथा रविवार को रामरेखा घाट से जल उठाने के बाद सोमवार को मिनी देवघर ब्रम्हपुर के लिए प्रस्थान करेंगे.
 
- कीचड़ युक्त रामरेखा घाट पर अव्यवस्था से होकर गुजरेंगे श्रद्धालु.
- कांवरिया मार्ग भी बदहाल, प्रशासनिक इंतजामों के है कमी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भगवान भोले शंकर का प्रिय सावन महीना इस बार 28 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई को पड़ रहा है. इसलिए अबकी बार सावन के पहले तथा दूसरे दिन रामरेखा घाट पर श्रद्धालुओं की की खासी भीड़ जुटने की संभावना है. दरअसल 28 जुलाई को शनिवार को जल लेकर श्रद्धालु देवघर तथा रविवार को रामरेखा घाट से जल उठाने के बाद सोमवार को मिनी देवघर ब्रम्हपुर के लिए प्रस्थान करेंगे.

बक्सर के कांवर पर सजेगा कोलकाता का त्रिशूल, वाराणसी के डिब्बे में पटना के टंगने पर टांग कर जायेगा गंगाजल: 

रामरेखा घाट से गंगा का पवित्र जल लेकर विभिन्न शिवालयों में ले जाने के लिए रामरेखा घाट पर कांवर सजाने की दुकानें लगायी गयी हैं. स्थानीय दुकानदार रवि कुमार गुप्ता ने बताया कि उनके यहां कांवर को सजाने के लिए कलकत्ता से प्लास्टिक के स्प्रिंग गले त्रिशूल, घंटी तथा शिव परिवार की प्लास्टिक की प्रतिमा मंगाई गई है. दूसरी तरफ वाराणसी से प्लास्टिक के डब्बे पटना से डिब्बा टांगने वाला टंगना बक्सर से ही मुख्य बाँस जिसको सजा कर भव्य कांवर का स्वरुप प्रदान किया जाता है.


लाखों की संख्या में जुटते हैं श्रद्धालु, पसरी है गंदगी, घाट पर है अतिक्रमण, सुरक्षा इंतजाम नाकाफ़ी:

सावन के महीने में ब्रम्हपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर, इटाढ़ी प्रखंड स्थित सोखा धाम तथा रामरेखा घाट पर ही स्थित रामेश्वर नाथ मंदिर में जलार्पण करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होती है. इस बार भी दूसरे ही दिन रविवार पड़ने के कारण श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की संभावना है.बावजूद इसके नगर परिषद द्वारा घाट पर जाने वाले रास्तों तथा घाटों के किनारे कोई विशेष व्यवस्था नहीं की गई है. रास्ते कीचड़ से सने हैं,  वहीं नालों का निर्माण कार्य भी अधूरा है.दूसरी तरफ  घाट पर  स्थानीय पंडो द्वारा  बांस की चालियाँ लगाकर अतिक्रमण कर लिया गया है. यही नहीं  घाट पर लाइटिंग की भी बेहतर व्यवस्था नहीं है. घाट पर लगाई गयी लगभग सभी लाइटें खराब हैं। जिससे मार्ग खतरनाक बन गया है. स्थानीय लोगों की माने तो रामरेखा घाट पर कई जगह आगे बढ़ने पानी अचानक से बढ़ जाता है उन स्थानों पर भी बैरिकेटिंग वगैरह नहीं की गई है.

कांवरिया मार्ग पर भी है बदइंतजामी का आलम:

रामरेखा घाट से जल लेकर कांवरिया मुख्य रूप से ब्रम्हपुर स्थित ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर तथा इटाढ़ी प्रखंड के सोखा धाम को जाते हैं. दोनों मार्गों में कांवरियों की सुरक्षा तथा प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा  प्रदान करने के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किया गया है. हालांकि कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं हर वर्ष की तरह इस बार भी कांवरिया मार्ग पर अपने कैंप लगा रही हैं.

रामरेखा घाट की बदइंतजामी पर नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद बबन सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि नाली का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. वहीं रामरेखा घाट पर लाइटिंग तथा साफ सफाई के साथ-साथ बैरिकेटिंग भी की जाएगी. यही नहीं नाथ बाबा घाट पर भी बैरिकेटिंग तथा लाइटिंग की बेहतर व्यवस्था की जाएगी. हालांकि, अतिक्रमण का के संदर्भ में बात करने पर वह टाल गए.

















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