जब प्यार को अपनाने से जमाने ने किया इनकार तो खिदमत फाउंडेशन बना मददगार, एक हुए रोजी और राजा ..
आखिरकार उसके जिद के आगे जमाने को झुकना पड़ा और उसने अपना प्यार पा लिया. उसके प्यार में मददगार बना साबित खिदमत फाउंडेशन जिसकी मदद से प्रेमी जोड़े का निकाह करा दिया गया.
- जब प्रेमिका ने किया घर जाने से इनकार, तो घरवालों को गिरानी पड़ी नफरत की दीवार.
- ट्रेन में हुई मुलाकात से शुरु हुआ प्यार, फोन पर चढ़ा परवान.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: ".. जब-जब प्यार पर पहरा हुआ है, प्यार और भी गहरा हुआ है .." यह गाना आपको जरूर याद होगा. कुछ ऐसा ही नजारा हमें बक्सर में देखने को मिला जब प्यार में पागल एक युवती अपना जिला छोड़ बक्सर जिला पहुंच गई. यही नहीं उसने यह जिद पकड़ ली जब तक वह अपने प्रेमी को पा नहीं लेगी वह अपने घर नहीं लौटेगी. आखिरकार उसके जिद के आगे जमाने को झुकना पड़ा और उसने अपना प्यार पा लिया. उसके प्यार में मददगार बना साबित खिदमत फाउंडेशन जिसकी मदद से प्रेमी जोड़े का निकाह करा दिया गया.
दरअसल, भोजपुर जिले की रोज़ी खातून नगर थाना क्षेत्र के सोहनी पट्टी के रहने वाले युवक मो. राजा से प्यार करती थी. हालांकि, घर वाले शादी के लिए तैयार नहीं थे. ऐसे में जब परिजनों के मान-मनौवल से बात नहीं बनी तो लड़के तथा लड़की ने घर छोड़ने का फैसला किया. लड़की भाग कर बनाही से बक्सर पहुंच गई तथा लड़के को फोन किया. लड़के ने भी लड़की का साथ दिया. हालांकि, उसे यह नहीं समझ में आ रहा था कि वह अब जाए तो कहां? इसी चक्कर में वह दोनों पूरी रात दरिया शहीद मजार के पास बैठा रहा. सुबह जब युवक को कुछ नहीं सूझा तो उसने अपने भाई को फोन कर घटना की सारी जानकारी दी.
लड़की की ज़िद ने किया परिजनों को मजबूर:
जानकारी मिलने के बाद लड़के के भाई मौके पर पहुंचे तथा उन्होंने भाई की माशूका को नगर थाने के सुपुर्द कर दिया. नगर थाना पुलिस ने युवती के परिजनों को इस घटना के बारे में जानकारी दी. बताया जा रहा है कि युवती के परिजन उसे लेने के लिए बक्सर पहुंचे तो उसने उनके साथ जाने से इनकार कर दिया. ऐसे में परिजनों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई. युवती ने कहा कि, वह बक्सर में ही रहेगी. जब किसी को कुछ नहीं सूझा तो साबित खिदमत फाउंडेशन के माँ तालीमी मरकज़ यतीमखाने में संपर्क किया तथा युवती को वहीं रखने का अनुरोध किया. परिजनों के पहुंचने पर बाद फाउंडेशन के सचिव साबित रोहतासवी की पहल पर दोनों परिवार वाले निकाह के लिए राजी हो गए. जिसके बाद संस्था के मदरसे में दोनों प्रेमियों का निकाह संपन्न करा दिया गया.
ट्रेन में हुए थे नैना चार, फोन पर चढ़ा प्यार का बुखार:
राजा और रोजी ने बताया कि, दोनों की मुलाकात तकरीबन 6 माह पूर्व ट्रेन में हुई थी. पहली मुलाकात में ही दोनों एक दूसरे से नंबरों का आदान-प्रदान कर लिया. जिसके सहारे उनका प्यार परवान चढ़ता रहा. हालांकि, घर वालों को ये रिश्ता मंजूर नहीं था. जिसके बाद उन्होंने भाग कर शादी करने का फैसला किया.
मासूम प्रेमियों को मिलाने का काम भी करता है फॉउंडेशन:
साबित खिदमत फाउंडेशन के सचिव साबित रोहतासवी ने बताया कि, फाउंडेशन मासूम आशिकों को मिलाने का काम करती है. उन्होंने बताया कि, मौके पर लड़का लड़की के मां-बाप, भाई बहन के साथ-साथ गवाह के तौर पर लड़के के बड़े भाई गुलाम सरवर, तथा लड़की के भाई इमरान खान मौजूद थे. वहीं, संस्था के तरफ से डॉ. दिलशाद आलम, महताब अली, मुर्शीद रज़ा, रोहित कुमार, रोहित चतुर्वेदी, रोहित लाल समेत कई लोग मौजूद थे.
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