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Buxar Top News: व्यवस्था का सच: वीडियो: बक्सर में चलाई जा रही है बाइक एम्बुलेंस !

अस्पताल में जीवन रक्षक सारी सुविधाएं होने के बावजूद यह भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है कि यहां पहुंचने वाले लगभग 95 फीसद से अधिक मामले को यहां से रेफर की ही पर्ची थमाई जाती है
देखिये वीडियो: 

- एंबुलेंस नहीं होने पर चिकित्सकों ने दी बाइक पर ही लेकर जाने की सलाह

- मोटरसाइकिल पर घायल को बैठाया हाथ में पकड़ी सलाइन की बोतल.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है ऐसे में लापरवाही के नित्य ने उदाहरण बक्सर के अस्पतालों में देखने को मिल जाते हैं  सदर अस्पताल भी इन से अछूता नहीं है अस्पताल में जीवन रक्षक सारी सुविधाएं होने के बावजूद यह भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है कि यहां पहुंचने वाले लगभग 95 फीसद से अधिक मामले को यहां से रेफर की ही पर्ची थमाई जाती है.

ऐसे ही एक मामले में मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के रहने वाले एक घायल को परिजन एंबुलेंस के आभाव में मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले जाते दिखे. इस दौरान उन्होंने घायल को चढ़ाई जा रही सलाइन की बोतल को हाथ से पकड़ लिया था. इस तरह का नजारा देखने पर जब परिजनों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में एंबुलेंस नहीं है. वहीं चिकित्सकों ने इन्हें अन्यत्र ले जाने को कहा है. ऐसे में तकरीबन 1 घंटे तक इंतजार करने के बावजूद जब एंबुलेंस नहीं मिला तो वह अपने मरीज को कहीं और ले कर जा रहे हैं.

दरअसल, उक्त व्यक्ति का नाम रामाशंकर सिंह (60 वर्ष) था. जो पवनी हाल्ट के पास उतर कर पैदल ही जा रहा था. तभी पवनी पंचायत भवन के पास उसे एक ऑटो ने जोरदार टक्कर मार दी. जिससे कि वह वहीं गिर पड़ा. बाद में स्थानीय लोगों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया था.

बहरहाल, सवाल यहां सिर्फ एंबुलेंस का ना मिलना नहीं है. बल्कि यह भी है कि चिकित्सकों ने भी आखिर इस तरह के मरीज को मोटरसाइकिल पर बैठा कर ले जाने की इजाजत कैसे दी?





















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