Header Ads

हाथ-पैर मारती रह गई डीजीपी की "लाचार पुलिस", डुमराँव से ही मिला आशीष का शव ..

उन्होंने बताया कि, वह शव आशीष का ही है. मौके पर आशीष के पिता  तथा  मुख्यालय डीएसपी पहुंच चुके हैं. डीएसपी अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि एफएसएल की टीम को बुलाया गया है तथा वह मौके पर पहुंच कर यह स्पष्ट कर देगी कि शव आशीष का है अथवा नहीं.

- 17 दिन पूर्व कर लिया गया था आशीष नामक बच्चे का अपहरण.
- हाथ-पैर मारती रही पुलिस नहीं मिला था कोई सुराग.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डुमराँव के टेक्सटाइल कॉलोनी से अपहृत युवक आशीष का शव डुमराँव पॉवर हाउस के पीछे बने एक खंडहर नुमा मकान से बरामद कर लिया गया है. लाश लगभग पूरी तरह से सड़ चुकी है. देखने से ऐसा लग रहा है जैसे इसे 15-16 दिन पूर्व हत्या कर रख दिया गया है. मौके पर पहुंचे आशीष के पिता ने अपने पुत्र के शव की पहचान केशव की पहचान कर ली है. उन्होंने बताया कि, वह शव आशीष का ही है. मौके पर आशीष के पिता  तथा  मुख्यालय डीएसपी पहुंच चुके हैं. डीएसपी अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि एफएसएल की टीम को बुलाया गया है तथा वह मौके पर पहुंच कर यह स्पष्ट कर देगी कि शव आशीष का है अथवा नहीं.
पिता के साथ आशीष (फ़ाइल इमेज)

बता दें कि, पिछले 18 दिनों पूर्व डुमराँव के निवासी पूर्व सैनिक गजेंद्र तिवारी के पुत्र आशीष का अपहरण उस वक्त कर लिया गया था जब वह दोस्तों के साथ काली माता का मेला घूमने के लिए निकला था. बाद में अपराधी ने 30 लाख रुपयों की फिरौती की मांग फोन पर की थी. हालांकि, बाद में अपराधी ने उस मोबाइल नंबर को भी स्विच ऑफ कर दिया. घटना के बाद काफी लंबे समय तक हाथ-पैर मारने के बावजूद पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली. वहीं, मामले को लेकर मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री तथा डीजीपी से भी कई बार गुहार लगाई गई. लेकिन, नतीजा कुछ नहीं निकला बताया जा रहा है कि, इस घटना ने सिमरी से अपहृत हुए बच्चे की याद ताजा करा दी है. उसका भी शव गाजीपुर के समीप गंगा किनारे से मिला था. बहरहाल, इस घटना ने कहीं ना कहीं पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल तो खड़े कर ही दिए हैं. वहीं, जिले में रहने वाले लोगों के जेहन में भी एक अजीब दहशत पैदा हो गई है.












No comments