Buxar Top News: न्याय की पोषक ही घोंट रही न्याय का गला, एक साथ सरपंच तथा आशा कर्मी बनी हुई है एक महिला, अब जबरन जमा रही दूसरे के घर पर भी कब्जा ..
-दो पदों पर एक साथ कार्यरत है एक महिला,आशा एवं उप सरपंच पद पर एक साथ कर रही हैकार्य
-अबतक नही हुई है कारवाई - अभी भी बनी हुई हैआशाकर्मी.
- साक्ष्यों को छुपाकर लड़ा था त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव.
- दबंगई से जमाया दूसरे के घर पर कब्जा.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिस व्यक्ति पर पंचायत की न्याय व्यवस्था का दारोमदार है वही आज अन्याय का पोषक बना हुआ है. ऐसा ही मामला निमेज पंचायत में सामने आया है. निमेज के आशाकर्मी कुसुम देवी निमेज पंचायत में पंच का चुनाव जीतकर आज उप सरपंच के पद पर कार्यरत है. इसके साथ ही वह आशाकर्मी के पद पर भी कार्यरत है. सूचना के तहत मांगी गयी रिपोर्ट में महिला कुसुम देवी पीएचसी ब्रम्हपुर में आशा की सूची में अभी भी 140 वें नंबर पर सूचीबद्ध है. महिला कुसुम देवी उपसरपंच एवं आशा दोनों ही पदों पर कार्यरत है. विगत साल हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में साक्ष्यों को छुपाकर पंच का चुनाव लड़ी और आज वह निमेज पंचायत का उप सरपंच के पद पर कार्यरत है. चुनाव आयोग के चुनाव संबंधित निर्देशों में स्पष्ट रूप से आशाकर्मी को चुनाव नहीं लड़ने का जिक्र किया गया है. इसको दरकिनार कर चुनाव लड़ी आशाकर्मीकुसुम आज दोनों ही पदों पर काम कर रही है. इसी उप सरपंच पर पूरे निमेज पंचायत क्षेत्र के लोगों की न्याय व्यवस्था कायम है.
दूसरे के घर पर जमाया कब्जा
स्थानीय हलधर ओझा नामक व्यक्ति ने ब्रम्हपुर थाने में दी सूचना में बताया है कि उस दबंग महिला ने अब उनके घर पर भी कब्जा जमा लिया है. उन्होंने बताया कि वे लोग गाँव पर कम ही रहते हैं जिसका फ़ायदा उठाकर महिला उप सरपंच ने उनके घर पर कब्जा जमा लिया है.
ये कर्मी नहीं लड़ सकते है चुनाव
निर्वाचन आयोग से जारी पत्र के अनुसार आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, विशेष शिक्षापरियोजना, साक्षरता अभियान, विशेष शिक्षाकेन्द्रों में मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक हैं तोचुनाव नहीं लड़ सकते हैं. नगरपालिका या पंचायतके अधीन मानदेय या अनुबंध पर नियोजित शिक्षामित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र, आशा कार्यकर्ताऔर दलपति हैं. तो नामांकन स्वीकार्य नहीं होगा.केंद्र या राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारसे पूर्णत: या आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त करनेवाले शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरतपदाधिकारी, शिक्षक, प्रोफेसर, शिक्षकेत्तरकर्मचारी भी चुनाव लड़ने के पात्र नहीं होंगे.
साक्ष्य को छुपाकर किया गया नामांकन
ब्रम्हपुर पीएचसी में आशाकर्मी कुसुम देवी पिछले साल हुये त्रिस्तरीय चुनाव में पंच पद पर चुनाव लड़ी. चुनाव जीतकर वह उप सरपंचभी निर्वाचित हो गयी है. उसने अपने चुनावी घोषणापत्र में आशाकर्मी होने का साक्ष्य छुपाकर नामांकन किया है.
दो पदों पर नहीं कर सकते है कार्य
प्रखंड सूचना पदाधिकारी ब्रम्हपुर से मांगी गयी सूचना के तहत 24 अप्रैल 17 को निर्गत पत्र संख्या 632 में जानकारी दी गयी है किआशाकर्मी पंच, सरपंच, उप सरपंच, ग्राम पंचायत, ग्राम कचहरी के जन प्रतिनिधि पद पर एक साथ नहीं रह सकते है.
कहते है ब्रम्हपुर पीएचसी प्रभारी
आशाकर्मी को चुनाव लड़ने की अनुमति है कि नहीं इसकी जानकारी हमें नहीं है. आशाकर्मीकुसुम के चुनाव जीतकर उप सरपंच बनने की जानकारी मिली है. इससे संबंधित जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी से मांगी गयी है. इससे बाद सरकारी कानून के तहत कारवाई की जाएगी. यूएस त्रिपाठी ब्रम्हपुर पीएचसी प्रभारी
मिला है आवेदन, की जा रही है जाँच: थानाध्यक्ष.
घर पर कब्जा जमाए जाने की बात को लेकर आवेदन मिला है जिसके आधार पर मामले की जाँच की जा रही है. जिसके आधार पर कारवाई की जाएगी.
दयानंद सिंह,
थानाध्यक्ष, ब्रम्हपुर थाना.
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