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किसानों ने कर ली धान की रोपनी, अब फसल बचाने की चिंता ..

आश्चर्यजनक रूप से जिले के विभिन्न प्रखंडों से प्राप्त 9,632 आवेदनों को अभी तक पेंडिंग रखा गया है. इस संदर्भ में पूछे जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि, दिन में सर्वर डाउन होने के कारण आवेदन इतनी संख्या में पेंडिंग है. हालांकि, इस संदर्भ में विभाग को मेल भेजकर मार्गदर्शन मांगा गया है.

- तकनीकी खराबी का हवाला देकर डीजल अनुदान के हजारों आवेदन रखे गए हैं पेंडिंग
- सिंचाई के आभाव में फसलों को बचाने के लिए परेशान हैं किसान.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अनियमित मानसून के बीच भी लगभग सभी प्रखंडों में किसानों ने धान की रोपनी कर ली है. हालांकि, एक बार फिर मौसम की बेईमानी के कारण किसानों को अपनी फसल के बचाव की चिंता सताने लगी है. भले ही सरकार डीजल अनुदान को लेकर अनेक तरह के दावे करें. लेकिन, धरातल पर सच्चाई यह कि, डीजल अनुदान जैसे सरकारी लाभ किसानों तक नहीं आसानी से पहुंच पाते. कुछ ऐसी ही स्थिति अभी भी बनी हुई है. जिसके चलते खेतों में दरारे पड़ रही है और किसान आसमान की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं.

शत-प्रतिशत आच्छादन के दावे कर रहा विभाग:

जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती के अनुसार जिलेभर में 90 हजार हेक्टेयर में खरीफ की खेती की जानी है. जिसमें शत-प्रतिशत रोपनी कर ली गई है. उन्होंने बताया कि बक्सर प्रखंड में लक्ष्य 6,695 हेक्टेयर, चौसा में 6,570 हेक्टेयर, राजपुर में 20,850 हेक्टेयर इटाढ़ी में 16,615 हेक्टेयर डुमराँव में 9,900 हेक्टेयर, नावानगर में 14,400 हेक्टेयर में 9,000 हेक्टेयर केसठ में 1,890 हैक्टेयर, चौगाईं में 3,000 हेक्टेयर, सिमरी में 1,000 हेक्टेयर तथा चक्की में 80 हेक्टेयर में धान की फसल रोपी गई है. इस प्रकार शत-प्रतिशत आच्छादन का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है.

डीजल अनुदान के लिए प्राप्त हुए 11 हजार से ज्यादा, तकरीबन 10 हज़ार आवेदन पेंडिंग: 

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में खनिज की खेती के लिए डीजल अनुदान के कुल 11,056 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें कृषि समन्वयक द्वारा 1,134 आवेदनों को कृषि पदाधिकारी  के कार्यालय में अग्रसारित किया गया है. वहीं 290 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है. हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से जिले के विभिन्न प्रखंडों से प्राप्त 9,632 आवेदनों को अभी तक पेंडिंग रखा गया है. इस संदर्भ में पूछे जाने पर जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि, दिन में सर्वर डाउन होने के कारण आवेदन इतनी संख्या में पेंडिंग है. हालांकि, इस संदर्भ में विभाग को मेल भेजकर मार्गदर्शन मांगा गया है.

ऐसे में इन आंकड़ों को देखने के बाद एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि, जिस प्रकार आच्छादन के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है उस प्रकार अगर पटवन की व्यवस्था नहीं की गई तो विभाग के सारी उपलब्धियों पर पानी फिर सकता है.














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