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आंगनबाड़ी सेविका को अब प्रतिमाह मिलेगा 500 रुपये का इंसेंटिव ..

पोषक क्षेत्र के कुल बच्चों में 60 प्रतिशत बच्चों का वजन एवं कार्य योजना के मुताबिक 60 प्रतिशत घरों का दौरा करना अनिवार्य है. साथ ही आंगनबाड़ी सहायिका को प्रतिमाह 21 दिन आंगनबाड़ी केंद्र खोलने पर 250 रुपए इंसेंटिव के तौर पर देने का प्रावधान किया गया है.
- आंगनबाड़ी सहायिका को भी  प्रतिमाह 250 रुपए का इंसेंटिव, लगभग 50 प्रतिशत सेविका ही उठा रहीं हैं लाभ.
- राज्य के 18 आईसीडीएस-केस से जुड़े जिलों में आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका के लिए इंसेंटिव का प्रावधान.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पोषण संबंधित कार्यक्रमों को क्षेत्रीय स्तर पर कार्यान्वनित  करने में आंगनबाड़ी कार्यकताओं की विशेष भूमिका होती है. उनके इस योगदान को सरकार प्राथमिकता दे रही है. इसके लिए आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को इन्सेन्टिव प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. राज्य के 18 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों को आईसीडीएस-केस(कॉमन एप्पलीकेशन सिस्टम) से जोड़ा गया है. फ़िलहाल इन्हीं जिलों में आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को इंसेंटिव दी जा रही है.

तय मानक हासिल करने पर मिलेगा इंसेंटिव: 

आईसीडीएस-केस से जुड़े जिलों में आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को इंसेंटिव प्रदान करने की पहल की गयी है. इंसेंटिव प्रदान करने के लिए कुछ मानक तैयार किए गए हैं. आंगनबाड़ी सेविका को प्रतिमाह 500 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए सेविका को अपने पोषक क्षेत्र के कुल बच्चों में 60 प्रतिशत बच्चों का वजन एवं कार्य योजना के मुताबिक 60 प्रतिशत घरों का दौरा करना अनिवार्य है. साथ ही आंगनबाड़ी सहायिका को प्रतिमाह 21 दिन आंगनबाड़ी केंद्र खोलने पर 250 रुपए इंसेंटिव के तौर पर देने का प्रावधान किया गया है.

लगभग 50 प्रतिशत सेविका ही उठा रहीं हैं लाभ: पोषण अभियान के तकनीकी सलाहकार मन्त्रेश्वर झा ने बताया आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को प्रोत्साहित करने के लिए इंसेंटिव कि शुरुआत की गयी है. फ़िलहाल राज्य के 13 आकांक्षी जिलों सहित कुल 18 जिलों में यह सुविधा प्रदान कराई जा रही है, जहां आईसीडीएस-केस(कॉमन एप्पलीकेशन सिस्टम) की शुरुआत हो चुकी है. इन 18 जिलों में 5 पुराने जिले हैं, जहां सर्वप्रथम आईसीडीएस-केस(कॉमन एप्पलीकेशन सिस्टम) की शुरुआत की गयी थी. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इन जिलों में प्रतिमाह लगभग 50 प्रतिशत सेविका ही इंसेंटिव प्राप्त करने में सक्षम हो पा रही हैं. यह सरकार की अच्छी पहल है. इसलिए सभी आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को तय मानक पूरा कर इंसेंटिव प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए.

इन जिलों में इंसेंटिव की हुई है शुरुआत:

राज्य के कुल 18 जिलों में 13 आकांक्षी जिलों को भी शामिल किया गया है. इनमें कटिहार, बेगुसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर, बांका एवं नवादा शामिल है. इन जिलों में दूसरे चरण में आईसीडीएस-केस(कॉमन एप्पलीकेशन सिस्टम) की शुरुआत हुई है. साथ ही आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका के लिए इंसेंटिव का भी प्रावधान किया गया है. जबकि अन्य 5 जिलों में प्रथम चरण में ही आईसीडीएस-केस(कॉमन एप्पलीकेशन सिस्टम) की शुरुआत की गयी एवं साथ ही इंसेंटिव का भी प्रावधान किया गया. जिसमें सीतामढ़ी, समस्तीपुर, जहानाबाद, लखीसराय, भागलपुर एवं बक्सर जिलों को शामिल किया गया है.














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