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झूठी व्यवस्था की सच्ची तस्वीर: करोड़ों रुपये खर्च कर बीमारियों को न्योता दे रहा नप ..

स्थिति यह है कि, कई स्थानों पर टॉयलेट के गेट वगैरह भी गायब है. इस बाबत जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों से पूछने पर उन्होंने जनता को भी अपनी जवाबदेही तय करने की नसीहत दे दी.

पब्लिक टॉयलेट में पसरी गंदगी

- हाल नगर में स्थापित पब्लिक टॉयलेट का.
- स्थापना के ढाई साल बीतने के बाद भी साफ-सफाई से लेकर रखरखाव तक की व्यवस्था लचर
- टैंक लगे पर वॉटर सप्लाई नहीं हो सकी शुरु.9

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के विभिन्न इलाकों में स्थापित किए गए पब्लिक टॉयलेट अब  अनुपयोगी साबित हो रहे हैं. आश्चर्यजनक रूप से नगर परिषद ने स्थापना के ढाई वर्ष से ज्यादा का समय गुजर जाने के बावजूद अभी तक पब्लिक टॉयलेट को पूरी तरह से दुरुस्त भी नहीं किया है. टॉयलेट को जल्दी-जल्दी में स्थापित तो कर दिया गया. लेकिन, उसमें वाटर सप्लाई की व्यवस्था नहीं की गई. बाद में वॉटर सप्लाई की व्यवस्था किए जाने के नाम पर सभी पब्लिक टॉयलेट के ऊपर वॉटर टैंक लगाए गए. लेकिन ना तो टैंक में पानी भरने के उपाय किए गए और ना ही नलों में टोटी लगाई गयी.
टॉयलेट में नहीं है नल की टोटी

अब हालात यह है कि, पानी नहीं होने के कारण जहाँ पब्लिक टॉयलेट में गंदगी पसरी रहती है वहीं, कई जगहों पर टॉयलेट रूम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. स्थिति यह है कि, कई स्थानों पर टॉयलेट के गेट वगैरह भी गायब है. इस बाबत जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों से पूछने पर उन्होंने जनता को भी अपनी जवाबदेही तय करने की नसीहत दे दी. हालांकि, उन्होंने व्यवस्था सुधारने का विचार करने की बात भी कही है.

नगर के 10 स्थानों पर स्थापित किए गए हैं पब्लिक टॉयलेट, करोड़ो रूपये हुए थे खर्च:

नगर में लोगों खासकर महिलाओं को खुले में मूत्र त्याग करने को लेकर होने वाली परेशानियों को देखते हुए तकरीबन ढाई वर्ष पूर्व नगर के 10 स्थानों पर पब्लिक टॉयलेट लगाए गए थे. तकरीबन 1.72 लाख रुपये की लागत से स्थापित किए गए पब्लिक टॉयलेट में तीन सीटर पब्लिक टॉयलेट में दो पुरुष तथा एक महिला यूरिनल स्थापित किए गए थे. स्थापना के कुछ ही समय बाद यह सभी अनुपयोगी साबित हो गए. अब स्थिति यह है कि, साफ-सफाई के नहीं होने से इनका उपयोग करना बीमारियों को आमंत्रित करने जैसा है.
टॉयलेट में भरी गंदगी

अभी तक नहीं हो पाई है वॉटर सप्लाई की व्यवस्था, यूं ही स्थापित किए गए हैं टैंक:

बताया जा रहा है कि स्थापना काल से लेकर अब तक सभी पब्लिक टॉयलेट में वाटर सप्लाई की व्यवस्था नहीं हो पाई है हालांकि, तकरीबन 1 वर्ष पूर्व तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी की पहल पर सभी पब्लिक टॉयलेट के ऊपर एक हज़ार लीटर के वॉटर टैंक लगाए गए थे. योजना थी कि, वॉटर टैंक में प्रति दिन टैंकर से पानी भरवाया जाएगा लेकिन, यह योजना भी धरातल पर नहीं उतर पायी और अब तो वॉटर टैंक भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं.

कहती हैं मुख्य पार्षद:

पब्लिक टॉयलेट के उपयोगकर्ताओं को चाहिए कि वे उसके साफ-सफाई तथा सुरक्षा के प्रति भी जिम्मेदार बने. लोग गंदगी फैला कर यूरिनल को यूं ही छोड़ देते हैं. कई जगहों पर वॉटर टैंक के स्थापना कर पानी सप्लाई का कार्य किया गया है. शीघ्र ही सभी पब्लिक टॉयलेट की नियमित साफ़-सफाई के प्रति विचार किया जाएगा.

माया देवी,
मुख्य पार्षद,
नगर परिषद











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