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केंद्र के जल शक्ति अभियान के लिए प्रतिभा सिंटेक्स प्रतिबद्ध ..

प्रतिभा सिन्टेक्स अपने अत्याधुनिक संयंत्र और चार चरणों के शुद्धिकरण तकनीक के माध्यम से डाईहाउस से निकलने वाले दूषित जल को 100 प्रतिशत रिसाईकल करता है एवं 97 प्रतिशत पानी को शुद्ध कर पुनः डाई हाउस में उपयोग में लाया जाता है. 

- रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देती है कंपनी.
- मध्य प्रदेश सरकार से मिला है सम्मान.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: केन्द्र सरकार ने जल शक्ति अभियान की पहल की है, जिसके तहत वॉटर बॉडीज का रिनोवेशन, औद्यागिक उपयोग को कम करना, बारिश के पानी की हार्वेस्टिंग करना एवं वेस्ट पानी का पुनः उपयोग में लाना इत्यादि प्रमुख है. मध्य प्रदेश के पीथमपुर में स्थित प्रतिभा सिन्टेक्स लिमिटेड एक समूह है जो जल संरक्षण मानदण्डों के लिए काम कर रहा है.

ऑयल एवं गैस उघोग के बाद टेक्सटाईल उद्योग ही ऐसा उद्योग है जिसमें पानी का प्रदुषण मुख्यतः होता है. यह हमारी जवाबदेही है कि, पानी का पूर्ण रूप से पुनः उपयोग कर आने वाली पीढ़ी के लिए जल संग्रहण करें. कम्पनी के इन्जिनियरिंग हेड अमृतपाल सिंह छाबड़ा द्वारा कहा गया कि, हमने अपने परिसर में नवीनतम ईटीपीए एसटीपी और वर्षा जल संचयन संयन्त्र स्थापित किये है. प्रतिभा सिन्टेक्स अपने अत्याधुनिक संयंत्र और चार चरणों के शुद्धिकरण तकनीक के माध्यम से डाईहाउस से निकलने वाले दूषित जल को 100 प्रतिशत रिसाईकल करता है एवं 97 प्रतिशत पानी को शुद्ध कर पुनः डाई हाउस में उपयोग में लाया जाता है. शेष 3 प्रतिशत पानी को वाष्प बना कर उड़ा दिया जाता है. परिसर में सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट नवीनतम तकनीक से विकसित किया गया है जो कि, परिसर में रहने वाले 2000 लोगो के माध्यम से उत्पन्न डोमेस्टिक सीवेज वॉटर को शुद्ध करताहै. 68 प्रतिशत शुद्ध पानी बायलर एवं डाईहाउस की आवश्यकता के लिए उपयोग में लाया जाता है. जबकि, बचा हुआ 32 प्रतिशत पानी युमिडिकेशन प्लांट एवं बागवानी में उपयोग में लाया जाता है.

कम्पनी ने अपनी गारमेन्ट यूनिट में वर्षा जल संचयन संयंत्र भी विकसित किया है जिसमें 4800 किलो लीटर पानी एकत्र करने की क्षमता है. इस पानी का उपयोग जल स्तर को बढ़ाने के लिए किया जाता है.

प्रतिभा कम्पनी ने वॉटर रिसाईकलिंग, पुनः उपयोग एवं रेनवाटर हार्वेस्टिंग की प्रक्रिया के द्वारा शुद्ध पानी की खपत को 500 किलोलीटर प्रति दिन कर दिया गया है जो कि वर्ष 2010-11 में 1400 किलोलीटर प्रतिदन थी. इसकी पुष्टि इन्जिनियरिंग हेड अमृतपाल सिंह छाबड़ा द्वारा की गयी.
कम्पनी के जल संरक्षण के प्रयासों से अभिभूत होकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है.














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