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चुनौतियों को स्वीकार कर हो सकता है उज्ज्वल भविष्य का निर्माण - प्राचार्य

बताया कि सैद्धांतिक के साथ साथ व्यावहारिक एवं प्रायोगिक अधिगम पर ध्यान देना भी सभी की प्राथमिकताएं होनी चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है. ऐसे में शरीर को भी तंदुरुस्त रखना शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की प्राथमिकता होनी चाहिए

- जी.डी. मिश्रा इंस्टीट्यूट ऑफ हायर स्टडीज में आयोजित हुआ स्वागत समारोह.

- बीएड के अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रायोगिक एवं व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने की कही बात.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिला मुख्यालय के समीप स्थित लालगंज गांव में अवस्थित जीडी मिश्रा इंस्टिट्यूट हायर स्टडीज के प्रांगण में प्रांगण में मंगलवार को दिन में तकरीबन 11 बजे बीएड सत्र 2019-21 के प्रथम वर्ष के छात्र छात्राओं के लिए वेलकम ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता इंस्टीट्यूट के प्राचार्य जी.आर. चौधरी ने की. इस दौरान उन्होंने मौके पर मौजूद छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक बनने का सपना पूरा करने के लिए वर्तमान चुनौतियों को स्वीकार करके ही उज्जवल भविष्य की कामना की जा सकती है. महाविद्यालय के सचिव ने बताया कि सैद्धांतिक के साथ साथ व्यावहारिक एवं प्रायोगिक अधिगम पर ध्यान देना भी सभी की प्राथमिकताएं होनी चाहिए. 

उन्होंने यह भी बताया कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है. ऐसे में शरीर को भी तंदुरुस्त रखना शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की प्राथमिकता होनी चाहिए. कार्यक्रम में उपस्थित फाउंडेशन विद्यालय के प्राचार्य विकास ओझा ने बताया कि पाठ्य सहभागी क्रियाओं के द्वारा ही अच्छी शिक्षा दी जा सकती है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनोविज्ञान के शिक्षाविद डॉ. राजेश्वर मिश्र ने बताया कि शिक्षक और छात्र के बीच समानता होनी चाहिए. ऐसा होने पर कोई काम कठिन नहीं होता. साथियों ने ने यह भी कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती. बच्चों को अधिगम के द्वारा शिक्षा देकर है उसे सफल बनाया जा सकता है.

प्राचार्य ने बताया कि कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए वरीय प्राध्यापक प्रो. देवेंद्र कुमार सिंह, जितेश श्रीवास्तव, अमरीश चौधरी, अवधेश शुक्ला, धर्मेंद्र दूबे, अजय मजूमदार तथा छात्र-छात्राओं की भूमिका सराहनीय रही.









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