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Buxar Top News: भोजपुरी सिनेमा में एक ताज़ा खुश्बू है 'ललका ग़ुलाब' ...




बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कहा गया है कि सिनेमा समाज का दर्पण होता है। परंतु भोजपुरी सिनेमा के परिप्रेक्ष्य में यह कथन एकदम आधारहीन और वास्तविकता से कोसों दूर लगता है। भोजपुरी फिल्में आज के दौर में बेसिर पैर की कहानियों, उल-जलूल अभिनय और अश्लीलता का पर्याय बनती जा रहीं हैं। इन सबके व्यथित होकर पेशे से इंजीनयर, बक्सर जिले के डुमरांव के एक युवा निर्देशक जो की अब पूरी तरह से फिल्म निर्माण से जुड़ गया है, ने भोजपुरी फिल्मों और समाज की अस्मिता को पुनः स्थापित करने का जिम्मा उठाया है। हम बात कर रहे हैं सिनेमा जगत में अल्प समय में एक अच्छी पहचान बना चुके युवा निर्देशक अमित मिश्रा की जिनकी पहली भोजपुरी लघु फिल्म 'ललका ग़ुलाब' आज 28 अप्रैल को यूट्यूब पर रिलीज की गई है।

बाज़ारवाद की भेंट चढ़ी घिसी पिटी पटकथा के उलट ललका ग़ुलाब आज के दौर में एक परिवार में पिता-पुत्र और पोते के बीच के आपसी रिश्ते पर प्रकाश डालती है। आज के दौर में जहाँ हरेक रिश्ता जरुरत पर टिका हुआ है वही ललका ग़ुलाब में रिश्तों के बीच के अहसास को प्रदर्शित करने का एक निश्छल और पवित्र प्रयास किया गया है।

अमित मिश्रा बताते हैं - "भोजपुरी फिल्मों ने सबके मन में एक छवि बना दी है कि भोजपुरी सिनेमा में सिर्फ हिंसा, नग्नता और द्विअर्थी संवाद ही होता है। अब इसके पीछे के कारण को भोजपुरी भाषियों की अपनी भाषा व संस्कृति के प्रति उदासीनता कहें या अवसरवादी निर्माताओं की मनमानी, दोनों ही बातें पूरी तरह से मान्य हैं। इसी माहौल में मैं पिछले 7 सालों से घुट-घुटकर जी रहा था लेकिन तब मैं जानता नहीं था कि इसे कैसे ठीक करें। पढ़ाई के दौरान ही मन में एक बात बैठ गई थी कि अश्लील भोजपुरी फिल्मों व द्विअर्थी गीत-संवादों से बनी छवि मेरी मातृभूमि बिहार और मातृभाषा भोजपुरी की असल छवि नहीं है। जब फिल्म बनाने का मन बनाकर 2013 में मुंबई आया था तब से मन में था कि दर्शकों का स्वाद बदलना होगा। उन्होंने बहुत सालों से भोजपुरी में कुछ अच्छा ना देखकर एक दूरी सी बना ली है जिसे कम करना होगा।"

ललका गुलाब के लेखक सह निर्माता अश्विनी रुद्र जो की अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहते है, बताते हैं, "अमित की पहली लघु फिल्म "अंडर द रॉक" देखकर मैंने ललका गुलाब की कहानी अमित से साझा करके पूछा था कि इस कहानी पर फिल्म बनाएंगे? अमित को अपना सपना पूरा होते हुए दिखा और उन्होंने तुरंत कहा कि हम इस कहानी से भोजपुरी में अपनी बात कह सकते हैं।"

फिल्म के ट्रेलर पर आये रेस्पांस से उत्साहित अमित मिश्रा बताते हैं, "कठिनाइयां आतीं हैं लेकिन वो मायने नहीं रखतीं, मायने रखता है तो सिर्फ परिणाम"। 28 अप्रैल को उसी परिणाम का इंतजार है जब मैड मंकीज प्रोडक्शन और आखर भोजपुरी के बैनर तले बनी पहली भोजपुरी लघु फिल्म जनता के बीच होगी। आपको बता दें कि ये फिल्म आखर के यूट्यूब चैनल से रिलीज हुई है (www.youtube.com/c/aakharbhojpuri)
और पूरा आखर परिवार दर्शकों की प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है।

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