BuxarTopNews: भोजपुरी की तरक्की में मील का पत्थर...
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भोजपुरी से बहुत ही कमजोर एवं कम जनाधार वाली भाषाएं आज संविधान की अष्टम अनुसूची में शामील है, जबकि आज भी भोजपुरी इसके चौखट पर खड़ी प्रतिक्षारत है। अब समय आ गया है कि इसे तत्काल अष्टम अनुसूची में जोड़ते हुए भोजपुरी की उपेक्षा एवं वनवास को समाप्त किया जाए। उक्त बाते उच्च न्यायालय पटना के न्यायमूर्ति हेमन्त कुमार श्रीवास्तव ने रविवार को नगर के बंगाली टोला स्थित एक समारोह में ‘कविता कमाल के’ काव्य संकलन के लोकार्पण के दौरान कहा।
समारोह की अध्यक्षता भोजपुरी साहित्य मण्डल के अध्यक्ष अनिल कुमार त्रिवेदी ने किया जबकि संचालन शिवबहादुर पाण्डेय प्रीतम ने किया। आगत अतिथियों का स्वागत काव्य संकलन के संपादक डा. अरूण मोहन भारवी ने पुष्प् गुच्छ, अंग वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर किया। समारोह में उपस्थित बतौर विशिष्ट अतिथि भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष डा. चन्द्रभूषण राय ने कहा कि भोजपुरी साहित्य की समृद्धि एवं विकास में डा. भारवि की कृतियों कविता कमाल के भोजपुरी इनसाइक्लोपीडिया एवं किरण बावनी का अहम योगदान है ये कृतियां भोजपुरी की तरक्की में मील का पत्थर है। सम्मानित अतिथि जिला एवं सत्र न्यायधीश प्रदीप कुमार मल्लिक ने कहा कि साहित्य सदा से ही समाज को सही दिशा एवं मार्गदर्शन देने का कार्य करता आया है। मौके पर डा. रमेश कुमार, डा. सी.एम. सिंह, डा. विष्णुदेव तिवारी, कामेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव, भगवान पाण्डेय, राजनरायण सिंह, राकेश सिंह, रामेश्वरनाथ मिश्र विहान, रामाकांत तिवारी, कुमार नयन समेत अनेको लोग शामिल रहे।
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