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अंबेडकर छात्रावास के छात्रों ने की भूख हड़ताल, कल्याण पदाधिकारी को बनाया बंधक ..

अभी तक उन्हें पाठ्यपुस्तकें नहीं मिली हैं. साथ ही साथ बच्चों ने बताया कि कहने को तो 13 शिक्षक यहां पदस्थापित है लेकिन एक-दो को छोड़कर कोई भी शिक्षक नियमित रूप से नहीं आते. उन्होंने बताया कि कंप्यूटर लैब केवल हाथी का दांत प्रतीत हो रहा है. यहां कंप्यूटर की स्थापना तो की गई है लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं हैं. 
- छात्रवास में सुविधाओं की घोर कमी का लगाया आरोप.
- कहा- नहीं मिली है पुस्तकें, विरोध करने पर नाम काटने की मिलती है धमकी.
- मौके पर पहुंचे बीडीओ ने समझा बुझाकर आंदोलन कराया खत्म.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पांडेय पट्टी स्थित राजकीय अंबेडकर छात्रावास के छात्रों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर छात्रावास में तालाबंदी करते हुए प्रधानाचार्य वैद्यनाथ सिंह समेत अन्य शिक्षकों को बंधक बना लिया. साथ ही साथ उन्होंने भूख हड़ताल की भी घोषणा कर दी. मौके पर छात्रों की समस्याओं को जानने तथा उन्हें समझाने-बुझाने को लेकर कल्याण पदाधिकारी राम एकबाल राम भी पहुंचे. लेकिन छात्रों ने उनकी एक न सुनी. 

छात्रों का कहना था कि मई माह में प्रवेश करने के बावजूद अभी तक उन्हें पाठ्यपुस्तकें नहीं मिली हैं. साथ ही साथ बच्चों ने बताया कि कहने को तो 13 शिक्षक यहां पदस्थापित है लेकिन एक-दो को छोड़कर कोई भी शिक्षक नियमित रूप से नहीं आते. उन्होंने बताया कि कंप्यूटर लैब केवल हाथी का दांत प्रतीत हो रहा है. यहां कंप्यूटर की स्थापना तो की गई है लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं हैं. साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि भीषण गर्मी में जनरेटर खराब हो जाने के कारण उन्हें बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पढ़ने के समय ही बिजली चली जा रही है. छात्रों का कहना है कि तकरीबन 3 माह से उन्हें दवा, साबुन, तेल के लिए पैसे नहीं दिए जा रहे. भोजन को लेकर भी  छात्रों में खासा आक्रोश था. उन्होंने बताया कि  एक तो उन्हें मेनू के अनुसार खाना नहीं मिलता, दूसरे खाने की गुणवत्ता बेहद खराब होती है. भवन भी जर्जर अवस्था में है जो कभी भी धराशाई हो सकता है.

छात्रों ने आरोप लगाया कि किसी भी बात की शिकायत करने पर प्रधानाध्यापक द्वारा नाम काटने की धमकी दी जाती है. छात्रों के आक्रोश प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी रोहित कुमार मिश्रा भी मौके पर पहुंच गए तथा उन्होंने कल्याण पदाधिकारी से छात्रों की समस्याओं के बारे में उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में पूछा. कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि किताबों के लिए कक्षा 1 से लेकर 8 तक पैसे दिए जाने हैं. हालांकि, फंड नहीं होने के कारण अभी तक पैसे नहीं दी जा सके हैं. वहीं दूसरी तरफ 9 और 10 वर्ग में क्रमशः 32 और 39 बच्चे हैं लेकिन किताबों की बाजार में अनुपलब्धता होने के कारण दोनों कक्षाओं में क्रमशः 4 सेट एवं 8 सेट पुस्तकें पहुँचाई जा रही हैं.  साथ ही साथ छात्रों द्वारा की गई शिकायतों का निपटारा किया जाएगा. दिन में तकरीबन 1:00 बजे छात्रों को समझा-बुझाकर उन्हें अपनी हड़ताल वापस लेने की बात कही गई. जिसके बाद छात्रों ने शीघ्र ही उनकी समस्याओं को दूर नहीं कि जाने पर पुनः हड़ताल पर जाने की धमकी देते हुए अपना आंदोलन समाप्त कर दिया. 

दूसरी तरफ छात्रों के आंदोलन पर जाने की बात पर मजदूर नेता डॉ. मनोज यादव ने कहा कि सरकार केवल अनुसूचित जाति के लोगों की मदद करने एवं उनके विकास का ढकोसला करती है, जबकि असली तस्वीर सामने है. उन्होंने कहा कि जनता को ऐसी जन विरोधी सरकार को उखाड़ कर फेंक देना चाहिए. भीम आर्मी के अनिल राम ने बताया कि यह व्यवस्था तकरीबन 1 वर्ष से यूं ही चली आ रही है.















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