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Buxar Top News: आंखों देखी: कमाई के मामले में आगे लेकिन यात्री सुविधाओं के मामले में फिसड्डी है बक्सर रेलवे स्टेशन !

बक्सर रेलवे स्टेशन के तीनों प्लेटफ़ॉर्म पर  पब्लिक टॉइलट में ताला जड़ा हुआ है, और जो हैं भी वे बिना दरवाजे और साफ-सफाई के कारण असुरक्षित बने हुए हैं.

- शौचालय में जड़ा हुआ है ताला इंफॉर्मेशन सिस्टम है ध्वस्त.
- कमाई के मामले में नंबर 1 स्टेशन पर सफाई समेत मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बक्सर रेलवे स्टेशन को दानापुर रेलवे मंडल में कमाई के मामले में दूसरा स्थान मिला हुआ है  लें यात्री सुविधाओं के मामले में रह स्टेशन काफ़ी पीछे है. कई बुनियादी सुविधाओं की कमियां स्टेशन पर साफ नजर आती हैं. बक्सर रेलवे स्टेशन के तीनों प्लेटफ़ॉर्म पर  पब्लिक टॉइलट में ताला जड़ा हुआ है, और जो हैं भी वे बिना दरवाजे और साफ-सफाई के कारण असुरक्षित बने हुए हैं.


पूर्वोतर को देश की राजधानी से जोड़ने वाले मुख्य  रेलमार्ग पर पड़ने वाले बक्सर रेलवे स्टेशन से  कई रेलगाड़ियां आती-जाती हैं. इनमें से ज्यादातर ट्रेन डेली हैं, जबकि कुछ हफ्ते में दो या तीन दिन आती-जाती हैं. स्टेशन से हर रोज लाखों यात्रियों का आना-जाना होता है. उत्तर प्रदेश के बालियाँ तथा गाजीपुर जाने के लिए हजारों यात्री बक्सर रेलवे स्टेशन से उतरकर बसों, जीपों तथा अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट्स का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन बावजूद इसके स्टेशन पर यात्रियों के बैठने के इंतजामों में कमी है. यात्रियों के बैठने के लिए किए गए इंतजाम नाकाफ़ी हैं. डुमरांव के रहने वाले यात्री रवि तिवारी का कहना है कि से ट्रेनों का इंतज़ार करने वाले यात्रिनों को काफी परेशानियाँ आती हैं. वहीँ प्लेटफार्म पर यात्री शेडों की कमी होने के कारण धूप हो या बारिश हर मौसम का सीधा सामना करना पड़ता है.  

सफाई नदारद

रेलवे स्टेशन को रात-दिन चमकाने के लिए कई सफाई कर्मचारियों को लगाया गया है मगर गंदगी फिर भी नजर आती है. आरा के पकड़ी मोड़ के रहने वाले राजेश कुमार राय का कहना है कि बंद पड़े शौचालयों तथा रेलवे ट्रैक पर गंदगी देखी जा सकती है. वहीँ  कूड़ेदान देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि मानों कई दिनों से उसे खाली ही नहीं किया गया हो. स्टेशन परिसर में फैली गंदगी लोगों को बीमार बनाने के लिए काफी है.

पीने के पानी के लिए बनी हुई है परेशानी, लोग बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर:

बक्सर के चरित्रवन  के रहने वाले यात्री संजय सिंह बताते हैं कि पीने का पानी स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म पर मौजूद तो है, लेकिन कई प्लेटफॉर्म पर नल के आस-पास  गंदगी इतनी है कि आप पानी पी ही नहीं सकते. और अगर किया तो बीमार होने से कोई नहीं रोक सकता. ऐसे में आपके पास बोतलबंद पानी खरीदने के अतिरिक्त कोई रास्ता ही नहीं है.


