अधिवक्ता हत्याकांड में यशवंत ने किया आत्मसमर्पण, संग्राम के लिए होगी कुर्की-जब्ती की कारवाई ..
बदले की आग में जल रहे खूंटी यादव के पुत्र बेसब्री से चितरंजन सिंह के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही बाहर आए कि कुछ ही दिनों बाद सुनियोजित तरीके से उनलोगों ने अधिवक्ता की हत्या कर दी.
- हत्याकांड में में शामिल 6 भेजे गए सलाखों के पीछे.
- बदले की भावना में दिया गया कारवाई को अंजाम.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अधिवक्ता चितरंजन सिंह हत्याकांड में शामिल स्व. खूँटी यादव के बड़े पुत्र यशवंत यादव ने गुरुवार को न्यायालय के समक्ष समर्पण कर दिया. फरार अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है. वहीं, शुक्रवार को फरार आरोपी संग्राम के घर पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी.
मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस की जांच के बाद यह बात पूरी तरह साबित हो चुकी है कि अधिवक्ता चितरंजन सिंह की हत्या पूर्व से चले आ रहे भूमि विवाद के मामले में की गई है. जिसमें स्व. खूंटी यादव के दो पुत्रों का हाथ था. इसका खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा ने बताया कि डेढ़ साल पूर्व हुए खूंटी यादव की हत्या में अधिवक्ता चितरंजन सिंह पर इसका आरोप लगाया गया था. जिसमें जेल से छूटकर अभी कुछ ही दिनों पूर्व अधिवक्ता चितरंजन सिंह बाहर आए थे. इस दौरान बदले की आग में जल रहे खूंटी यादव के पुत्र बेसब्री से चितरंजन सिंह के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही बाहर आए कि कुछ ही दिनों बाद सुनियोजित तरीके से उनलोगों ने अधिवक्ता की हत्या कर दी. इस मामले में अब तक पांडेयपट्टी के चौकीदार मदिल यादव के पुत्र हरेंद्र यादव के साथ नौवीं कक्षा के एक छात्र को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था. जबकि उनकी निशानदेही पर सोंधिला निवासी धर्मेंद्र पासवान पिता ब्रह्मा पासवान के अलावा पांडेयपट्टी निवासी गोलू कुमार और राहुल कुमार को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जबकि वारदात में शामिल फरार अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस का लगातार दबाव बना हुआ है.
पिता की हत्या का बदला लेने के लिए हरेंद्र के साथ मिलकर रची शाजिश:
एसपी ने बताया कि, गिरफ्तार अभियुक्तों ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि हत्या की पूरी साजिश खूंटी यादव के बेटों के साथ मिलकर हरेंद्र यादव ने रची थी. घटना को अंजाम देने के लिए शूटर धर्मेंद्र पासवान से संपर्क किया गया था. जिसके इशारे पर पांडेयपट्टी के गोलू कुमार तथा राहुल कुमार भी इस साजिश में शामिल हुए थे. जबकि हत्या के समय धर्मेंद्र पासवान तथा खूंटी यादव के पुत्र संग्राम यादव दोनों ने एक साथ ताबड़तोड़ फायरिग करते हुए चितरंजन सिंह को गोलियों से भून डाला था. तब इनका एक ही लक्ष्य था कि किसी भी सूरत में चितरंजन सिंह जिदा नहीं बचना चाहिए. पुलिस के अनुसार धर्मेंद्र पासवान पूर्व से हिस्ट्री शीटर है तथा पहले भी हथियार सप्लाई में पेन पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
नौंवी का छात्र भी था हत्या की वारदात में शामिल:
दिनदहाड़े हत्या की इस घटना को अंजाम देने में बक्सर के एक प्रतिष्ठित उच्च विद्यालय के नौवी कक्षा का छात्र भी शामिल था. जिसे हत्या की दूसरी घटना को अंजाम देने के पहले ही कोर्ट के पिछले गेट के पास से हथियार समेत गिरफ्तार कर लिया गया था. हत्या का पूरा तानाबाना रचने वाले हरेंद्र यादव की बाइक से उसे भी हिरासत में लिया गया था. आरोपों का सत्यापन हो जाने के बाद नौवीं कक्षा के छात्र को पुलिस ने आरा स्थित बाल सुधार गृह में भेज दिया.
संग्राम के लिए होगी कुर्की-जब्ती की कार्रवाई:
हत्या के इस मामले में गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के अलावा अभी कई आरोपित फरार चल रहे हैं. जिनकी गिरफ्तारी में हो रही देरी को देखते हुए पुलिस ने कोर्ट से कुर्की जब्ती की इजाजत मांगी थी. इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट द्वारा इसके लिए इजाजत दे दी गई है. जिसके बाद आज ही रात अथवा शुक्रवार को सबसे पहले संग्राम यादव के घर की कुर्की जब्ती की जाएगी. इसकी पुष्टि करते थानाध्यक्ष ने बताया कि जल्द ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
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