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Buxar Top News: अजब गजब: यहाँ अवैध धारकों के हवाले लाईसेंसी हथियार ...


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: हथियारों के लाईसेंस मिलने की जो स्थिति पूरे बिहार की है वो सही में किसी को भी सोचने पर मजबूर कर सकता है कि क्या नियम इतना सरल है कि कोई भी व्यक्ति अपने प्रभाव का फायदा उठाकर आर्म्स का लाइसेंस प्राप्त कर सकता है। हद तो तब हो जाती है जब बक्सर में भी नागालैंड, मिजोरम और न जाने कहाँ कहाँ का लाइसेंस बनवाकर लोग अपना आर्म्स लहराते दिख जाते है।

एक ओर जहाँ ये मामला है वहीँ दूसरी ओर बक्सर में लाईसेंस के लिए कोइ भी आम आदमी चला जाए तो नियम का टिटिम्भा इतना होगा कि वो व्यक्ति यही कहेगा कि रहने दो साहब, आपके नियम के चक्कर में दफ्तर का चक्कर लगा-लगा के मरने से अच्छा है कि कोई मुझे गोली मारकर चला जाए। आरटीआई एक्टिविस्ट अमित राय का इस विषय पर कहना है कि जिसको लाइफ थ्रेट नहीं है वो भी रिवॉल्वर का लाइसेंस बनवाकर घूम रहा है। अगर पूरे बिहार में सभी जिलों के लाइसेंसधारी की जांच करा दी जाए तो आधे से ज्यादा लोगों का पता फर्जी मिलेगा या किसी न किसी केस का अभियुक्त। जो जेन्युइन है उसके पास पैरवी नहीं है, जिसके पास पैरवी है उसके पास पैसा नहीं है और जिसके पास दोनों है वो ईमानदार तो कतई हो ही नहीं सकता  ऐसा मैं नहीं बल्कि वो लोग बोलते है जो रुपये की थैली लेकर लाइसेंस बनबाने का काम करते है। बक्सर में भी लोग नागालैंड की बनी आल इंडिया लाइसेंस के आधार पर अपना हथियार चमकाते रहते हैं। हम सभी को याद भी होगा गया में एमएलसी पुत्र ने जिस रिवॉल्वर से गोली चलायी वो स्पोर्ट्स कोटा से था। आरटीआई एक्टिविस्ट एवं समाजसेवी अमित राय ने कहा कि हथियार जैसे सेंसिटिव मामले में अगर अनसेंसिटिव व्यक्ति को लाइसेंस मिल जाए तो क्या होगा।
आयुध नियम, 2016 के अनुसार लाइसेंस जारी करने के कई नियमों में बदलाव किया गया है। इसमें एक मुख्य बदलाव यह है कि ऑल इंडिया लाइसेंस जारी करने की शक्ति भी जिला स्तर पर सक्षम अधिकारी को प्रदान की गई है। हालांकि इसमें स्पष्ट किया गया है कि किस-किस को ये लाइसेंस जारी किए जा सकते हैं। इन वर्गो में केंद्रीय मंत्री व सांसद, सेना व केंद्रीय सशस्त्र बलों के कार्मिक, अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी, सरकारी अथवा पब्लिक सेक्टर के ऐसे अधिकारी, जिनकी सेवा का दायरा पूरे भारत में हो, समर्पित खेल व्यक्ति व खिलाड़ी, अन्य मामलों में ऐसे व्यापारी अथवा कारोबारी, जो लगातार अपने कार्यो के लिए पूरे देश में भ्रमण करते हैं को इस प्रकार के लाईसेंस देने का प्रावधान है |
वहीँ दूसरी ओर यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है कि अगर दूसरे प्रदेशों से ऑल इंडिया लाइसेंस जारी भी किए गए हैं तो क्या निर्धारित मानकों का सत्यापन किया गया है? इस बाबत हमने जिला शस्त्र अधिकारी कुमारी अनुपम सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों से प्राप्त लाईसेंसों के सत्यापन से जुड़ा कोई भी मामला अभी तक उनके समक्ष नहीं आया है अगर इस तरह का मामला आता है तो यह जरूर जांच किया जायेगा कि किस पत्रांक से वह ट्रांसफर किया गया है | यहीं नहीं लाईसेंस ट्रांसफर करने की भी कोइ नियमावली नहीं है | सपष्ट तौर पर कहें तो लाईसेंस ट्रांसफर नहीं हो सकते हैं | वहीँ राज्य सरकार से जिला प्रशासन को प्राप्त निर्देशों  के अनुसार ऑल इंडिया लाइसेंस के मामलों में सर्वप्रथम राज्य सरकार को इसकी सूचना देनी पड़ती है जिसके बाद राज्य सरकार से गृह मंत्रालय को प्रेषित अनुरोध पत्र पर सहमति के बाद कुछ विशेष वर्ग के ही लोगों को यह दिया जा सकता है | उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि दूसरे राज्य से जुड़े लाइसेंसों के सत्यापन के बाद ही कहा जा सकता है कि वे वैध हैं या अवैध ...
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