पंचकोसी परिक्रमा के चौथे पड़ाव उद्दालक ऋषि के आश्रम पर जुटे श्रद्धालु, त्रेता युग में श्री राम ने की थी शिवलिंग की स्थापना ..
भगवान श्री राम पंचकोसी परिक्रमा के दौरान जब यहां पहुंचे थे तो उन्होंने स्वयं मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी
- श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था मंदिर परिसर
- कतारबद्ध होकर भगवान शंकर को जलार्पण कर रहे थे लोग.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पंचकोसी परिक्रमा के चौथे पड़ाव उद्दालक ऋषि के आश्रम पर श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचा. जहां उन्होंने सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में भगवान शंकर पर जलार्पण कर उनका विधि विधान से पूजन किया. इस दौरान मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था. लोग कतारबद्ध होकर भगवान शंकर को जलार्पण कर रहे थे.
स्थानीय निवासी अजीत राय ने बताया कि लक्ष्मी जी की बहन दरिद्रा से उद्दालक ऋषि की शादी हुई थी. ऋषि नुआंव में अपना आश्रम बना कर रहते थे. महर्षि उद्दालक अपने आश्रम तथा आसपास के स्थल को साफ सुथरा रहते थे यह देखकर दरिद्रा वहां ज्यादा दिन टिक नहीं पाई इसके बाद उन्हें पीपल में स्थान मिला. जहां उनकी बहन देवी लक्ष्मी उनके शनिवार तथा मंगलवार को मिलने के लिए आती हैं. भगवान श्री राम पंचकोसी परिक्रमा के दौरान जब यहां पहुंचे थे तो उन्होंने स्वयं मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी. मंदिर में स्थापित शिवलिंग हर साल कुछ बढ़ जाता है. वर्तमान में शिवलिंग की ऊंचाई तकरीबन 4 फीट है.
मंदिर में दर्शन के उपरांत श्रद्धालु अंजनी सरोवर के चले. वहां उन्होंने सर्वप्रथम सरोवर में स्नान के पश्चात मंदिर में माता अंजनी तथा बालक हनुमान के स्वरुप के दर्शन किए. वहीं पंचकोसी परिक्रमा समिति के द्वारा प्रवचन भगवत भजन का आनंद लिया. साथ ही साथ गंगा समग्र के चंद्र भूषण ओझा द्वारा लगातार चौथे पड़ाव पर भी लोगों को जलाशयों की स्वच्छता का संकल्प दिलाया गया तथा प्रतिदिन नियमित रूप से सरोवर की आरती करने की बात कही गई. चौथे पढ़ाओ के पश्चात श्रद्धालु पांचवें पढ़ाओ चरित्रवन के लिए अग्रसर हुए जहां वह शनिवार को लिट्टी चोखा का प्रसाद ग्रहण कर परंपरा का निर्वहन करेंगे.
Post a Comment