बदहाल उच्च शिक्षा: एमवी कॉलेज में नहीं हैं लाइब्रेरियन, आदेशपाल बाँट रही पुस्तकें ..
इस महाविद्यालय में जहां शिक्षक-छात्र अनुपात बेहद खराब है. वहीं, दूसरी तरफ महाविद्यालय में निर्धन तथा मेधावी छात्रों के पठन-पाठन के लिए स्थापित किए गए पुस्तकालय का भी संचालन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा. बताया जा रहा है कि, पुस्तकालय वर्षों से स्थायी पुस्तकालयाध्यक्ष का अभाव झेल रहा है.
पुस्तकें बाँट रही आदेशपाल |
- एक वर्ष से गायब हैं प्रभारी पुस्तकालयाध्यक्ष, दूसरे भी छुट्टी पर.
- प्रतिभावान छात्रों को खल रहा आभाव, हो रही परेशानी.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सरकार जहां एक तरफ शिक्षा में सुधार के दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ ये सरकारी दावे उस वक्त झूठे साबित हो जा रहे हैं जब जमीनी हकीकत सामने आ रही है.
जिले के सबसे बड़े महाविद्यालय के रूप में जाना जाने वाला महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय अब अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता को खोता जा रहा है. बताया जा रहा है कि, इस महाविद्यालय में जहां शिक्षक-छात्र अनुपात बेहद खराब है. वहीं, दूसरी तरफ महाविद्यालय में निर्धन तथा मेधावी छात्रों के पठन-पाठन के लिए स्थापित किए गए पुस्तकालय का भी संचालन ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा. बताया जा रहा है कि, पुस्तकालय वर्षों से स्थायी पुस्तकालयाध्यक्ष का अभाव झेल रहा है.
नहीं हैं स्थायी पुस्तकालयाध्यक्ष, प्रभारी भी साल भर से लापता:
महाविद्यालय सूत्रों से जानकारी के मुताबिक़ सबसे पहले शशि नाथ तिवारी पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में बक्सर में कार्यरत थे. उनकी सेवानिवृत्ति के बाद सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष बालचंद सिंह को पुस्तकालय का प्रभार सौंपा गया. बताया जा रहा है कि पिछले 1 वर्ष से ज्यादा समय बिना किसी सूचना के महाविद्यालय से गायब हैं. ऐसे में जब उनका कोई पता नहीं चला तो महाविद्यालय प्रशासन के द्वारा इस संदर्भ में इश्तेहार भी निकलवाया गया. फिर भी जब वह महाविद्यालय नहीं पहुंचे. सहायक पारस मणि त्रिपाठी को पुस्तकालयाध्यक्ष का प्रभार दिया गया. लेकिन, वह भी तकरीबन एक हफ्ते से छुट्टी पर चल रहे हैं. ऐसे में पुस्तकालय संचालित होता रहे इसके लिए महाविद्यालय प्रशासन ने आदेशपाल के जिम्मे पुस्तकालय की जिम्मेदारी सौंप दी है. बताया जा रहा है कि, अब आदेशपाल रंजू देवी के द्वारा ही छात्र छात्राओं को पुस्तके दी जा रही है.
स्नातकोत्तर के छात्र छात्राओं को हो रही है परेशानी:
ऐसे मेधावी छात्र जो पैसों के अभाव में पुस्तकों का क्रय नहीं कर पाते उनके लिए महाविद्यालयों में पुस्तकालय की स्थापना की जाती है लेकिन, महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय का पुस्तकालय ऐसे छात्र-छात्राओं के सपनों पर पानी फेर रहा है. स्नातकोत्तर की प्रायोगिक परीक्षा वर्तमान में चल रही है. ऐसे में छात्र जब पुस्तकालय में पहुंचते हैं तो आदेशपाल से पुस्तकों के संदर्भ में उन्हें कोई विशेष जानकारी नहीं मिल पाती. मजबूरन विद्यार्थियों को निराश होकर लौटना पड़ता है.
कहते हैं प्राचार्य:
महाविद्यालय के प्राचार्य नवीन कुमार का कहना है कि, विश्वविद्यालय द्वारा ना तो सभी विषयों में पर्याप्त शिक्षकों की बहाली की गई है और ना ही लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन की नियुक्ति की गई है. हालांकि, दयाशंकर त्रिपाठी फिलहाल प्रभारी पुस्तकालय अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं जो कि, कुछ दिनों से छुट्टी पर हैं.
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