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राम बारात का भव्य स्वागत, रात्रि विश्राम के बाद जनकपुर प्रस्थान ..

बारात 28 नवंबर को जनकपुर पहुंचेगी जहाँ 1 दिसम्बर को राम विवाह कार्यक्रम होगा फिर 2 दिसम्बर को कुँवर कलेवा तथा फिर 4 दिसम्बर को बारात वापस अयोध्या लौट जाएगी. आयोजक समिति के सदस्य ने बताया कि, इस कार्यक्रम का उद्देश्य मैत्री को कायम करना है.


- जनकपुर में 1 दिसम्बर को होगा राम विवाह.
- भव्य स्वागत, आरती, पुष्प वर्षा के साथ जय श्रीराम के लगे नारे.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के गोलंबर पर जनकपुर के लिए प्रस्थान कर रही श्रीराम बारात का भव्य स्वागत किया गया और प्रभु राम लखन की आरती उतारी गई. इसके साथ ही पुष्प वर्षा व जय श्री राम के नारों से माहौल को भक्तिमय बना दिया गया. इसके पूर्व अयोध्या से बक्सर आगमन के दौरान वीर कुंवर सिंह सेतु से  नगर में प्रवेश के शुक्रवार की शाम को भी बारात का भव्य स्वागत किया गया था, जिसके बाद बक्सर के राम लक्ष्मण जानकी मंदिर स्थित मठिया पर बारातियों के ठहरने और खाने-पीने का इंतजाम किया गया. बारात की विदाई के दौरान स्वागत बारात में शामिल साधु-संतों तथा बारातियों को अंग वस्त्र व दक्षिणा देकर सम्मानित किया गया. गोलंबर पर बारात के जनकपुर प्रस्थान के दौरान स्वागत कार्यक्रम का संयोजन किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुशील राय ने किया था. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में निर्भय राय, सोनू दुबे, विद्यार्थी परिषद के अविनाश पांडेय, अरविंद सिंह, चंदन पांडेय, संजय राय, राहुल दुबे, चुन्नू राय, गोरेलाल, मुन्ना राय, अमन राय, मोनू राय, सुनील ओझा, डॉ. अनीश राय, छविनाथ त्रिपाठी, संतोष राय, अखिलेश सिंह, बड़े लाल मिश्रा, राजन श्रीवास्तव, धर्मेंद्र साह, रोहित सिंह, अवधेश पाठक, मनीष सिंह समेत कई लोग खासकर महिलायें भी मौजूद रही.


दरअसल, 21 नवंबर को अयोध्या से निकली राम बारात आजमगढ़ होते हुए बक्सर पहुंची, जहां रात्रि विश्राम के बाद वह नया भोजपुर ब्रह्मपुर के रास्ते कई अन्य शहरों से होते हुए जनकपुर के लिए प्रस्थान कर गयी. बताया जा रहा है कि, बारात 28 नवंबर को जनकपुर पहुंचेगी जहाँ 1 दिसम्बर को राम विवाह कार्यक्रम होगा फिर 2 दिसम्बर को कुँवर कलेवा तथा फिर 4 दिसम्बर को बारात वापस अयोध्या लौट जाएगी. आयोजक समिति के सदस्य ने बताया कि, इस कार्यक्रम का उद्देश्य मैत्री को कायम करना है.

बसांव मठ के महंत अच्युत प्रपन्नाचार्य ने बताया कि, यहां विश्राम कुंड है, जहां भगवान राम ने यज्ञ की रक्षा करने के बाद यहां विश्राम किया था. इसीलिए भगवान की बारात जब भी यहां से जाती है तो रात्रि विश्राम करती है, जिसके बाद वह आगे के लिए निकल जाती है. सबसे खास बात यह है कि रामलला के विवादित जमीन पर फैसला आने के बाद एकबार फिर से राम भक्तों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. महंत प्रपन्नाचार्य ने कहा कि भगवान राम का मंदिर जल्द बने यही हमारी कामना है.

उधर, बक्सर के राम जानकी मंदिर के तत्वाधान में आयोजित 50वां श्रीराम विवाह महोत्सव इस बार पहले की अपेक्षा और खास होने जा रहा है, क्योंकि प्रसिद्ध राम कथावाचक मोरारी बापू के अलावे देश दुनिया के अनेकों साधु संत इस आयोजन में शिरकत करेंगे. जबकि देशभर से हर साल की भांति इस साल भी लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचेंगे. 10 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में भक्ति की सरिता बहेगी जिसमें श्रद्धालु गोता लगाते नजर आएंगे.



















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