लोयोला स्कूल में मानव श्रृंखला के पूर्वाभ्यास का किया गया आयोजन ..
मुख्यमंत्री द्वारा शराबबंदी कर सूबे को पूरे देश भर में एक अलग पहचान दी गई है. इसके साथ ही दहेज उन्मूलन तथा बाल विवाह उन्मूलन के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है. अब जल जीवन हरियाली अभियान के द्वारा जल स्रोतों तथा पर्यावरण संरक्षण का एक बेहतरीन अभियान चलाया जा रहा है.
- शामिल हुए स्कूली बच्चे, मानव श्रृंखला का बनेंगे हिस्सा
- प्राचार्य ने कहा सरकार के बेहतरीन अभियान का सभी करे समर्थन
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: शराबबंदी दहेज उन्मूलन बाल विवाह प्रथा उन्मूलन तथा जल जीवन हरियाली अभियान के पक्ष में आगामी 19 जनवरी यानी कि, रविवार को बन रही मानव श्रृंखला के पक्ष में लगातार अभियान चल रहे हैं. स्कूली बच्चों के द्वारा भी मानव श्रृंखला इनमें शामिल होने की अपील की जा रही है. इसी क्रम में नगर के पांडेय पट्टी स्थित लोयोला स्कूल के बच्चों ने भी इस अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रण लेते हुए मानव श्रृंखला का पूर्वाभ्यास किया.
इस बाबत जानकारी देते हुए विद्यालय के प्राचार्या श्रीमती समीक्षा तिवारी ने बताया कि, मुख्यमंत्री द्वारा शराबबंदी कर सूबे को पूरे देश भर में एक अलग पहचान दी गई है. इसके साथ ही दहेज उन्मूलन तथा बाल विवाह उन्मूलन के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है. अब जल जीवन हरियाली अभियान के द्वारा जल स्रोतों तथा पर्यावरण संरक्षण का एक बेहतरीन अभियान चलाया जा रहा है. ऐसे में हर बिहार वासी यह पुनीत कर्तव्य है कि, सरकार के इस सकारात्मक पहल का स्वागत करते हुए इसके पक्ष में आगामी 19 जनवरी को बनने वाली मानव श्रृंखला का हिस्सा बने. उन्होंने बताया कि, विद्यालय के अभिभावकों ने मानव श्रृंखला में अपने बच्चों को शामिल करने के लिए सहमति दी है. जिसके बाद सभी बच्चों को मानव श्रृंखला का पूर्वाभ्यास कराया गया. बच्चे 19 जनवरी को मानव श्रृंखला का हिस्सा बन सरकार के प्रयासों को अपना समर्थन देंगे.
प्राचार्या ने लोगों से यह अपील करते हुए कहा कि, वह भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें तथा बिहार का नाम न सिर्फ देश में बल्कि पूरे विश्व में रोशन करें. उन्होंने बताया कि पूर्वाभ्यास के साथ-साथ मानव श्रृंखला के आयोजन में शिक्षक शिक्षिकाओं में रूपा सहाय, कृति वर्मा, अंबिका कुमारी, प्रियंका, राकेश निराला, शुभम जायसवाल, ज्ञानचंद कुमार, अमृत लाल सिंह, राकेश रंजन, विंध्यवासिनी, निशा कुमारी, आफरीन, गीता कुमारी, रितु कुमारी, वंदना कुमारी आदि शिक्षकों का विशेष योगदान रहा.
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