स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने खराब किया बक्सर का स्वास्थ्य, उद्योग मंत्री को उद्योग लगाने में दिलचस्पी नहीं - अनिल कुमार
उन्होंने कहा कि शर्म आनी चाहिए ऐसे सांसदों पर जो सिर्फ कुर्सी की राजनीति करते हैं. जिन्होंने विकास के नाम पर बक्सर लोकसभा के मतदाताओं से सिर्फ वोट मांगने का काम किया है. शिक्षा चौपट है मात्र एक ही कॉलेज है जिसकी स्थिति भी खराब है.
- दिनारा में किया जनसंपर्क, कहा- अबकी बार नेता नहीं बेटा और भाई चुने.
- अकर्मण्य नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने की मतदाताओं से अपील.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: यह बक्सर की जनता का दुर्भाग्य है और उनके मतों का अपमान है कि जिसको उन्होंने चुना, उसी ने उन्हें छोड़ दिया. वर्तमान सांसद अश्विनी कुमार चौबे केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री हैं, लेकिन आज तक एक अस्पताल नहीं बनवा पाये. उल्टा उनके भ्रष्टाचार और अक्रर्मण्यता ने बक्सर को बीमार करने का काम किया. वहीं, दिनारा के विधायक राज्य सरकार में उद्योग मंत्री हैं, लेकिन उनको बक्सर में उद्योग – धंधे में कोई दिलचस्पी नहीं है. इसलिए अब समय आ गया है कि ऐसे नेताओं को पूरे सम्मान के साथ बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए. उक्त बातें आज जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बक्सर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी अनिल कुमार ने दिनारा विधान सभा के मंझौली, डिलिया, कोआठ मार्केट समेत दर्जनों गांव में तोबड़तोड़ जनसंपर्क के दौरान कही. इस दौरान वे घर – घर जाकर जनता से वोट मांगते नजर आये.
अनिल कुमार ने दिनारा विधान सभा की जनता से सिलाई मशीन छाप पर वोट करने की अपील करते हुए कहा कि बक्सर में चिकित्सा सुविधा बदहाल है. सरकारी अस्पतालों की स्थिति जर्जर है. पूरे लोकसभा क्षेत्र में मात्र एक अस्पताल है, जिसकी स्थिति भी ठीक नहीं है. दवा की कमी है. डॉक्टरों की कमी है. अस्पताल में सुविधा के नाम पर कुछ भी मुहैया नहीं कराई जाती है. रोगी एवं उनके परिजन अस्पताल की स्थिति से परेशान है. गांवों एवं पंचायतों में उप-स्वास्थ्य केन्द्र बंद पड़ी रहती है. पूरे बक्सर लोकसभा क्षेत्र में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल एक भी नहीं है. बक्सर की जनता निजी अस्पतालों के भरोसे है. जहां इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है और यहां के मौजूदा सांसद जो कि केन्द्र में स्वास्थ्य राज्यमंत्री बने हुए हैं, वह सत्ता के सुख में इतने डूब चुके हैं कि उनको बक्सर के आम जनों की पीड़ा दिखाई नहीं देती है. उन्होंने जनसम्पर्क के दौरान कहा कि आपको याद होगा- अश्विनी चौबे ने ही कहा था कि दिल्ली AIIMS (एम्स) में बिहारी लोग फालतू का भीड़ लगाते हैं, वे बिहार के रोगियों को वहां से भगाना चाह रहे थे.
उन्होंने कहा कि शर्म आनी चाहिए ऐसे सांसदों पर जो सिर्फ कुर्सी की राजनीति करते हैं. जिन्होंने विकास के नाम पर बक्सर लोकसभा के मतदाताओं से सिर्फ वोट मांगने का काम किया है. शिक्षा चौपट है मात्र एक ही कॉलेज है जिसकी स्थिति भी खराब है. महिला के लिए कॉलेज नहीं है. उद्योग धंधा एक भी नहीं. चीनी मील, पेपर मील, कपड़े के फैक्ट्री सब वर्षों से बंद पड़ी हुई है. उद्योग धंधे नही होने से बेरोजगारी चरम सीमा पर है. किसानों के लिए- मात्र 20 फीसद भूमि ही सिंचित है वो भी मात्र नहरों से, 80 फीसद भूमि असिंचित है. नहरों की लम्बाई नहीं बढ़ाई गई. समर्थन मूल्य-1750 रुपये, जबकि धान 1400 रुपये पर बिका. यही नहीं क्रेय केन्द्र नहीं खुला. यहां महिलायें एवं बच्चियां असुरक्षित है. ऐसी स्थिति में उन्होंने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि आप अपने बेटे और भाई को एक मौका दीजिए. हम आपके साथ मिलकर काम करेंगे और विकसित बक्सर का निर्माण करेंगे.
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