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विचार: महिला दिवस पर विशेष: नारी तुम नारायणी ..

स्त्री तो स्वयं में इतनी सुंदर है, सद्गुणों की खान है, स्वयं के गुणों को बस सम्हालने की आवश्यकता है. हम आधुनिक हों पर हमारा प्रेम न टूटे, हमारी ममता का लोप न हो

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: संसार की एक सुंदर संरचना, परमात्मा की पूर्ण अवतार, प्रेम की अविरल धारा, स्वयं में ठहरी हुई, स्वयं में अपनी प्रेममयी धारा को समेटी हुई. बड़ा ही पावन स्त्री का स्वरूप, ओज-तेज एक  गरिमामयी स्थिति सब अपने आप में समेटी हुई सहजता की प्रतिमूर्ति पर कुछ समय पीछे जा के देखे तो स्त्री की ये परिभाषा है. पर आज के बढ़ते क्रम में स्त्री की परिभाषा में नित-नित परिवर्तन जारी है. जीवन का मूल स्वरूप खो रहा है, जीवन का उद्देश्य बदल रहा है, प्रेम की एक धारा जो अब समाप्त होती हुई नजर आ रही है. जो परमात्मा की स्वयं स्वरूप कही जाती थी, आज वही परमात्मा से कोसों दूर आधुनिकता को जीवन का प्रमुख अंग बनाते हुए अपने सब सद्धर्म को पीछे छोडती जा रही है. ये बहुत ही दुखद है हमारे समाज के लिए कि स्त्री अपने सद्गुण को खो रही है. वो अपने मूल से भटक रही है. ना पहले जैसी ममता, ना परिवार सम्हालने की क्षमता और पुरुष से इतना प्रभावित कि अपने आपको पुरुष की श्रेणी में खड़ी करने में लगी है.

स्त्री तो स्वयं में इतनी सुंदर है, सद्गुणों की खान है, स्वयं के गुणों को बस सम्हालने की आवश्यकता है. हम आधुनिक हों पर हमारा प्रेम न टूटे, हमारी ममता का लोप न हो, हमारे अन्दर जो हमारा सद्गुण था, जो हम स्त्री की पहचान थी, जिसके कारण हम दुर्गा-काली-सरस्वती कहे गये उस मूल धारा को न छोड़ें. विकास करें और विकसित समाज का निर्माण भी करें. माँ निर्माण की अंतिम इकाई है. तुम्हारे अन्दर अपार संभावनाएं छुपी हैं, उठो और कुछ नहीं, सब कुछ बदल देने की कला को स्मृति में लाओ. जननी हो, खुद की अहम् भूमिका भली भांति निभाओ.

तुम साधारण सी स्त्री नहीं तुम शक्ति हो अपने मूल स्वरूप को स्मृति में ला जीवन को पूर्ण बनाने का अथक प्रयास करो और हमेशा याद रखो परिवर्तन आवश्यक है पर सद्गुण और सद्धर्म के विकास के लिए, मानवता के ह्रास के लिए नहीं.

शक्ति का संयोजन हो, शक्ति क्षीण न हो हमारे अंत: में इस बात का ध्यान रहे. पूर्ण से हमारा जन्म.
पूर्णता में ही समाहित होना हमारे जीवन का उद्देश्य हो यही कामना, यही शुभकामना. यही प्रार्थना इस महिला दिवस पर सभी महिलाओं को ..

- ब्रह्मप्रिया नम्रता कमलिनी











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