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Buxar Top News: सात समुंदर पार पहुँची अपनी माटी की महक, अमेरिका में भी छठ की धूम ..

स्थानीय निवासी जॉन स्मिथ कहते हैं कि छठ पूजा के दौरान व्रतियों एवं उनके परिजनों द्वारा किए जाने वाले अनुष्ठान को देख कर उन्हें भी बिहारी संस्कृति को समझने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि कभी उन्हें भी बिहार जाकर आस्था के इस महापर्व से रूबरू होने का मौका मिले.


-  वर्षों से डॉक्टर दंपत्ति मनाते आ रहे हैं आस्था का महापर्व.
- अमेरिका के पेंसिल्वेनिया तथा मूल रूप से जिले के नावानगर थाना क्षेत्र के सोनवर्षा गांव के निवासी हैं चिकिसक.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: लोक आस्था के महापर्व छठ का आज पहला अर्घ्य अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा. छठ को लेकर बिहार यूपी समेत पूरे समेत पूरे समेत पूरे पूर्वांचल के लोगों में विशेष उत्साह रहता है. लोग श्रद्धा भाव के साथ सूर्योपासना के त्यौहार को मनाते हैं. इस महान पर्व की छटा अब हमारे यहां से निकल कर सात समुंदर पार तक जा पहुंची है. अमेरिका के पेंसिल्वेनिया के रहने वाले तथा मूल रूप से जिले के नावानगर थाना क्षेत्र के सोनवर्षा गांव के निवासी शिवजी तिवारी के पुत्र तथा पेशे से चिकित्सक डॉक्टर तारकेश्वर तिवारी तथा उनकी पत्नी भारती तिवारी श्रद्धा भाव से सपरिवार अमेरिका में भी छठ पर्व मनाती हैं. इस दौरान उनके दो बच्चों में भी अपनी संस्कृति को समझने जानने की ललक रहती है तथा वे पूरी श्रद्धा के साथ इस महापर्व में शामिल होते हैं.

7 वर्षों ने निभा रहे हैं परम्परा:

चिकित्सक के छोटे भाई तपेश्वर तिवारी बताते हैं कि उनके भाई ने कोलकाता के प्रतिष्ठित कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमडी की डिग्री ली. करीब 7 वर्ष पूर्व वह बिहार से अमेरिका गए थे. लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर उन्होंने अपनी जन्मभूमि से हजारों किलोमीटर दूर इस पर्व को मनाने का निर्णय लिया. जिसके बाद से लगातार छठ के त्यौहार को मनाते रहे हैं.

सदर विधायक से भी जुड़ा है रिश्ता:

सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने बताया कि भारती तिवारी आरा के विद्वान् प्रोफ़ेसर डॉ उमाशंकर पांडेय की पुत्री है और उनकी रिश्तेदार भी है तथा यह बहुत खुशी की बात है कि वह यहां से हजारों किलोमीटर दूर अपनी परंपरा को जीवित रखे हुए हैं. विधायक ने कहा कि भविष्य में वह प्रयास करेंगे कि वे लोग सपरिवार बक्सर गंगा घाट पर आकर भी छठ पर्व को श्रद्धापूर्वक मनाए. उन्होंने चिकित्सक दंपति को अपने शुभकामनाएं तथा आशीर्वाद भी प्रेषित किया है.

भारतीय संस्कृति को समझने के लिए पहुँचते हैं अमरीकी:

चिकित्सक पत्नी भारती तिवारी बताती हैं कि आस्था के महापर्व के प्रारंभ में खरना का प्रसाद ग्रहण करने के लिए जहां भारतीय मूल के निवासी पहुँचते हैं. वहीं अमेरिकी लोग भी इस चार दिवसीय आयोजन में शामिल होकर हमारी संस्कृति से परिचित होते हैं. वहीं उनके साथ अन्य लोग भी अब आस्था के महापर्व में शामिल होने लगे हैं.


बक्सर के ही एक अन्य चिकित्सक भी छठ के अनुष्ठान में होते हैं शामिल:

श्रीमती भारती तिवारी बताती हैं कि बक्सर के ही एक अन्य डॉक्टर डॉक्टर रतन तिवारी अपने पूरे परिवार के साथ छठ पूजा के अनुष्ठान में शामिल होते हैं. उन लोगों ने मिलकर खरना की तैयारी की है. उन्होंने बताया कि वह हर साल श्रद्धा भाव से छठ के इस अनुष्ठान में सपरिवार सम्मिलित रहते हैं.


स्विमिंग पूल में खड़े होकर देते हैं भगवान भास्कर को अर्घ्य:

छठ के आयोजन के दौरान वे पारंपरिक परिधान पहन कर पूरे रीति-रिवाजों तथा आस्था के साथ स्विमिंग पूल में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं. इस दौरान बिहारी मूल कुछ स्थानीय महिलाएं भी वहां जुटती हैं. जो छठ के गीत गाकर ऐसा माहौल बना देती है, मानो वे अमेरिका में ना होकर बिहार में छठ कर रहे हो.

अब अमेरिकियों को भी भा रही है बिहारी परंपरा:

बिहारी मूल के लोगों द्वारा छठ पर्व मनाने की परम्परा अब अमेरिकियों को भी भा रही है। स्थानीय निवासी जॉन स्मिथ कहते हैं कि छठ पूजा के दौरान व्रतियों एवं उनके परिजनों द्वारा किए जाने वाले अनुष्ठान को देख कर उन्हें भी बिहारी संस्कृति को समझने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि कभी उन्हें भी बिहार जाकर आस्था के इस महापर्व से रूबरू होने का मौका मिले.






















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