रघुकुल के राजकुमारों की निकली बारात, दर्शन पा निहाल हुए नगरवासी ..
सिय-पिय मिलन महोत्सव के तहत नया बाजार से निकलने वाली शोभा यात्रा को लेकर नगर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुस्तैद थी ताकि कही कोई गड़बड़ी नहीं हो. इसको लेकर चौक-चौराहों पर जवानों को तैनात तो किया ही गया था
- नगर में लोगों ने पुष्प वर्षा कर बारात का किया स्वागत
- आकर्षक रंगोलियों ने बनाया उत्सवी माहौल.
बक्सर टॉप न्यूज़,बक्सर 49 वें सिय-पिय मिलन महोत्सव के महाआयोजन से बक्सर धाम की धरा आह्लादित हो रही है. आयोजन स्थल के के आस-पास के इलाके महोत्सव स्थल से निकलने वाले मंगल गीतों की रसधार से ओतप्रोत ही रहे हैं. जिसके कारण केवल आयोजन स्थल ओर नहीं बल्कि नया बाज़ार तथा आस-पास के इलाकों के हर घर में उत्सवी माहौल बन गया है.अहले सुबह रामचरितमानस के पाठ से जागकर लोग देर शाम तक सिय-पिय मिलन के मधुर प्रसंग के साक्षी बन रहे हैं. इसी क्रम में महोत्सव स्थल से मंगलवार की दोपहर बाद श्रीराम बारात की भव्य शोभायात्रा निकली. जिसके दर्शन को शहरवासी सड़क के किनारे उमड़ पड़े. बारात में शामिल देवताओं की मनोहारी झांकियां कलियुग में त्रेता युग का नजारा पेश कर रही थी, जिसके साक्षी बनने के लिए देश के कोने-कोने से साधु-संत व श्रद्धालु पहुंचे थे. श्रीराम बारात के इस अद्भूत नजारे की एक झलक पाने को बच्चे, बूढ़े या युवा दोनों तरफ सड़कों के किनारे पलक पांवड़े बिछाए उनकी राह निहार रहे थे. जिनमें महिलाओं की तादाद बहुत ज्यादा थी. श्रीराम बारात शोभायात्रा का अलौकिक नजारा देखने को मिल रहा था जहां लंबे काफिले में शुभ के प्रतीक नेवला, काक भुसुंडी तो थे ही, श्रीगणेशजी, कार्तिकेय, शिव-पार्वती, ब्रह्मा, विष्णु-लक्ष्मी, व शिव-पार्वती के अलावा देवराज इंद्र भी थे. इस कारवां में ऋषि-मुनियों के साथ मंत्री व अयोध्या नरेश दशरथ अलग-अलग रथों पर सवार होकर आकर्षण का केन्द्र बन रहे थे. इस आयोजन के जनक पूज्य संत श्रीनारायणदासजी भक्तमाली मामाजी व उनके गुरू महर्षि खाकी बाबा सरकार के तैल चित्रों की झांकियां इस यात्रा की अगुवाई कर रही थी. उनके पीछे बैंड बाजों के साथ बारातियों की टोली भजन गाते हुए झूमती-नाचती चल रही थी. आयोजन स्थल से चली बारात अपने पहले पड़ाव मर्हिष विश्वामित्र महाविद्यालय परिसर पहुंची. जहां मंगल गीतों की गायन से माहौल रसमयी हो गया. वहां जाने के बाद परिसर स्थित महोत्सव के प्रणेता नेहनिधि श्री नारायणदास जी भक्तमाली मामाजी के सद्गुरु पूज्य संत श्री खाकी बाबा के मंदिर में आश्रम के महंत श्री राजाराम शरण जी महाराज के सान्निध्य में पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद मंगल गीतों व गालियों के बीच दूल्हे बने चारों भाईयों की जमकर खातिरदारी हुई. आश्रम के परिकरों ने जीजा स्वरूप श्रीराम समेत चारों भाइयों से हंसी-ठीठोली कर बारातियों को खूब रिझाया, तो मंगल गाली गाकर दूल्हे की बोलती भी बंद कर दी. जिसे सुनकर दूल्हा श्रीराम समेत बाराती आनंद विभोर हो गए. इस रस्म को पूरा करने के बाद बाराती शहर के विभिन्न सड़कों से होते हुए मामाजी की जन्म स्थली पांडेयपट्टी पहुंचे. इनके स्वागत को शहर में जगह-जगह रंगोलियां बनाई गईं थीं. बाराती जिस किसी रास्ते से गुजर रहे थे उनके आगवानी में पहले से खड़े श्रद्धालु रथों पर फूलों की बारिश कर रहे थे तथा भगवान श्रीराम की आरती उतार संतों को जलपान करा रहे थे. नगर भ्रमण के बाद बारात दूसरे पड़ाव पांडेयपट्टी पहुँचने पर बारातियों को भोजन कराकर विवाह स्थल के लिए रवाना किया गया.
बारात निकलने से पूर्व हुई रस्मअदायगी:
नया बाजार में आयोजित सिय-पिय मिलन महोत्सव के दौरान श्रीराम की बारात निकलने से पूर्व उन सभी रस्मों को पूरा किया गया. जिसका निर्वहन शादी से पूर्व किया जाता है. भगवान श्रीराम की बारात रवाना होने से पूर्व महिलाओं ने हल्दी व मटकोड़ की रस्म अदायगी की. मतकोड़ के दौरान मिथिलांचल की मैथली भाषा में महिलाओं ने
"भइले मिथिला में शोर, आज सिया लाडली के छैन मटकोड़ .." गाकर लोगों को भाव-विभोर कर दिया.
