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Buxar Top News: बजबजाती नालियों से निकल कर सड़क पर बह रहा गंदा पानी, एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में व्यस्त हैं पार्षद-अधिकारी ..

उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिदिन नगर परिषद की ओर से 4 मजदूर वार्ड में भेजे जाते हैं जिन के माध्यम से वार्डों की सफाई कराई जानी है

- हाल नगर परिषद के वार्ड संख्या 11 का.

- बोले पार्षद, नहीं साफ है मेन नाला, कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा, मजदूरों से अपने घर की सफाई कराते हैं पार्षद.


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: नगर में जहां डेंगू के मरीज मिलने की बात सामने आ रही है वह है साफ सफाई के मामले में नगर परिषद उदासीन बना हुआ है. नगर के वार्ड संख्या 11 में नालियां भर चुकी हैं तथा गंदा पानी सड़क पर बह रहा है. हालात यह हैं कि लोगों को अपने घरों तक जाने के लिए नाली के गंदे पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है. स्थानीय निवासी आयुष्मान शर्मा ने बताया कि वार्ड के निवासियों द्वारा स्थानीय वार्ड पार्षद किरण देवी को दर्जनों बार मौखिक व लिखित रूप से आवेदन देने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है. मामले में वार्ड पार्षद प्रतिनिधि सुरेश कुमार का कहना है कि मेन नाला उड़ाही नहीं होने के कारण पानी का निकास आगे नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर परिषद में मजदूरों की कमी के कारण ऐसी स्थिति बनी हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार वरीय अधिकारियों को सूचित किए जाने के बाद भी उनका ध्यान इस क्षेत्र पर नहीं है. उन्होंने बताया कि पिछले बरसात में जहां नगर में सभी नालियों की उड़ाही कराई गई वहीं इस क्षेत्र के मुख्य नाले की उड़ाही नहीं की गयी थी.

दूसरी तरफ मामले में नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि नालों की उड़ाही नहीं किये जाने का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. इस वर्ष बरसात में वार्ड संख्या 11 की नाली की सफाई जेसीबी लगाकर करवाई गई थी. ऐसे में मेन नाला जाम होने की बात हो ही नहीं सकती. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिदिन नगर परिषद की ओर से 4 मजदूर वार्ड में भेजे जाते हैं जिन के माध्यम से वार्डों की सफाई कराई जानी है. बावजूद इसके अगर वार्ड में साफ सफाई नहीं है तो इसका मतलब यही निकाला जा सकता है कि वार्ड पार्षद मजदूरों से अपने घर का काम करवाते हैं वार्ड का नहीं.


बहरहाल, मामला चाहे जो भी हो बजबजाती नालियों से निकल कर सड़क पर फैल रहे गंदे पानी कि सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता. ऐसे में यह कहना भी गलत नहीं होगा कि स्थानीय प्रतिनिधि और नगर परिषद की खींचतान में लोगों को बीमारियां मुफ्त में दिए जाने की रूपरेखा बन रही है.
























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