अधिवक्ता हत्या मामले में दो दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली ..
उन्होंने यह भी कहा कि, न्यायालय के पिछले द्वार पर जहां दो सैप के जवान तथा दो बिहार पुलिस के जवान गेट बंद होने तक ड्यूटी पर रहते हैं. उनके कार्यकाल में ही गए घटना कैसे घटित हो गई यह भी जांच का विषय है.
- अधिवक्ताओं ने दूसरे दिन भी किया न्यायिक कार्यों का बहिष्कार.
- 9 वर्ष से आम लोगों को भी हुई परेशानी, नहीं हुई मामलों की सुनवाई.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अधिवक्ता चितरंजन सिंह हत्या मामले में पुलिस दूसरे दिन भी खाली हाथ है.ऐसे में न्यायालय में अधिवक्ताओं में आक्रोश बना हुआ है. अधिवक्ताओं ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर जहां गुरुवार को सड़क जाम कर विरोध किया था. वहीं, उन्होंने तब तक के लिए नो वर्क की घोषणा कर दी है. जब तक उनके साथी अधिवक्ता के हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाता.
अपनी घोषणा के तहत शुक्रवार को पूरे दिन न्यायालय में अधिवक्ता न्यायिक कार्यो से विरत रहे. जिसके चलते मुकदमों की सुनवाई अगली तिथि के लिए टाल दी गई. जिससे कि वादी तथा प्रतिवादी दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. अधिवक्ता संघ के महासचिव गणेश ठाकुर ने बताया कि, एसपी ने जहाँ 12 घंटे के भीतर अपराधियों की गिरफ्तारी की बात कही थी वहीं, 48 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि, न्यायालय के पिछले द्वार पर जहां दो सैप के जवान तथा दो बिहार पुलिस के जवान गेट बंद होने तक ड्यूटी पर रहते हैं. उनके कार्यकाल में ही गए घटना कैसे घटित हो गई यह भी जांच का विषय है.
मामले में आरक्षी अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा से बात करने पर उन्होंने बताया कि, अधिवक्ता के हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है. साथ ही मातहतों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया है. जिससे कि, शीघ्र ही हत्यारों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके. जल्द ही हत्यारे पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
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