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जवानों के नाम पर घिनौनी राजीनीति कर रही सरकार- टी.एन.चौबे

1965 के युद्ध में के सी करिअप्पा, 1971 में लेफ्टिनेंट जनरल एल भार्गव एवं 1971 के युद्ध के दौरान एयर वाइस मार्शल आदित्य विक्रम पाकिस्तान में युद्ध बंदी रहे और उन्हें भारत की सरकार ने वापस लाया था तब उस समय की सरकार ने इस तरह की घिनौनी राजनीति नहीं की थी

- कहा, संकल्प रैली में पैसे व प्रलोभन पर बटोरी गयी भीड़

- शहीद जवान पिंटू सिंह के सम्मान में नहीं पहुँचा कोइड भी नेता.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित संकल्प रैली को कांग्रेस ने पूरी तरह से फ्लॉप बताया है बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरीय नेता टीएन चौबे ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि पटना के गांधी मैदान में एनडीए की संकल्प रैली पूरी तरह से फ्लॉप रही. जो इस रैली में गए उन्हें भी पैसा व प्रलोभन के बल पर ले जाया गया. यह रैली संकल्प की नहीं झूठी संकल्प की थी. बिहार के शहीद जवान पिंटू सिंह का शव जब बिहार आया तो एनडीए की सरकार का कोई मंत्री या नेता एक फूल चढ़ाने तक नहीं गया. शहीद जवानों के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घूम-घूम कर चिल्ला-चिल्ला कर अपने भाषणों में राजनीतिकरण के तहत वोट मांग रहे हैं, जो बेहद शर्मनाक है. ऐसा नहीं होना चाहिए. गंगा सफाई से लेकर मंदिर-मस्जिद, कब्रिस्तान, श्मशान, नोटबंदी, जीएसटी, किसान ऋण माफ़ी, रोजगार, काला धन, जैसे मुद्दों पर विफल रहने वाले नरेंद्र मोदी अब जवान, हिंदुस्तान, पाकिस्तान के सहारे राजनीति कर वोट बटोरना चाह रहे हैं. श्री चौबे ने कहा कि वीर जवान अभिनंदन की वीरता को मैं नमन करता हूं, लेकिन उस वीर जवान के नाम पर राजनीति करने वाले की निंदा करता हूं. इसके पहले 1965 के युद्ध में के सी करिअप्पा, 1971 में लेफ्टिनेंट जनरल एल भार्गव एवं 1971 के युद्ध के दौरान एयर वाइस मार्शल आदित्य विक्रम पाकिस्तान में युद्ध बंदी रहे और उन्हें भारत की सरकार ने वापस लाया था तब उस समय की सरकार ने इस तरह की घिनौनी राजनीति नहीं की थी. जिस तरह आज की सरकार जवानों के नाम पर राजनीति कर रही है.












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