Buxar Top News: "अर्जी" "फर्जी" और "मनमर्जी" पत्रकारों के बीच बक्सर की उर्वरा भूमि ने देश को दिए हैं पत्रकारिता के कई कोहिनूर ..
बक्सर में कुछ पत्रकार जब आत्म श्लाघा में सिर फुटौव्वल मचाये है तो उपरोक्त पत्रकार महज मिसाल ही नहीं है इस उर्वर भाव भूमि के वह मशाल हैं जिन्होंने पत्रकारिता की अखंड ज्योति जलाकर ज़िले और पत्रकारिता दोनों का नाम रौशन किया हैं.
- बक्सर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से निकल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है बक्सर के कई पत्रकार.
- जिनकी कलम की ताकत का दुनिया मानती है लोहा ऐसे हैं बक्सर के कोहिनूर.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अर्जी,फ़र्ज़ी और मनमर्जी पत्रकारों के बीच बक्सर के पत्रकारों ने कई मुकाम हासिल किये हैं. जिन्होंने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने कलम की ताकत से एक बड़ा मुकाम हासिल किया है ऐसे ही कुछ पत्रकारों की बानगी निम्न हैं :
राज कुमार
टाइम्स ऑफ इंडिया के पटना संस्करण के स्थानीय संपादक बक्सर के हनुमान फाटक इलाके के रहने वाले है, यह कमलोग ही जानते है कि जेएनयू से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर राज कुमार ता जीवन टाइम्स ऑफ इंडिया से जुड़े रहे और संपादक की शोभा बढ़ा रहे है. नगर के नामी चिकित्सक के रिश्तेदार भी है. हालाँकि उनका परिवार यहाँ से आरा फिर पटना बस चुका है.
अखौरी सुरेश प्रसाद
नई दिल्ली हिंदुस्तान के विशेष संपादक से सेवानिवृत्त पत्रकार सिविल लाइंस बक्सर से जुड़े है.
दर्पण सिंह
हिंदुस्तान टाइम्स के बक्सर स्ट्रिंगर रहे श्री सिंह दिल्ली के वरिष्ठ अंगेज़ी पत्रकार है, सौभाग्य है कि उनकी पत्नी भी विदुषी एवं पत्रकार है और डुमरांव से जुड़े है.
लाल बहादुर ओझा
सिंघनपुरा के रहने वाले श्री ओझा पत्रकारिता के प्रकांड विद्वान है और माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रोफेसर है.
अजीत राय
डुमरांव के एक गांव के रहने वाले दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार श्री राय दिल्ली की नामचीन हस्तियों में शामिल है जागरण फ़िल्म फेस्टिवल के मुख्य कर्ता धर्ता रहे है, उनकी पत्नी भी एन सी इ आर टी दिल्ली में प्राध्यापक है.
संजय सिंह
डुमरांव गढ़ निवासी संजय सिंह दिल्ली स्थित इकनोमिक टाइम्स के पत्रकार रहे अभी टेलीग्राफ से जुड़े है इसके पूर्व लखनऊ स्थित इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार थे.
दिलीप चौबे
अहिरौली के श्री चौबे राष्ट्रीय सहारा दिल्ली के वरिष्ठ संपादक है कुछ दिन पूर्व राष्ट्रीय सहारा के देहरादून संस्करण के स्थानीय संपादक भी रहे है.
कृष्णेन्दू कुमार दुबे
लाखन डीहरा के निवासी और मास कोम दिल्ली के स्नातक श्री दुबे अमर उजाला के देहरादून संस्करण के विशेष संपादक है.
ईश्वर कृष्णओझा
निमेज के रहने वाले औरपत्रकार कुंदन ओझा के अग्रज जमशेदपुर के वरिष्ठ पत्रकार है.
