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Buxar Top News: नगर परिषद में लूट के खिलाफ उप मुख्य पार्षद ने खोला मोर्चा, कहा- पिछले दो सालों से जनता की हो रही है ठगी !

होल्डिंग टैक्स के रूप में पिछले दो सालों में जनता से बड़ी लूट की गई है. जैसे ही इस बात का खुलासा किया गया पूरे शहर में ये खबर आग की तरफ फैल गयी.

- उप मुख्य पार्षद ने जनता के समक्ष भ्रष्टाचार को किया उजागर.
- प्रेस वार्ता कर मीडिया को दी जानकारी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा. आज आलम ये है कि गांव की पंचायत से लेकर देश की सर्वोच्च सत्ता  तक इस भ्रष्टाचार में सराबोर है. ऐसी ही कुछ डुमरांव नगर परिषद में दिख रहा है जहां होल्डिंग टैक्स के रूप में पिछले दो सालों में जनता से बड़ी लूट की गई है. जैसे ही इस बात का खुलासा किया गया पूरे शहर में ये खबर आग की तरफ फैल गयी. इसके साथ कि उप मुख्य पार्षद ने भी जनहित में इसके विरुद्ध बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है. 

 प्रेसवार्ता कर उप मुख्य पार्षद उषा सिंह ने मामले को उजागर करते हुए बताया कि जब 8 अगस्त 2017 की बैठक में विपक्ष द्वारा होल्डिंग टैक्स लागू किए जाने सम्बन्धी अनियमितताओं के विरोध में मजबूती के साथ विरोध किया गया था और सहमति नही बन पाने के कारण उसे अगले बैठक तक स्थगित कर दिया गया था ताकि आमजनों के बीच इस प्रस्ताव को समझाया जा सके व उनके विचार लिया जा सके. लेकिन उसके बावजूद भी मौखिक रूप से पिछले दो सालों में अधिकांश लोगो से हस्त लिखित व कम्प्यूटर के माध्यम से मनमानी तरीके से होल्डिंग टैक्स की वसूली की जा रही है. ज्ञात हो कि 2016-17 में नगर पतिषद डुमरांव के पत्रांक 793 एवं पत्रांक 796 द्वारा जनता कर आरोपो को सही मानते हुए रद्द किया गया था उसके बावजूद भी बिना किसी लिखित आदेश के ही लोगो से होल्डिंग टैक्स के नाम पर वसूली की जा रही है. 

क्या है पूरा मामला:

दरअसल होल्डिंग टैक्स की लड़ाई लम्बे समय से चली आ रही है. इसी आंदोलन को चुनावी मुद्दा बनाकर पिछले चुनाव में कई लोग पार्षद का चुनाव जीत गए वो अलग बात है कि उनमें से कुछ पार्षद उसी भ्रष्टाचार में लिप्त हो गए. अगर समझा जाए तो ये होल्डिंग टैक्स वह प्रस्ताव है, जिसमे मनमानी तरीके से पहले की अपेक्षा टैक्स कई गुना की बढ़ोतरी कर दी गयी है. जिसका विरोध करते हुए वार्ड नं. 8 के पार्षद अरविंद शर्मा ने बताया कि टैक्स का बढ़ना गलत नहीं है लेकिन डुमरांव के लोगो की आर्थिक स्थिति के हिसाब से बढ़ना चाहिए. यहां के गरीब लोगों व रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले लोगो की कमाई को भांपते हुए टैक्स बढ़ना चाहिए लेकिन नगर परिषद मनमाने तरीके से टैक्स बढाकर अपना जेब भर रही है.















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