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वीडियो: .. तो क्या जेल में बंद कुख्यात के इशारे पर हुई जेल में गोलीबारी ..

हथियार से लैस होकर पहुंचे अपराधियों ने सुरक्षा में तैनात जवानों को धमकाया था. मामले को लेकर पुलिस को सूचना दिए जाने के बावजूद अब तक कोई कारवाई नहीं हो सकी है जिससे कि अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है.

- एसडीपीओ ने कहा, हो चुकी है अपराधियों की पहचान.
- जेल में बंद कुख्यात हो सकता है घटना का मास्टरमाइंड.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  केंद्रीय कारा एक बार फिर अपराधियों के निशाने पर रहा. कारा के द्वार के समीप बाइक सवार अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दहशत का माहौल कायम कर दिया. बताया जा रहा है कि रविवार की सुबह तकरीबन साढ़े आठ बजे एक बाइक पर तीन की संख्या में सवार अपराधी कर्बला की तरफ से आए जैसे ही वह गंगा तट की तरफ स्थित जेल गेट पर सुरक्षा में तैनात सैप के जवानों को निशाना बनाते हुए गोलियों की बौछार कर दी. अपराधियों ने तकरीबन चार राउंड गोलियां चलाई हालांकि, उनका निशाना चूक गया और जवान बाल-बाल बच गए. दरअसल, जवानों को इस तरह की कारवाई का अंदाजा नहीं था. अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से वह आवाक रह गए. जवानों ने किसी प्रकार संभलते हुए परिसर के अंदर भाग कर अपनी जान बचाई. बाद में जैसे ही पुनः गेट पर पहुंचे तबतक अपराधी भाग चुके थे. 

दो माह पूर्व भी अपराधियों ने सुरक्षा को दी थी चुनौती: 

मामले की पुष्टि करते हुए जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया है कि तीन की संख्या में बाइक सवार अपराधियों ने रविवार की सुबह जेल के गंगा तट के तरफ स्थित द्वार संख्या एक पर तैनात दो सैप के जवान व एक कक्षपाल को निशाना बनाते हुए गोलीबारी की. कारा अधीक्षक ने कहा कि तकरीबन दो माह पूर्व भी इस प्रकार की घटना सामने आई थी. उस वक्त रात तकरीबन एक बजे हथियार से लैस होकर पहुंचे अपराधियों ने सुरक्षा में तैनात जवानों को धमकाया था. मामले को लेकर पुलिस को सूचना दिए जाने के बावजूद अब तक कोई कारवाई नहीं हो सकी है जिससे कि अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है.

जेल की जमीन पर अतिक्रमण, असामाजिक तत्वों का रहता है जमावड़ा:

कारा अधीक्षक ने तकरीबन दो माह पूर्व नगर थाने में जेल के समीप हुए अतिक्रमण को लेकर जिलाधिकारी समेत कई अधिकारियों को पत्र लिखा था. जिसके बाद डीएम के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी, अंचलाधिकारी समेत विभिन्न अधिकारियों ने मामले की जांच की थी अपने पत्र में कारा अधीक्षक ने बताया था कि जेल के उत्तरी गेट के समीप अवैध रूप से मंदिर निर्माण के साथ साथ अनाधिकृत रूप से कुछ कमरे बना कर उस में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगाया जाता है. उन्होंने अपने पत्र में बताया था कि मंदिर के पुजारी खुद अपराधियों को संरक्षण देते हैं, तथा मंदिर परिसर में दिन भर शराबियों एवं गंजेड़ियों की बैठकी लगी रहती है. उन्होंने इस अतिक्रमण को जेल की सुरक्षा पर खतरा बताया था. हालांकि, इसके विरुद्ध अभी तक कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिखी है.

तो क्या जेल में बंद लंबू है घटना का सूत्रधार: 

केंद्रीय कारा को कई मामलों में संवेदनशील माना जाता है 30 दिसंबर 2016 में हुई जेल ब्रेक की घटना के बाद कारा महानिदेशक जेल की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए थे. वहीं पिछले दिनों जेल में कई कुख्यातों को राज्य के अन्य जिलों से स्थानांतरित किया गया है. जेल में बंद कुख्यात अपराधियों में आरा न्यायालय परिसर में बम ब्लास्ट का आरोपी लंबू शर्मा समेत चर्चित गैंगस्टर प्रमोद सिंह भी बंद है. ऐसे में यह भी जा रहा है कि जेल में बंद इन्ही कुख्यातों के इशारे पर यह कारवाई कराई गई हो.

बोले एसडीपीओ, अपराधियों के करीब पहुंच चुकी है पुलिस:

मामले में एसडीपीओ सतीश कुमार ने बताया कि घटना के बाद मौका ए वारदात से नाइन एमएम पिस्टल के चार खोखे मिले हैं. उन्होंने बताया कि घटनास्थल से मिली जानकारी के मुताबिक अनुसंधान करते हुए पुलिस लगभग अपराधियों के करीब पहुंच चुकी है. शीघ्र ही मामले खुलासा कर दिया जाएगा. बातों ही बातों में उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में कारा के सुरक्षा कर्मियों को धमकाने वाले अपराधी ही इस घटना में शामिल हैं. हालांकि, उन्होंने इस घटना में किसी गैंग का हाथ होने से इनकार किया.
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