प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद शौचालयों में बंद हैं तालें, महिला यात्रियों को खासी परेशानी:


बक्सर रेलवे स्टेशन परिसर में  संख्या 1 और 2 पर मौजूद शौचालयों में  ताले बंद हैं, जिसके कारण यात्रियों, खासकर महिला यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है ऐसी स्थिति में उनके पास टॉयलेट फिल्म की तरह ट्रेनों के शौचालय का प्रयोग करना एक विकल्प बचा रहता है. आरा की रहने वाली महिला यात्री उषा राय का कहना है कि रेलवे को यात्रियों के द्वारा होने वाली आय के मद्देनजर यदि सुझाव में बढ़ोतरी खासकर शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं के विषय में तो अवश्य ध्यान देना चाहिए.


अप टू डेट नहीं इंफर्मेशन सिस्टम


यात्रियों को सूचना देने के मामले में यहां स्थिति ठीक नहीं मैट्रिक परीक्षार्थियों द्वारा किए गए उपद्रव के बाद  पूछताछ काउंटर में लगाएगा एलईडी स्क्रीन टूट जाने के स्थिति में एक ही  कर्मी द्वारा  ट्रेनों की जानकारी यात्रियों को उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि  पूछताछ काउंटर पर काफी भीड़ हो जाती है, चरित्रवन के रहने वाले यात्री वीरेंद्र कुमार का कहना है कि अगर  कहीं जाने के लिए ट्रेन की पूछताछ के लिए काउंटर पर पहुंचते हैं तो  वह होने वाले विलंब के चलते  ट्रेन छूटने की संभावना  बनी रहती है. 

वहीं उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेनों में लगने वाले कोचो की स्थिति को दर्शाने के लिए कोई डिस्प्ले प्लेटफार्म पर नहीं है जिससे कि यात्रियों को यह नहीं पता चल पाता कि उनकी कोच कहां लगेगी. 2 मिनट के स्टॉपेज वाले स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है लोग इधर उधर भागते नजर आते हैं जिससे कि दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है.


  सही जगह पर नहीं बनाया गया है फुटओवर ब्रिज लोगों को होती परेशानी:

बक्सर रेलवे स्टेशन पर 2 फुट ओवर ब्रिज बनाए गए हैं लेकिन दोनों लगभग आस-पास ही है जबकि प्लेटफार्म संख्या 1 और 2 के पश्चिमी छोर पर फुटओवर ब्रिज नहीं रहने के कारण लोगों को पैदल ही रेलवे ट्रैक पार करना पड़ता है जिससे कि उनकी जान पर जोखिम बना रहता है. लगभग सभी यात्रियों का कहना है कि रेलवे द्वारा जहां बार-बार रेलवे ट्रैक पर जानकारी करने पर फाइन देने की बात कही जाती है वही सही जगह पर फुट ओवर ब्रिज नहीं होने से यात्रियों की जान पर खतरा मंडराता रहता है. बावजूद इसके रेलवे द्वारा गलत जगह पर फुट ओवर ब्रिज बना दिया गया है.
कहते हैं स्टेशन प्रबंधक:
सभी विषयों पर बात करने को स्टेशन मैनेजर राजन कुमार ने बताया कि उन्होंने विगत 22 मार्च को स्टेशन प्रबंधक का कार्य भार संभाला है. मैट्रिक परीक्षार्थियों द्वारा किए गए उपद्रव के बाद हुए तोड़फोड़ के अतिरिक्त यात्री सुविधाओं की कमी स्टेशन पर देखी जा रही है. उनके बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेकर उनके त्वरित निपटान का प्रयास किया जा रहा है. वही शौचालय  में ताला बंद होने की बात पर उन्होंने कहा कि  इस विषय पर प्रमुखता से पहल की जा रही है और शीघ्र ही  शौचालयों में ताला बंद होने के कारणों की जांच कराते हुए शीघ्र ही उन्हें फिर से शुरू कराया जाएगा. उन्होंने बताया के वह प्रयास करेंगे एक माह में स्थिति और बेहतर हो जाए.















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