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बक्सर के युवाओं ने जेई मेंस की परीक्षा में लहराया परचम ..

सौरभ ने अपने बड़े भाई को अपना प्रेरणा स्रोत माना और कुशल मार्गदर्शन में नियमित एवं कठिन परिश्रम से सफलता को अपना मूल मंत्र बताया है
अनन्या सौरभ तथा शुभम

- बक्सर के रहने वाले हैं प्रतिभाशाली युवा.

- माता पिता तथा सहपाठियों ने जताई प्रसन्नता.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नेशनल टेस्ट एजेंसी ( एनटीए ) जेईई मेन पहले चरण का परिणाम शनिवार को जारी कर दिया गया. जेईई मेंस एग्जाम में बक्सर के छात्रों ने अपना परचम लहरा दिया है. बक्सर सदर अस्पताल में चिकित्सक दंपत्ति डॉ संजय कुमार तथा डॉक्टर मधु सिंह की पुत्री अनन्या सिंह एग्जाम में 99.49% परसेंटाइल प्राप्त कर जिले में अव्वल स्थान प्राप्त किया है. अनन्या ने वाराणसी के सनबीम स्कूल से 97 फीसद अंकों से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की थी वह सेकंड टॉपर रही थी.

वहीं वर्तमान में आरा के मौलाबाग में रहने वाले तथा मूल रूप से जिले के रामपुर गांव के निवासी डॉक्टर सुरजीत कुमार राय एवं सुषमा राय के पुत्र सौरभ कुमार ने 99.48 अंक प्राप्त किए हैं. सौरभ ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता है बड़े भाई अभिजीत कुमार जो एनडीए का प्रशिक्षण खड़कवासला से पूरा करने के बाद वर्तमान में हैदराबाद में फाइनल ईयर की ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं को दिया है. सौरभ ने अपने बड़े भाई को अपना प्रेरणा स्रोत माना और कुशल मार्गदर्शन में नियमित एवं कठिन परिश्रम से सफलता को अपना मूल मंत्र बताया है.

डुमरांव प्रखण्ड अंतर्गत सुरौंधा निवासी भाजपा नेता श्री रवि तिवारी के भतीजे शुभम ने इस परीक्षा में आल ओवर इंडिया रैंक में 94.11 परसेंटाइल लाकर अपने जिले का नाम रौशन किया है. विगत 8 से 12 जनवरी के बीच जेईई मेन की कम्प्यूटर आधारित परीक्षा हुई थी, जिसमे 8 लाख 74 हजार 469 विद्यार्थी शामिल हुए थे. एनडीए ने देश और विदेश मे 467 परीक्षा केंद्र बनाए थे और इस बार समय से 12 दिन पहले परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जो कि अपने आप मे रिकॉर्ड है. शुभम की सफलता पर उनके गांव सुरौंधा में खुशी का माहौल है. उनकी सफलता पर बक्सर के अम्बरीश पाठक, कृष्णा शर्मा, विश्वजीत मालवीय, चुलबुल दुबे समेत अन्य लोगो ने बधाई दी है.

अनूप कुमार


सिमरी थाना क्षेत्र के छोटका सिंघम पुरा निवासी बंधन मिश्रा के पुत्र अनूप मिश्रा ने भी जेईई मेंस में 97.34 अंक प्राप्त किए हैं. इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय उनके शिक्षक सुशील कुमार, हिमांशु तिवारी, सूरज मिश्रा और चाचा सोनू मिश्रा को दिया है. अनूप ने बताया कि इन्हीं के बताएं रास्तों पर चलते हुए उसने यह सफलता हासिल की है.













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