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गंगा नदी पर इस बार नहीं बन रहा पीपा पुल, होगी बड़ी परेशानी ..

इसी बीच भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पत्र भेजकर वॉटर-वे के लिये 45 मीटर जगह छोड़ने का निर्देश दे दिया. ऐसे में पुलों के निर्माण पर संकट खड़ा हो गया है

- राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पत्र भेजकर काम रोकने का दिया निर्देश.

- हल्दिया वाराणसी जलमार्ग शुरू होने के कारण हुई है परेशानी.



बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: गंगा नदी पार कर उत्तर प्रदेश जाने वाले लोगों को इस बार काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.   भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने नदी में दो जगहों पर होने वाले पीपा पुलों का निर्माण करने से रोक दिया है. ऐसे में पुल बनने का इंतजार कर रही बड़ी आबादी को नाव का ही सहारा लेना पड़ेगा.

गंगा नदी के पार रहने वाले बिहार व उत्तर प्रदेश के दर्जनों गांवों के हजारों लोग साल के छह माह नाव से नदी को पार करते है. उनकी सुविधा के लिये बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच पीपा पुल का निर्माण हर साल 15 अक्तूबर तक कराया जाता है. इसके बाद लोगों को आवागमन में आसानी हो जाती है. हालांकि, इस साल पीपा पुलों के निर्माण पर संकट के बादल मंडराने लगे है.

हल्दिया-वाराणसी जलमार्ग शुरु होने से पीपा पुल निर्माण का रास्ता अवरुद्ध हो चुका है. सूत्रों की मानें तो भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) की ओर से लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को पत्र भेजकर पुलों का निर्माण नहीं करने को कहा गया है. प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर वीके कुरील ने पत्र भेजकर कार्गो पोत के आने-जाने में अवरोध पैदा न हो इसके लिये पीपा पुल का निर्माण नहीं करने को कहा है. जलमार्ग प्राधिकरण की चिट्ठी मिलने के बाद से लोक निर्माण विभाग के अफसर भी परेशान है. उन्होंने इस मामलें से आला अधिकारियों को अवगत करा दिया है. पीपा पुल नहीं बनने से बिहार के गंगौली, नियाजीपुर, जवहीं दियर, राजपुर, खरहाटार, डुमरी का उत्तर प्रदेश के बालियां शहर से सटे शिवपुर दियर नम्बरी, सोमाली, जवहीं आदि जगहों से संपर्क टूट जाएगा. ऐसे में लोगों को नावों से आना जाना होगा. बता दें कि हजारों लोग हर रोज यहां से उत्तर प्रदेश आते-जाते हैं.

महुली व नैनीजोर में भी नहीं होगा निर्माण

बिहार के साथ के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार भी अपने किसानों की सहुलियत के लिये गंगा नदी पर दो पीपा पुलों का निर्माण हर साल कराती है. हालांकि, इससे इतर नदी के दोनों किनारों पर बसे गांवों के लोग दोनों राज्यों के पुलों का प्रयोग आवागमन के लिये करते है. हालांकि, इस साल भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के अधिकारियों ने आरा व बक्सर जिला प्रशासन को पत्र भेजकर पुल नहीं बनाने का निर्देश दिया है.

कौन देगा अब तक खर्च हुआ पैसा

उत्तर प्रदेश के घाटों पर पीडब्ल्यूडी की ओर से पीपा पुल का निर्माण शुरु हो चुका है. विभागीय लोगों की मानें तो पुल बनाने पर करीब 27 लाख रुपये खर्च होते है. नदी के अंदर करीब 30 पीपा के उपर लकड़ी-पटरा रखकर आने-जाने के लिये तैयार किया जा रहा था.इसी बीच भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की ओर से पत्र मिलने के बाद काम को रोक दिया गया. सवाल यह है कि पुल नहीं बनने से लोगों को परेशानी होगी साथ ही अब तक निर्माण पर हुए खर्च का क्या होगा.


पीपा पुल का निर्माण शुरु हो चुका था. इसी बीच भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पत्र भेजकर वॉटर-वे के लिये 45 मीटर जगह छोड़ने का निर्देश दे दिया. ऐसे में पुलों के निर्माण पर संकट खड़ा हो गया है. इस मामलें से आला अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.
























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