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गांवों में घुसने लगा बाढ़ का पानी, बक्सर-मोहनिया मुख्य मार्ग जलमग्न, हाई अलर्ट पर जिला प्रशासन ..

उन्होंने बताया कि, जिन गांवों का संपर्क सड़क मार्ग से टूट सकता है. वैसे गांव के लिए फिलहाल नावों का प्रबंध कराया गया है. इसके साथ ही अंचल कार्यालय में एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जा रही है. जिसमें अंचल कर्मी तथा अधिकारी 24 घंटे मुस्तैद रहेंगे. 

- डीएम, एसपी तथा एसडीएम समेत सभी बीडीओ, सीओ व पुलिसकर्मी हैं अलर्ट
- जिला, अंचल कार्यालय के साथ-साथ पंचायतों में भी स्थापित किए जा रहे हैं कंट्रोल रूम.
- 24 घंटे होगी निगरानी, आपात स्थिति में मिलेगी सहायता.
ब्यक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी साथ ही अब जल 60.29 के स्तर पर स्थिर हो गया है. गंगा की विभीषिका को देखते हुए  जिला पदाधिकारी राघवेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा, एसडीएम के. के. उपाध्याय समेत विभिन्न अधिकारियों ने भी  गंगा  के सीमावर्ती इलाकों का निरीक्षण किया. वहीं सभी बीडीओ एवं सीओ तथा थानों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि, गंगा के सीमावर्ती इलाकों में कटाव भी शुरू हो गया है .हालांकि, जिला प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार बताया जा रहा है. वहीं मुख्यालय समेत जिले में कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा रहे हैं.  उधर दियारा इलाके में भी लोगों में दहशत व्याप्त है जल प्रलय की आशंका से सभी भयाक्रांत है. बताया जा रहा है कई लोग तो  गांव को छोड़कर पलायन भी कर रहे हैं. इधर, मोहनिया बक्सर मुख्य मार्ग पर भी पानी चढ़ गया है.

सैकड़ों एकड़ की फसल हुई बर्बाद: 

गंगा के जलस्तर बढ़ने तथा सहायक नदी ठोरा में आए उफान के कारण सदर प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ के पानी ने लोगों की परेशानी बढ़ानी शुरू कर दी है. गंगा नदी के जलस्तर में आए उफान के कारण सहायक ठोरा नदी में भी जल का स्तर बढ़ने लगा है. जिसके कारण सदर प्रखंड के लरई, जरीगांवा, कुदरतीपुर, गोविंदपुर, पुलिया, कोरबा समेत कई गांवों में सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है. 

विद्यालय में घुसा पानी, अन्यत्र किया गया विस्थापित:

करहंसी पंचायत के कुदरतीपुर प्राथमिक विद्यालय तथा आंगनबाड़ी केंद्र केंद्र के चारों तरफ बाढ़ के पानी के पहुंचने तथा लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्राथमिक विद्यालय तथा आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को मध्य विद्यालय जरीगांवा में शिफ्ट कर दिया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि, जलस्तर में वृद्धि की रफ्तार अगर यही रही तो कल तक कई गांवों का प्रखंड तथा जिला मुख्यालय से सड़क मार्ग से संपर्क टूट जाएगा.

अंचलाधिकारी ने नावों समेत तैनात किए नाविक व गोताखोर:

दूसरी तरफ संभावित बाढ़ तथा बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए जिला पदाधिकारी के निर्देश पर अंचलाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने ठोरा नदी के किनारे बसे 8 गाँवों प्रत्येक गांव के लिए एक नाव के हिसाब से आठ नावों के साथ नाविक तथा गोताखोरों किया गया है. उन्होंने बताया कि, जिन गांवों का संपर्क सड़क मार्ग से टूट सकता है. वैसे गांव के लिए फिलहाल नावों का प्रबंध कराया गया है. इसके साथ ही अंचल कार्यालय में एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जा रही है. जिसमें अंचल कर्मी तथा अधिकारी 24 घंटे मुस्तैद रहेंगे. इसके साथ ही सभी पंचायतों में भी कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी. जहां पंचायत भवन में अंचल कर्मी के अलावे विकास मित्र, वार्ड सदस्य तथा मुखिया भी स्थिति की मॉनिटरिंग कर अंचल स्थित कंट्रोल रूम को सूचना देते रहेंगे. जिसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.













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