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आचार संहिता की जल्दीबाजी में झूठा साबित हुआ अल्ट्रासाउंड संचालन का दावा ..

बताया कि वह अपनी पत्नी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन वहां मशीनों को शुरू तक नहीं किया गया है. जिसके कारण उन्हें काफी निराशा हाथ लगी. चिकित्सकों से बात करने पर भी उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया

- भटक रहे हैं मरीज, अभी तक नहीं हुआ है मशीनों का इंस्टॉलेशन

- अस्पताल प्रबंधन ने कहा, नहीं हैं योग्यताधारी चिकित्सक.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आचार संहिता लागू होने के पूर्व नेता भले ही आनन-फानन में योजनाओं की शुरुआत करें लेकिन योजनाएं धरातल तक नहीं पहुंच पाती हैं. आश्चर्य तो तब होता है जब संसाधनों के मौजूद होने के बावजूद लोग सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं.ऐसा ही नजारा इन दिनों जिले के सदर अस्पताल में देखने को मिल रहा है. जहां अल्ट्रासाउंड के उद्घाटन के पश्चात मशीन आ जाने के बावजूद अब तक उसका इंस्टॉलेशन तक तक नहीं किया जा सका है. मामले में अस्पताल के अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि योग्यताधारी चिकित्सकों का आभाव अल्ट्रासाउंड संचालन में बाधा बन रहा है.

दरअसल, आचार संहिता लागू होने से पूर्व आनन-फानन में सदर अस्पताल में टेलीमेडिसिन से लेकर अन्य कई सुविधाएं शुरू की गई. लेकिन वह ढंग से संचालित नहीं हो पा रही हैं. इसी क्रम में काफी दिनों से बंद अल्ट्रासाउंड का ही एक बार पुनः उद्घाटन किया गया. लाखों रुपयों की मशीनें भी  मंगवाई गई. हालांकि,  अब तक मशीनों का इंस्टॉलेशन तक नहीं हो सका है. जिसके कारण दूर-दराज से आए मरीजों को काफी निराशा हाथ लग रही है. लोगों का कहना है कि जब इसे शुरू किया ही नहीं जाना था तो आनन-फानन में इस का उद्घाटन करने की क्या आवश्यकता थी. 

सिविल लाइंस मोहल्ले की रहने वाली रीता देवी ने बताया कि उन्होंने समाचार पत्रों में जब यह खबर पढ़ी कि अल्ट्रासाउंड की सेवा पुनः शुरू हो गई तो उन्हें बहुत खुशी हुई थी. लेकिन जब वह वहां पहुंची तो नजारा कुछ और ही था. अल्ट्रासाउंड  का कार्य  शुरू नहीं किया जा सका है वहीं मशीन ज्यों की त्यों रखी हुई है.

सोमेश्वर स्थान के रहने वाले राघव पांडेय ने बताया कि वह अपनी पत्नी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन वहां मशीनों को शुरू तक नहीं किया गया है. जिसके कारण उन्हें काफी निराशा हाथ लगी. चिकित्सकों से बात करने पर भी उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.

मामले में सिविल सर्जन केके लाल ने बताया कि योग्यताधारी चिकित्सक नहीं होने के कारण अल्ट्रासाउंड को शुरू नहीं किया जा सका. उन्होंने बताया अल्ट्रासाउंड के संचालन के लिए चिकित्सकों के पास कम से कम एमबी रेडियोलॉजिस्ट की डिग्री होनी चाहिए लेकिन जहां इस तरह की कोई चिकित्सक नहीं है. ऐसे में अल्ट्रासाउंड को शुरू नहीं किया जा सकता है लेकिन शीघ्र ही इस समस्या का हल निकाल लिया जाएगा.
















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