बड़ी खबर: गांजा बरामदगी मामले में चार अभियुक्तों को 20 साल का सश्रम कारावास, 2-2 लाख जुर्माना ...
इस संबंध में अपर लोक अभियोजक सुरेश सिंह ने बताया कि घटना 29 नवंबर 2013 को घटी थी. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कठार गांव के संतोष कुमार साह के घर पर छापेमारी की
- घर से बरामद की गई थी भारी मात्रा.
- मामले को लेकर दिनभर रहा चर्चाओं का बाज़ार गर्म.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: गांजा बरामदगी के मामले में न्यायालय ले बड़ा फैसला सुनाया है जिस में आरोपियों 20 साल के सश्रम कारावास के साथ साथ दो-दो लाख जुर्माना अदा करने की बात कही गई है माना जा रहा है कि इस तरह की सजा बक्सर व्यवहार न्यायालय के इतिहास में इस तरह के मामलों में सबसे बड़ी सजा है. व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई की. इसमें कोर्ट ने दोनों पक्षों की अधिवक्ताओं की बहस सुनने के पश्चात चार आरोपित संतोष कुमार साह, शिवजी साह, गोरख साह व दिलीप कुमार साह के विरुद्ध आरोप सिद्ध पाया. इस मामले में न्यायाधीश ज्योति शंकर श्रीवास्तव ने सभी को बीस वर्ष सश्रम कारावास समेत दो-दो लाख का जुर्माना लगाया. इसमें दिलीप मुंगेर जिले के मुंगाव बाजार थाना क्षेत्र का रहने वाला है. वहीं, अन्य सभी जिले के कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के कठार गांव के रहने वाले है. सभी को कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद जेल भेज दिया.
इस संबंध में अपर लोक अभियोजक सुरेश सिंह ने बताया कि घटना 29 नवंबर 2013 को घटी थी. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कठार गांव के संतोष कुमार साह के घर पर छापेमारी की. उसके नए व पुराने मकान से 9 क्विंटल 44 किलो गांजा, 11 लाख रुपये, सोने के आभूषण समेत कई बैंकों का पास बुक बरामद किया था. उन्होंने बताया कि गांजा अलग-अलग पैकेट में था. मौके से ही संतोष समेत अन्य की गिरफ्तारी हुई थी. इस मामले में कृष्णाब्रह्म थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी आलोक कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसके पश्चात उन्होंने न्यायालय के समक्ष पर्याप्त सुबूत पेश किया, जिसके के आधार पर कोर्ट नतीजे पर पहुंचा. सूत्रों के मुताबिक गांजा बिक्री मामले में अब तक की सबसे ज्यादा सजा इसी मामले में मिली है. मामले को लेकर न्यायालय परिसर में पूरे दिन चर्चाओं का बाजार गर्म रहा.
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