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Buxar Top News: देखिये वीडियो: .. अच्छाई के बाण से बुराई का रावण स्वाहा ..

अहिरावण दोनों भाइयों को बलि देने की तैयारी में जुटा हैं. श्री हनुमान जी उसे देवी के रूप में दर्शन देते है. ज्योंही, वो देवी के प्रणाम को नतमस्तक होता है, श्री हनुमान जी मुष्टिका का प्रहार कर उसका प्राण हर लेते हैं.

- किला मैदान में आयोजित था रावण वध का कार्यक्रम.
- पूरा मैदान रहा खचाखच भरा, तिल रखने की नहीं थी जगह.
देखिये वीडियो: 
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : शहर के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में  दर्शकों से खचाखच भरा मैदान में शुक्रवार को कहीं तिल रखने त क की जगह नहीं थी. मैदान में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ ऐसी प्रतीत हो रही थी मानो पूरा जिला इस मैदान में सिमट गया हो.  हजारों की संख्या में लोगों के बीच 5:50 बजे राम के धनुष से छूटता है वह बाण, जो रावण की नाभि को बेध देता है. उसके साथ ही मैदान में खड़े रावण का 50 फीट का पुतला जल उठता है. फिर शुरू होता है आतिशबाजी का खेल. जिसकी ध्वनि से पूरा रामलीला मैदान गूंज उठता है. इससे पूर्व 5:25 बजे मेघनाद के वध के साथ जहाँ उसका 45 फ़ीट ऊँचा पुतला दहन किया गया वहीं, 5:15 में हनुमान जी द्वारा लंका दहन होता है.

रावण वध के साथ ही पूरा  मैदान तालियों की गड़गड़ाहट व जय श्रीराम के उद्घोष से गूँज उठता है वहीं भक्ति के माहौल में श्रीराम रस घुल जाता है. रावण का एक-एक अंग गिरता जाता है आखिर में रावण धराशायी हो जाता है और आतंक का भय भाग जाता है. चारों तरफ हर्ष की ध्वनि से माहौल खुशनुमा हो जाता है, और  राम राज्य की नींव पड़ती है. आकाश से फूलों की वर्षा होने लगती है और देवलोक में खुशियां मनायी जाती है. इसके पहले रावण का अहंकार श्रीराम के आदर्श को ललकारता है. प्रभु श्रीराम नम्रता से सीता को लौटाने का अंतिम आग्रह करते हैं. लेकिन मदांध रावण को नेक सलाह मंजूर कहां. फिर शुरू होता है रण क्षेत्र में दोनों योद्धाओं के बीच युद्ध.वाण वर्षा और फिर मारा जाता है दशानन. 


इससे पूर्व दृश्यमान होता है श्री लक्ष्मण जी और रावण पुत्र मेघनाद के बीच युद्ध जिसमें इन्द्रजीत भारी पड़ता है. उसके वाण से शक्ति लगती है श्री लक्ष्मण जी को. भाई को बेहोशी की हालत में देखकर करूण विलाप करते हैं श्रीराम. विभीषण जी उपाय बताते हैं. लंका के राजवैद्य सुषेन को बुलाया जाता है. वैद्य के कहने पर हनुमान जी संजीवनी बूटी लाते है. उसे घुटकर पिलाया जाता है.श्री लक्ष्मण जी जग उठते है. लड़ाई के अगले दिन रणक्षेत्र में श्रीराम व कुभकर्ण आमने-सामने होते हैं . लेकिन अंत में प्रभु के वाण से छलनी होकर कुभकर्ण भी परलोक सिधार जाता है. यह अशुभ खबर पाकर रावण मेघनाद को रणक्षेत्र में भेजता है. लेकिन, वह भी मारा जाता है.  तब बुलाया जाता है अहिरावण को वह दोनों भाइयों को सोते ही पाताल लोक में उठा ले जाता है. शिविर में उन्हें न पाकर श्रीराम के सेना में खलबली मच जाती है. उन्हें खोजते हुए श्री हनुमान जी पाताल लोक में पहुंचते है. जहां अहिरावण दोनों भाइयों को बलि देने की तैयारी में जुटा हैं. श्री हनुमान जी उसे देवी के रूप में दर्शन देते है. ज्योंही, वो देवी के प्रणाम को नतमस्तक होता है, श्री हनुमान जी मुष्टिका का प्रहार कर उसका प्राण हर लेते हैं और दोनों भाइयों को वहां से मुक्त कराकर खेमे में लाते हैं. 


रामलीला के दौरान सांसद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे तथा सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने मंच पर पहुंचकर उपस्थित सभी लोगों का अभिवादन कर उनके मंगल की कामना की. कार्यक्रम की समाप्ति के बाद रामलीला समिति के सभी लोगों ने उपस्थित श्रद्धालुओं तथा कार्यक्रम में सहयोग करने वाले हर व्यक्ति का आभार व्यक्त किया.




















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