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सदर विधायक के विकास के दावों की सच्ची तस्वीर: पांडेय पट्टी में विकास के नाम पर डुबा दिए 10.60 लाख रुपये ..

विश्वस्त सूत्रों की माने तो उक्त राशि में से तय कमीशन पहले ही पहुंचा दिया गया था. बाद में तकरीबन तीन चार सौ मीटर नाले का निर्माण करने के बाद नाले को स्लैब बना कर अच्छे तरीके से ढंक दिया गया और बेचारे लोग यूं ही देखते रह गए.

- जलजमाव से मुक्ति दिलाने के नाम पर हुआ था नाली निर्माण का कार्य शुरू.
- मुकाम पर पहुंचने के पूर्व ही काम हुआ बंद, अधिकारियों ने कहा नहीं है फंड.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सदर विधानसभा में इन दिनों चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी जहां अपने किए गए कार्यों के रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे हैं वहीं, दूसरी तरफ बक्सर की जनता उन्हें जमीनी हकीकत भी दिखा रही है. ऐसे ही एक मामले में सदर प्रखंड के पांडेयपट्टी में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास निधि की राशि से विधायक की अनुशंसा पर बन रहे एक नाले के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई से लिए गए टैक्स के पैसों को डुबाने का मामला सामने आया है.

दरअसल, जलजमाव से जूझ रहे पांडेय पट्टी को इससे निजात दिलाने के नाम पर सदर विधायक संजय कुमार तिवारी की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास निधि के द्वारा नाले का निर्माण किया जाना था. नाले का निर्माण शुरु हुआ. जनता को उम्मीद जगी कि, शीघ्र ही उन्हें जलजमाव से मुक्ति मिल जाएगी. लेकिन, विधायक के द्वारा किए गए अन्य कार्यों की तरह यह कार्य भी केवल हवा हवाई ही था. ऐसे में नाले का निर्माण शुरू तो हुआ लेकिन बीच में ही रुक गया. बताया जा रहा है कि, निर्माण एजेंसी के द्वारा 10.60 लाख रुपयों की निकासी करते हुए नाले का निर्माण शुरू किया गया. विश्वस्त सूत्रों की माने तो उक्त राशि में से तय कमीशन पहले ही पहुंचा दिया गया था. बाद में तकरीबन तीन चार सौ मीटर नाले का निर्माण करने के बाद नाले को स्लैब बना कर अच्छे तरीके से ढंक दिया गया और बेचारे लोग यूं ही देखते रह गए. उन्हें यह समझ ही नहीं आया कि, नाले का निर्माण किया गया तो क्यों? और निर्माण के दौरान परेशानियां झेलने के बाद भी उनके साथ ऐसा मजाक क्यों किया गया?

इस मामले का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि, नाले में ना तो इसका "ओर" बनाया गया और ना ही इसका "छोर". यानि कि नाले में ना तो पानी आ रहा है और ना ही नाले से निकलने के लिए कोई रास्ता बनाया गया है. ऐसे में पूरी तरह जनता के पैसों को नाले के नाम पर डुबा देने की बात मानी जा रही है. 

इस विषय में योजना विभाग के अधिकारियों से बात करने पर ज्ञात हुआ कि, जितनी राशि आवंटित थी उतने से निर्माण करा दिया गया है. आगे पुनः विधायक की अनुशंसा पर कार्य किया जाएगा. लेकिन, विधायक अनुशंसा कब तक करेंगे इसका कोई ठीक-ठीक अंदाजा नहीं है. ऐसे में पांडेय पट्टी की जनता स्वयं को ठगा सा महसूस कर रही है. इस संदर्भ में भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी से बात करने पर उन्होंने बताया कि विधायक की योजनाएं यूं ही हवा-हवाई होती हैं. यह कोई पहला मामला नहीं है इसके पूर्व भी उन्होंने जनता को सब्जबाग दिखाकर ठगने का काम किया है. ऐसे में जनता उन्हें इस बार सबक जरूर सिखाएगी.


















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