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जानलेवा बना रामरेखा घाट, नगर परिषद ने झाड़ा पल्ला ..

नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी राजीव कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि गंगा घाट का निर्माण अब उन्हें नहीं करना है. यह कार्य अब नमामि गंगे परियोजना के तहत हो रहा है

- खतरनाक हो गयी हैं सीढियां, कभी भी हो सकती है दुर्घटना.

- बोले कार्यपालक अधिकारी हमारे जिम्मे नहीं है यह काम.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: विश्व प्रसिद्ध रामरेखा घाट इन किसी भी दिन किसी बड़े हादसे का गवाह बन सकता है. दरअसल, रामरेखा घाट पर बनी सीढियां बिल्कुल ही जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आ गई हैं. हालात यह है कि स्थान के लिए जाने वाला व्यक्ति कभी भी इसकी चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है. वहीं अगर कभी भीड़भाड़ के दौरान सीढियां अचानक से धंस गई तो बड़ी दुर्घटना सामने आ सकती है.

रामरेखा घाट पर नियमित रूप से सफाई अभियान चलाने वाले छात्रशक्ति के बलिराम केशरी ने बताया कि सीढ़ियों से सरिया बाहर की तरफ से झांक रहा है. इसमें फंस कर कोई भी व्यक्ति कभी भी गिर कर घायल हो सकता है. छठ पर्व के दौरान नगर परिषद द्वारा डाली गई बालू की बोरियां भी फट चुकी हैं.स्थानीय पुजारी अमरनाथ पांडेय ने बताया कि मामले को लेकर कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी गई बावजूद इसके सुधार की कोई पहल नहीं की गई.

मामले में नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी राजीव कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि गंगा घाट का निर्माण अब उन्हें नहीं करना है. यह कार्य अब नमामि गंगे परियोजना के तहत हो रहा है. इसलिए अब इस मामले में कुछ भी नहीं कर सकते. 

बहरहाल, एक तरफ जहां रामरेखा घाट पर प्रतिदिन हजारों लोग स्नान करने को आते हैं, वहीं मकर संक्रांति के स्नान को लेकर लाखों लोगों की भीड़ उमड़ने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि मामले में सीधे तौर पर पल्ला झाड़ लेने के बावजूद अगर कोई दुर्घटना घटित होती है तो इसका जवाबदेह कौन होगा?

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