Buxar Top News: भ्रष्टाचारियों को मिला प्रशासन का संरक्षण 4 माह बाद भी नहीं हुआ जिलाधिकारी के आदेश का अनुपालन ..
जहाँ मुखिया द्वारा सड़क निर्माण में हज़ारों रुपये का गबन कर लिया गया था. इस मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा वर्तमान मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
इसी सड़क के निर्माण में हुई थी धांधली |
- सिमरी प्रखंड के काजीपुर में मुखिया के विरुद्ध प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई.
- संदेहास्पद है प्रखंड विकास पदाधिकारी की भूमिका.
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जिले में भ्रष्टाचारियों का मनोबल यूं ही नहीं बढ़ा है. बल्कि सिस्टम के सुस्त रवैए ने उन्हें लगातार भ्रष्टाचार करते रहने के प्रेरणा प्रदान की है.
ताजा मामला सिमरी प्रखंड के काजीपुर ग्राम पंचायत में पीसीसी सड़क निर्माण में हुए घोटाले से जुड़ा हुआ है. जहाँ मुखिया द्वारा सड़क निर्माण में हज़ारों रुपये का गबन कर लिया गया था. इस मामले को स्थानीय निवासी इम्तियाज अंसारी ने अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण प्राधिकार में मामला दर्ज कराया जहाँ से मुखिया के विरुद्ध कारवाई करने का आदेश दिया. बावजूद इसके कोई कारवाई नहीं होने पर पुनः मामला जिला लोक शिकायत निवारण प्राधिकार में पहुँचा. जहाँ एक बार फिर मुखिया के विरुद्ध कार्यवाही करने की बात कही गई लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के इस आदेश के बाद आनन-फानन में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मुखिया के विरुद्ध मामला दर्ज कराया बाद में थानाध्यक्ष ने बताया कि मुखिया फरार हो चुके हैं जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा जिला पंचायती राज पदाधिकारी को मुखिया को पदच्युत करने की अनुशंसा करने को निर्देशित किया. तकरीबन 4 माह बीत जाने के बाद भी पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा इस संदर्भ में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
क्या था मामला:
दरअसल वर्ष 2016-17 में काजीपुर गाँव से मुख्य सड़क को जोड़ने वाली इस सड़क का निर्माण होना था. सड़क निर्माण के दौरान बिना ईंट सोलिंग के ही पीसीसी ढलाई करा दी गई थी. वहीं निर्माण के बाद मुखिया के द्वारा सड़क निर्माण की राशि 103989 की निकासी की गई थी. जबकि इस राशि में 59989 की राशि ईंट सोलिंग के लिए सम्मिलित थी. जांच में मामले को सत्य पाया गया. जिसके बाद मुखिया को 59989.00 की राशि के गबन का दोषी माना गया. बाद में मुखिया फरार हो गए जिसके कारण जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के फैसले पर संज्ञान लेते हुए जिला पदाधिकारी राघवेंद्र कुमार सिंह ने जिला पंचायती राज पदाधिकारी को मुखिया पर कार्रवाई करते हुए उसे पदच्युत करने की अनुशंसा करने का निर्देश दिया गया था इस आदेश के लगभग 4 माह बीत जाने के बावजूद भी जिला पंचायती राज पदाधिकारी द्वारा इस संदर्भ में कोई आदेश निर्गत नहीं किया गया है. जो अपने आप में आश्चर्यचकित करने वाला कृत्य है
मामले को लेकर जिला पंचायती राज पदाधिकारी विकास जायसवाल के मोबाइल संख्या 9973968001 पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा उन्हें नहीं दी गयी है. जैसे ही उन्हें इस संदर्भ में कोई जानकारी होती है वह आवश्यक कार्यवाही जरुर करेंगे. बहरहाल, 4 महीने पूर्व जारी किए गए जिलाधिकारी के आदेश की जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा जिला पंचायती राज पदाधिकारी को ना दिया जाना किसी आश्चर्य से कम नहीं है. अथवा अगर स्थानीय प्रशासन जानबूझकर कार्रवाई करने से कतरा रहा है तो आखिर यह क्यों न माना जाए कि भ्रष्टाचारियों के संरक्षण में प्रशासन भी लिप्त है.
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