नामांकन की भीड़ से अराजक हुई कॉलेज की स्थिति, छात्रों में मारपीट, प्राध्यापिका से दुर्व्यवहार ..
कर्मियों तथा शिक्षकों ने नामांकन कार्य को ही ठप कर दिया. उनका कहना था कि, जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण महाविद्यालय इस तरह की अराजक स्थिति सामने आई है. ऐसे में जब तक उनकी सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती तब तक वह किसी प्रकार का कार्य नहीं करेंगे.
- असुरक्षा की भावना से भरे शिक्षक कर्मियों ने लिया कार्य बहिष्कार का निर्णय.
- कहा, प्रशासन की उदासीनता के कारण सामने आई है स्थिति.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: स्नातक प्रथम वर्ष में नामांकन हेतु महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय में बुधवार को जमकर बवाल हुआ. इस दौरान आपसी झड़प में एक छात्र के घायल होने की सूचना मिली वहीं, दूसरी तरफ एक प्राध्यापिका से दुर्व्यवहार के बाद कर्मियों तथा शिक्षकों ने नामांकन कार्य को ही ठप कर दिया. उनका कहना था कि, जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण महाविद्यालय इस तरह की अराजक स्थिति सामने आई है. ऐसे में जब तक उनकी सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती तब तक वह किसी प्रकार का कार्य नहीं करेंगे.
"पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर किया जाना था नामांकन:
बताया जा रहा है कि, विश्वविद्यालय के द्वारा नामांकन के लिए 11 सूचियों के जारी होने के बावजूद जिन छात्रों का नामांकन महाविद्यालय में नहीं हो पाया था उन छात्रों को "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर बुधवार को नामांकन के लिए बुलाया गया था. जिसके कारण महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं की काफी भीड़ जमा हो गई थी. हालांकि, भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर पूर्व से कोई तैयारी नहीं होने के कारण स्थिति धीरे-धीरे अराजक होने लगी.
युवक का फटा सर, प्राध्यापिका से दुर्व्यवहार:
इसी क्रम में अपनी बहन का नामांकन कराने आए युवक को कुछ अन्य युवकों ने मारपीट कर घायल कर दिया. युवक सर फट गया बाद में युवक बिना नामांकन कराए ही वापस लौट गया. इसी बीच दोपहर तकरीबन 2 बजे नामांकन कार्य देख रही एक महिला प्राध्यापिका से कुछ असामाजिक तत्वों ने दुर्व्यवहार कर दिया. दुर्व्यवहार के पश्चात प्राध्यापिका उग्र हो गई, जिसके बाद आरोपित वहां से भाग निकले. बाद में इस मामले को लेकर शिक्षकों तथा कर्मियों ने एक आपात बैठक बुलाई. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि, जिला प्रशासन द्वारा जब तक उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी तब तक वह कार्य नहीं करेंगे.
प्रभारी प्राचार्य का आरोप, सूचना देने के बाद भी नहीं दी गई कॉलेज कर्मियों को सुरक्षा:
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए प्रभारी प्राचार्य डॉ. भरत कुमार चौबे ने बताया कि, विश्वविद्यालय द्वारा 11 सूचियों के जारी किए जाने के बावजूद अब तक कई छात्र-छात्राओं का नामांकन नहीं हो पाया था. जिसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा तकरीबन 254 सीटों के लिए "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर नामांकन लेने की तिथि निर्धारित की गई थी. उधर, बीपीएससी की परीक्षा के कर दो दिन तक नामांकन कार्य नहीं होने के बाद तीसरे दिन बुधवार को महाविद्यालय में नामांकन के साथ-साथ अन्य कार्यों को लेकर भी काफी भीड़ जमा हो गई थी. भीड़ को देखते हुए अनुमंडल पदाधिकारी तथा नगर थाने को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए बलों की प्रतिनियुक्ति का अनुरोध किया गया था. हालांकि, के उन लोगों द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद कॉलेज में सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई. जिसके कारण इस तरह के घटना सामने आई.
सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से होगी आरोपितों की पहचान:
प्रभारी प्राचार्य ने कहा कि, मामले में सीसीटीवी फुटेज निकालकर महिला पर अध्यापिका से दुर्व्यवहार करने वाले आरोपी की पहचान की जाएगी. हालांकि, मामले को लेकर थाने में अज्ञात अभियुक्त के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु आवेदन दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि, ऐसे में शिक्षक तथा कर्मियों के संयुक्त संघ का गठन करते हुए यह निर्णय किया है कि, जब तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाएंगे. तब तक महाविद्यालय में किसी प्रकार का कार्य नहीं होने दिया जाएगा.
छात्र नेताओं ने भी की आवाज बुलंद:
प्राध्यापिका के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर छात्र नेताओं ने भी अपनी आवाज बुलंद की है. छात्रसंघ अध्यक्ष रवि यादव ने कहा कि, यह घटना बेहद निंदनीय है तथा विद्यालय में बहुत पर इस तरह का कार्य करने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, वरिष्ठ छात्र नेता मुरारी मिश्रा ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि, महाविद्यालय में हुए इस तरह के शर्मनाक घटना के बाद जिला प्रशासन को महाविद्यालय में सुरक्षा के इंतजाम के साथ-साथ स्थाई पुलिस पिकेट की स्थापना परिसर में करनी चाहिए.
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