Buxar Top News: किसानों के प्रति संवेदनहीन हैं सरकार तथा विभाग - कांग्रेस ।
एक तरफ लाल बहादुर शास्त्री की को बहादुरी भरी खून श्रद्धांजलि अर्पित की गई. वहीं महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर अहिंसा के सिद्धांतों को ही हिंसा के हवाले कर दिया गया.
- वरिष्ठ नेता ने कहा महात्मा गांधी तथा लाल बहादुर शास्त्री को कभी नहीं दी गई होगी ऐसी श्रद्धांजलि
- अपना हक मांग रहे किसानों के प्रदर्शन को कहा जा रहा है ड्रामा.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुनीत जन्मदिवस पर गाजीपुर-दिल्ली सीमा पर किसानों की दास्तान सुनने की बजाय जिस तरह से लाठी डंडे और रबर की गोलियां तथा पानी की बौछार से उन्हें पीटा-घसीटा गया. निर्दोष किसानों को अस्पताल भेज दिया गया, यह अंग्रेजी हुकूमत के तानाशाही क्रूर-कृतियों की याद ताजा कर गया. ये बातें बिहार प्रदेश कांग्रेस के वरीय नेता टीएन चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहीं.
उन्होंने कहा कि आज पूरा देश का किसान सूखा ग्रस्त है. जिस लाल बहादुर शास्त्री ने देश के अन्नदाताओं और जवानों की जय-जयकार कर "जय-जवान, जय-किसान" का नारा दिया. उसी शास्त्रीजी के जन्मदिवस पर जिस क्रूरता से लाठी प्रहार किया गया. उससे एक तरफ लाल बहादुर शास्त्री की को बहादुरी भरी खून श्रद्धांजलि अर्पित की गई. वहीं महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर अहिंसा के सिद्धांतों को ही हिंसा के हवाले कर दिया गया. अब तक के इतिहास में इन पूज्य नेताओं को ऐसी शानदार श्रद्धांजलि किसी ने अर्पित नहीं की. गुजरात के गांधी को गुजरात के मोदी की शानदार सलामी! 2019 में जनता सरकार को सत्य और अहिंसा की परिभाषा सिखाएगी. इसके स्पष्ट लक्षण दिखने लगे हैं. श्री चौबे ने कहा कि किसान अभाव और कष्ट में आत्महत्या कर रहे हैं. आत्मदाह की भी खबरें हैं. दो जून की रोटी के जुगाड़ में उनका दिन रुक जाता है. जो उनका वाजिब हक है वह भी उन तक नहीं पहुंच पा रहा है. केंद्र के प्रधानमंत्री किसानों के आर्तनाद को ड्रामा कह रही है. अपनी वाजिब मांग मांग का मतलब ड्रामा करना.
उन्होने कहा कि इस 4 वर्षीय अच्छे दिन के सपने दिखाने वाली और सबका साथ सबका विकास करने वाली भाजपा सरकार को 2019 में ड्रामा का अर्थ समझा देगी. वहीं श्री चौबे ने कहा कि बक्सर जिला के किसानों की दयनीय स्थिति ऐसी है कि केंद्र प्रायोजित स्वाइल हेल्थ कार्ड, फसल बीमा योजना का लाभ अब तक किसानों को नहीं मिल पाया है. बक्सर का जिला कृषि कार्यालय अनियमितता भ्रष्टाचार और मनमानी की आग में जल रहा है. जिला कृषि पदाधिकारी इसके लिए एकमात्र जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि इसके लिए अब बक्सर के जिला कृषि पदाधिकारी का घेराव किया जाएगा. साथ ही हर बिंदु पर इसकी जांच निगरानी विभाग से कराई जाएगी. लूट का अड्डा बने इस कार्यालय के मंसूबों पर पानी फेर दिया जाएगा.
आप तो पार्टीमैंन है, लेकिन हम निरीह किसान ये बात कहते हैं तो अंधभक्त गद्दार कहते हैं।
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