'आनंद सगुन सुहावन हरदी लगावन हे.. तथा हरदिया बड़ी पातर हे.. आदि हल्दी गीतों को गाती हुई महिलाएं कुदाल से माटी की कुड़ाई की, फिर जनक नंदनी सीता व भगवान श्रीराम समेत चारों भाईयों को हल्दी का लेप लगाकर मंगल परंपराओं को जीवंत किया.
मंगल गाली सुन निहाल हुए बाराती:
बारात के दौरान महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय परिसर में परंपरागत मंगल गीत व गालियां गाकर बरातियों को निहाल कर दिया गया. इस दौरान पूज्य संत भक्तमालीजी द्वारा रचित 'हवन बड़ा धीर हो पहुना के गरियईह जनि.. आदि मंगल गाली गाकर मिथिला वासियों ने भगवान श्रीराम समेत चारों भाईयों की भरपूर खिंचाई की. इन गीतों के माध्यम से भगवान के प्रति भक्ति की जो ससुराली रसधार बही उसकी अनुभूति अनुपम थी. मिथिला की पारंपरिक मंगल गाली को सुनकर बाराती तथा संत व विद्वान भी भाव विभोर हो गए.
बक्सर में खातिरदारी के मुरीद हुए अतिथि:
अतिथि सत्कार के मामले में भगवान वामन की जन्म स्थली व मर्हिष विश्वामित्र की तपस्थली बक्सर की कोई मिसाल नहीं है. त्रेता में भगवान श्रीराम द्वारा पांच ऋषियों के पास जाकर किए गए पंचकोसी परिक्रमा के क्रम में इसका पौराणिक उल्लेख भी मिलता है. जिसके मुताबिक आश्रमों पर जाने के बाद ऋषियों ने उनकी जी-जान से आवभगत की. "अतिथि देवो भव:"के अपने इस कर्तव्य का निर्वहन आज भी लोग बखूबी करते हैं. इसका नजारा उस समय देखने को मिला जब नगरवासी नया बाजार स्थित आश्रम से निकली श्रीराम बारात की शोभा यात्रा में शामिल देश के कोने-कोने से पधारे साधु-संतों व श्रद्धालुओं के स्वागत में पलक पावड़े बिछा दिए. उनकी सेवा व स्वागत में लोग अपने-अपने दरवाजों के सामने न केवल रंगोली बनाकर उनकी आगवानी किए, बल्कि रास्ते से गुजर रहे देव रथों पर पुष्प वर्षा भी कर रहे थे. उनके आवभगत में घंटों से खड़े लोग आग्रह के साथ उन्हें जलपान कराने के लिए भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे थे. ऐसा देख अन्य शहरों से पहुंचे श्रद्धालु काफी अभिभूत थे.
सुरक्षा को अलर्ट रही पुलिस:
सिय-पिय मिलन महोत्सव के तहत नया बाजार से निकलने वाली शोभा यात्रा को लेकर नगर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुस्तैद थी ताकि कही कोई गड़बड़ी नहीं हो. इसको लेकर चौक-चौराहों पर जवानों को तैनात तो किया ही गया था, उनकी निगाहबानी को कई पुलिस पदाधिकारियों के साथ नगर थानाध्यक्ष दयानन्द सिंह स्वयं भी भ्रमण कर रहे थे. इस दौरान आयोजन के प्रथम दिन से ही आश्रम परिसर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात किया गया था. इसकी जानकारी देते नगर थानाध्यक्ष दयानन्द ने बताया कि पूरे आयोजन को प्रमुखता देते हुए पुलिस हमेशा तत्पर थी. इसकी सुरक्षा के लिए काफी संख्या में महिला व पुरूष पुलिस बलों को आश्रम परिसर के इर्द-गिर्द तैनात किया गया था. परन्तु बुधवार को निकलने वाले शोभा यात्रा को लेकर पूरे नगर में हर चौक-चौराहों पर इनको तैनात किया गया है. शोभा यात्रा के लिए अतिरिक्त जवानों को मंगाया गया है. थानाध्यक्ष ने बताया कि नया बाजार से जैसे ही बारात का प्रस्थान हुआ यातायात को बिल्कुल बंद करा दिया गया जिससे बारातियों को किसी प्रकार की परेशानी नही हो.
नगर में लोगों द्वारा जगह-जगह बनायी गयी रंगोली:
श्री सीताराम विवाह महोत्सव आश्रम में होने वाले सिय-पिय मिलन महोत्सव को लेकर बुधवार को शहर सजा हुआ नजर आया. खासकर नया बाजार इलाके में तो इसको लेकर अलग ही धूम दिखी. लोगों ने अपने-अपने घरों के आगे रंगोली बना बारातियों का स्वागत किया. इस दरम्यान एक से बढ़कर एक रंगोली का दृश्यमान हो रही थी. इन लोगों ने बताया कि वैसे तो इस दिन पूरे शहर में उत्सव सा माहौल रहता है लेकिन, नया बाजार इलाके में इसकी बात ही निराली है, जहां हर घर के चौखट पर रंगोली सजी नजर आती है. इस इलाके में इसकी बानगी देखते बनती है. श्रीराम की बारात चूंकि पूरे नगर का भ्रमण करती है लिहाजा, पूरे नगर की सड़कों की साफ-सफाई के साथ पानी से धोकर चकाचक कर दिया जाता है और जगह-जगह बारात का स्वागत किया जाता है. इसके लिए लोग घरों के आगे सड़कों पर रंगोली बनाते हैं तो बारात के गुजरने के दरम्यान शहर के प्रत्येक घर से पुष्प वर्षा भी की जाती है.
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