Buxar Top News: अपनी कृतियों से अमरत्व को पाने वाले महान संत यमुना दास जी महाराज का गंगा में किया गया जल प्रवाह, रामरेखा घाट पर उमड़ा आस्था का जन सैलाब ..
उन्होंने अपने जीवन काल में अपनी सारी संपत्ति उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रेंगा स्थित मठिया के नाम कर दी थी.
- राधे राधे के जयघोष से गूंज उठा नगर, अनुयायियों से पटा रहा गंगा किनारा
- निम्बार्क सम्प्रदाय के संत ने साहित्य, दर्शन औऱ व्याकरण पर लिखी है अनेक रचनाए. उत्तर प्रदेश और बिहार में स्थापित किए गए हैं कई कॉलेज.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: महान संत तपस्वी एवं विद्वान श्री यमुना दास जी महाराज के देहावसान के बाद उनके उत्तराधिकारी गिरीवर लाल और लाल बाबा के नेतृत्व में परम संत के अनुयायियों द्वारा भव्य अंतिम यात्रा गंगा तट पर पहुंची. इस दौरान राधे-राधे के जयघोष पूरा नगर गुंजायमान हो उठा हो.
संत के शिष्य रहे कथावाचक आचार्य भारत भूषण जी महाराज ने बताया कि स्वामी जी महाराज का जन्म वर्ष 1902 में जिले के रेंका पांडेपुर गांव में हुआ था, स्वामी जी ने 5 वर्ष की आयु से ब्रम्हचर्य धारण करते हुए सन्यास का मार्ग वरण कर लिया था. उन्होंने अपने जीवन काल में अपनी सारी संपत्ति उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रेंगा स्थित मठिया के नाम कर दी थी. वह साहित्य दर्शन एवं शास्त्र के मर्मज्ञ विद्वान थे. उनकी शिक्षा दीक्षा काशी में हुई थी जहां उन्होंने साहित्याचार्य व्याकरणाचार्य एवं दर्शनाचार्य की उपाधि प्राप्त की थी. उन्होंने बताया कि स्वामी जी ऋग्वेद से लेकर हनुमान चालीसा तक के प्रखर विद्वान थे. उत्तर प्रदेश में दो महाविद्यालयों के साथ-साथ बिक्रमगंज में मौनी बाबा जमुनादास लखराजो देवी महिला महाविद्यालय के नाम से एक महाविद्यालय की स्थापना की है. इसके अतिरिक्त उन्होंने शिक्षा साहित्य तथा धर्म के क्षेत्र में अनेक रचनाएं भी की है. उन्होंने बताया कि स्वामी के बड़े गुरु भाई मौनीबाबा थे जिन के सानिध्य में स्वामी जी ने सदैव विश्व कल्याण के कार्य किए हैं. उनके निधन से संपूर्ण जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.
ज़िले के रेका पांडेयपुर के पैदा हुए निम्बार्क सम्प्रदाय के संत साहित्य, दर्शन औऱ व्याकरण पर ग्रंथ लिखने वाले यमुना दास जी महाराज का रामरेखा घाट बक्सर स्थित गंगा नदी में जलप्रवाह कर दिया गया. इसके पूर्व स्वामी जी के परम शिष्य एवं उनके उत्तराधिकारी गिरीवर लाल उर्फ लाल बाबा के नेतृत्व में एक विशाल शोभायात्रा उनके गद्दी से निकाली गई जो कि बक्सर नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए गंगा के किनारे पहुंचे जल प्रवाह के दौरान स्वामी जी की अंतिम यात्रा में शामिल लोगों में बसाव पीठाधीश्वर स्वामी अच्युत प्रपन्नाचार्य जी महाराज, प्रोफेसर बलराम मिश्र, श्री ध्रुव कुमार सिंह, छविनाथ त्रिपाठी, डॉ. श्रवण कुमार तिवारी, डॉ. नारायण शास्त्री, मनोज उपाध्याय दीनानाथ पांडेय समेत दूर दराज से आए स्वामी जी के सैकड़ों अनुयाई मौजूद रहे.
वही स्वामी जी के जल प्रवाह के दौरान होने वाली भीड़ के दौरान विधि व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाए जाने के मद्देनजर सदर अनुमंडलाधिकारी गौतम कुमार, एएसपी शैशव यादव, अंचलाधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह, नगर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार मौजूद रहे वहीं घाट की विधि व्यवस्था को लेकर नगर परिषद के कर्मी भी तत्पर नजर आए.
आचार्य भारत भूषण महाराज जी ने बताया के महान संत के देहावसान का स्थल उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रेंगा कुटिया में एक सप्ताह भगवद्गीता कथा उनके द्वारा प्रारंभ की जाएगी.
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