शिशिर संतोष
सोहनी पट्टी के स्थानीय निवासी और कठार गाँव निवासी श्री संतोष हिंदी के कवि है और दैनिक जागरण धनबाद के वरिष्ठ पत्रकार है.
भरत पांडेय
पांडेयपुर निवासी श्री पांडेय भी अमर उजाला नई दिल्ली के पत्रकार है.
कृपा शंकर चौबे
राजपुर बक्सर से जुड़े श्री चौबे कलकत्ता के वरिष्ठ पत्रकार है, पहले जनसत्ता फिर हिंदुस्तान से जुड़े है.
विनय पांडेय
पांडेयपुर ब्रह्मपुर निवासी श्री पांडेय टाइम्स न्यूज़ नेटवर्क नई दिल्ली के संपादक है.
संजय ओझा
सिंघनपुरा निवासी श्री ओझा टाइम्स ऑफ इंडिया पटना के राज्य ब्यूरो प्रमुख है.
मजकूर आलम
नालबंद टोली, बक्सर नगर के निवासी श्री आलम हिंदुस्तान टाईम्स दिल्ली में बतौर वरिष्ठ पत्रकार कार्यरत हैं.
संत प्रकाश राय
नाथपुर चौसा के निवासी श्री राय भी बक्सर के एक ऐसे लाल हैं जिनको बक्सर के कई युवा पत्रकार अपनी प्रेरणा मानते हैं.
संजय राय
डुमरांव के निवासी श्री राय एबीपी न्यूज़ में वरिष्ठ पत्रकार हैं.
शरद कुमार
सिविल लाईन्स, बक्सर नगर के निवासी शरद कुमार देश के जाने-माने पत्रकारों में से एक हैं तथा राजस्थान में आज-तक के ब्यूरो हेड हैं
संजीव कुमार गुप्ता.
ईटाढ़ी निवासी श्री गुप्ता राज्यसभा टीवी के वरिष्ठ पत्रकार हैं.
श्रीकांत प्रत्यूष
पत्रकारों के तीर्थ श्रीकांत प्रत्यूष तो पत्रकारों के विद्यालय या विश्वविद्यालय है. ज़ी न्यूज़ चैनल के पत्रकार संपादक भी है और इन्होंने कई पत्रकारों को पत्रकारिता सिखाई भी है.धमाकेदार, निष्पक्ष और बेबाक लेकिन भरोसेमंद-इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग की वजह से बिहार में टेलीविज़न मीडिया के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे श्रीकांत प्रत्यूष आज के संघर्षशील और उन युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणा-स्रोत हैं जो अपने दमखम पर मीडिया में नया मुकाम हासिल करना चाहते हैं.
उनके कुशल नेतृत्व और प्रबंधन में चल रहे चैनल ‘पीटीएन’ और प्रादेशिक अखबार ‘प्रत्यूष नव बिहार’ को दर्शकों और पाठकों के बीच जो विश्वसनीयता हासिल है वह बड़े-बड़े राष्ट्रीय मीडिया समूह को नहीं मिल पायी है.
5 सितंबर 1974 को बक्सर के गेरुआ बाँध गांव में जन्मे श्रीकांत प्रत्यूष की प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण परिवेश में हुई. डी जी पी गुप्तेश्वर पांडेय के अनुज हैं.
बक्सर में कुछ पत्रकार जब आत्म श्लाघा में सिर फुटौव्वल मचाये है तो उपरोक्त पत्रकार महज मिसाल ही नहीं है इस उर्वर भाव भूमि के वह मशाल हैं जिन्होंने पत्रकारिता की अखंड ज्योति जलाकर ज़िले और पत्रकारिता दोनों का नाम रौशन किया हैं. यहाँ तो "नामधारी", "टिकधारी" खुर्राट आदि कोतवाल की तरह है ही जिनके नाम से ही कोफ्त हो जाती हैं.
कौशलेंद्र ओझा की कलम से
( लेखक वरिष्ठ स्तंभकार हैं.)
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