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वीडियो: दानापुर रेल खंड पर भी दौड़ेगी हाई स्पीड ट्रेन तेजस, पहला ट्रायल सफ़ल..

ट्रायल के लिए 24 बोगियों की स्पेशल ट्रेन सुबह 9.30 बजे डीडीयू स्टेशन से रवाना हुई और ठीक एक घंटे में 10.30 बजे बक्सर स्टेशन पार कर गई.  ट्रेन को पटना पहुंचने में दो घंटे 12 मिनट लगे. 

- डीडीयू-झाझा के बीच में किया गया ट्रायल.
- औसतन गति रही 100 किलोमीटर प्रति घंटा.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: हावड़ा-दिल्ली रेल खंड पर तेजस जैसी हाई ट्रेन चलाने की कवायद तेज हो चुकी है. बताया जा रहा है कि, शीघ्र ही इस योजना पर कार्य शुरू होगा जल्द ही इस रेलखंड पर यात्री इस ट्रेन के सफर का आनंद ले सकेंगे. इसी प्रयास के तहत रविवार को पहली बार पंडित दीनदयाल स्टेशन से झाझा के बीच 130 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार का ट्रायल लिया गया. ट्रायल के लिए 24 बोगियों की स्पेशल ट्रेन सुबह 9.30 बजे डीडीयू स्टेशन से रवाना हुई और ठीक एक घंटे में 10.30 बजे बक्सर स्टेशन पार कर गई.  ट्रेन को पटना पहुंचने में दो घंटे 12 मिनट लगे. 

इस दौरान जगह-जगह कॉशन के कारण ट्रेन की गति कुछ कम करनी पड़ी, लेकिन पूरे खंड पर अनुपातिक ट्रायल सफल रहा। ट्रायल के दौरान इलेक्ट्रिक इंजन से चल रही ट्रेन ने कुछमन से दरौल के बीच 40 किलोमीटर का सफर 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की अधिकतम रफ्तार से दूरी तय की. वहीं, कुछमन से दिलदारनगर के बीच 110 किलोमीटर की गति से ट्रेन चली. गहमर से चौसा के बीच कुछ जगहों पर कॉशन के कारण ट्रेन की गति 75 और 30 किमी प्रतिघंटे रही. वहीं, चौसा से बक्सर और टुड़ीगंज तक ट्रेन 110 और उसके बाद बिहिया तक 120 किमी प्रतिघंटे की गति से चली. कुल मिलाकर पटना तक ट्रेन की औसत गति 100 किलोमीटर प्रतिघंटे के करीब रही. ट्रायल से जुड़े अधिकारी इसे सफल बता रहे हैं. इसी तरह का ट्रायल अप लाइन पर भी झाझा से डीडीयू के बीच किया गया. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक औसतन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घंटा 4 घंटा 20 मिनट तक झाझा से डीडीयू तक 387 किलोमीटर सफर तय किया. 

ट्रेन की गति बढ़ने का बड़ा लाभ दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन से जुड़े महत्वपूर्ण स्टेशनों को मिलने वाला है. दिल्ली से मुगलसराय तक राजधानी और संपूर्ण क्रांति जैसी प्रीमियम ट्रेनों की औसत गति सौ किलोमीटर प्रतिघंटे से ऊपर रहती है, लेकिन डीडीयू से पटना के बीच औसत गति 75 के आसपास रह जाती है. पिछले दिनों बक्सर पहुंचे पूर्व मध्य रेल के जीएम ललितचंद्र त्रिवेदी ने इस खंड पर तेजस और वंदे भारत जैसी सेमी हाईस्पीड चलाने के प्रयासों की जानकारी दी थी. इस ट्रायल के सफल होने के बाद रेलखंड पर न सिर्फ वर्तमान ट्रेनों की गति बढ़ेगी, बल्कि नई ट्रेनों को भी चलाने में इससे मदद मिलेगी.
















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