Buxar Top News:16 घंटे बाद थाने से रिहा हुए आईएमए के सेक्रेटरी डॉ. वी.के.सिंह, संवैधानिक अधिकारों पर आघात की सामने आ रही बात !
सीआरपीसी की धारा 41 (A) के तहत यह बताया गया है कि ऐसे मामलों में जिनमें सात साल से कम सज़ा का प्रावधान हो उनमें व्यक्ति की सामजिक प्रतिष्ठा को देखते हुए उन्हें तुरंत ही निजी मुचलके पर जमानत मिल जानी चाहिए.
- - मकान मालिक के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचे थे चिकित्सक.
- - एसपी के आदेश के बाद लिया गया हिरासत में.
- - पूछताछ के बाद निजी मुचलके पर हुए रिहा.
बक्सर टॉप न्यूज़ ,बक्सर लगभग 16 घंटे तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे का
अंत शुक्रवार की दोपहर तकरीबन 2 बजे आईएमए के बक्सर जिला सेक्रेटरी तथा नगर के प्रसिद्ध
चिकित्सालय वी के ग्लोबल अस्पताल के निदेशक डॉ. वी के सिंह को नगर थानाध्यक्ष
द्वारा निजी मुचलके पर जमानत दे दी गयी.
मामले में नगर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार ने बताया कि गुरुवार को डॉ.वीके
सिंह अपने मकान मालिक के विरुद्ध विवाद का एक मामला लेकर नगर थाने में आये थे. तभी
ज्ञात हुआ कि उनके विरुद्ध नगर थाना में दर्ज काण्ड संख्या 587/17 में उन्हें
शाजिश में शामिल होने का आरोपी बनाया गया है. जिसके बाद आरक्षी अधीक्षकं को मामले
की जानकारी दी गयी तथा उनके निर्देश पर डॉ.वीके सिंह को हिरासत में लेकर उनसे
पूछताछ की जाने लगी. हालाँकि, पूछताछ के बाद उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा देखते हुए उन्हें
निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
चिकित्सक के रिहा होने के बाद आईएमए की बक्सर शाखा के सभी सदस्यों ने
प्रसन्नता जाहिर की है. उन्होंने बताया कि डॉ.वी के सिंह कहीं से भी दोषी नहीं थे
तथा उन्हें हिरासत में लेना कहीं से भी न्यायसंगत नहीं था.
दूसरी तरफ चिकित्सक की गिरफ्तारी के बाद से नगर में चर्चाओं का बाज़ार
गर्म था लेकिन, उनकी की रिहाई के बाद सभी पर विराम लग गया. दूसरी तरफ पुलिसिया
कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गयी है. लोगों का सीधा सवाल यह है कि जब
सीआरपीसी की धारा 41 (A) के तहत यह बताया गया है कि ऐसे मामलों में जिनमें सात साल
से कम सज़ा का प्रावधान हो उनमें व्यक्ति की सामजिक प्रतिष्ठा को देखते हुए उन्हें
तुरंत ही निजी मुचलके पर जमानत मिल जानी चाहिए. तो आखिर किस कारण से उन्हें 16 घंटे तक थाने में
बैठाये रखा गया. क्या पुलिस की इस कारवाई से उनकी सामजिक प्रतिष्ठा पर आघात
पहुँचने के साथ-साथ संवैधानिक अधिकारों का हनन नहीं हुआ है?
Fundamental rights का सहारा लेना चाहिए
ReplyDeleteFundamental rights का सहारा लेना चाहिए
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