Hindi Top News: बिहार दिवस पर विशेष: ये जो मेरा बिहार है ..
हमारे यहाँ व्यवस्था बहाल करने के लिऐ लोग निलहे भी बन जाते है और व्य्वस्था परिवर्तन के लिऐ लोक नायक जय प्रकाश नारायण भी..
- बिहार वासियों को अपनी माटी व संस्कृति पर है भरोसा.
- हर साल प्राकृतिक आपदाओं को झेलने के बावजूद नहीं हारते हैं हिम्मत.
- सबसे अधिक आईएएस एवं आईपीएस अधिकारी देश को प्रदान करने का बिहार का रहा है रिकॉर्ड.
हिंदी टॉप न्यूज़, बक्सर: इतिहास गवाह है...हमने देश को क्या क्या दिया...। बदलते संस्कृति और सभ्यता को नई परंपराओं से अवगत कराया है...हमारा इतिहास आज पूरे देश के इतिहास पर भारी है ...जी हाँ हम यूं ही नहीं कहते हम बिहारी है...।
हम आज जहाँ खडे़ है वो अपने आप में एक उपलब्धि है...तमाम आपदाओं, विपदाओं और आर्थिक मजबूरियों के बाद भी हम आज देश के हर कोने में अपना झंडा बुलंद किए हुऐ है...।हम देश में सबसे अशिक्षित कहें जाते है पर...सबसे अधिक नौकरियां भी हम ही पाते है...आज बिहार दिवस है और मैं बिहारी... तो सोचा कि अपने क्षेत्र और लोगों के प्रति दुसरे क्षेत्र के लोगों के मन में पल रही कुंठा को थोडा दूर करू...।
मैं मानता हूँ कि वर्तमान के बदलते परिवेश और संस्कृति में हम बिहारी थोडा़ पीछे रह जाते है...क्योंकि हम दिल से सोचते है...हमारी सहनशीलता और संस्कार हमें आगे बढने नहीं देतें... हम वहाँ जा कर ठहर जाते है जहाँ लोग बाजारवाद को अपनी संस्कृति मान बैठते है..पर हम इन बंधनो में रह कर भी निरंतर आगे बढते रहते है..और अपनी अलग पहचान बनाते है..।हम देश की राजनीति को नई दिशा देते है...पर दुख होता है जब आप कहते है..कि ये तो बिहारी है...।
जनाब आप क्यों भूल जाते है कि हम उसी बिहार के है जिसने देश को राष्ट्रीय प्रतीक दिया... आजाद भारत को पहला राष्ट्रपति दिया....हमारी ही धरती पर गुरू गोविंद सिंह ने जन्म लिया....भगवान महावीर ने जन्म लिया...इसी धरती पर महात्मा गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ....हम वहीं बिहारी है जो महात्मा गांधी को भी अपनाते है...चंद्रशेखर आजाद को भी....जब हमारे क्षेत्र पर कोई भी विपदा आती है तो उसका सामना करने के लिऐ...हमारे बुजुर्ग बाबू कुवंर सिंह बन कर तलवार उठाते है और बिरसा मुंडा बन कर धनुष....।
हमें शिक्षा के लिऐ... सबसे ज्यादा दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पडता है पर देश में सबसे अधिक अधिकारी भी हमी बनाते है...।हम दूसरों के सम्मान के लिऐ..काल चक्र और प्रकाश उत्सवों जैसे आयोजन भी करते है और आपसी वर्चस्व में सेनारी और बाथे जैसे नरसंहार भी....हमारे यहाँ व्यवस्था बहाल करने के लिऐ लोग निलहे भी बन जाते है और व्य्वस्था परिवर्तन के लिऐ लोक नायक जय प्रकाश नारायण भी....
ये अलग बात है कि तालाब की एक सड़ी मछली पूरे तालाब को गंदा धोषित कर देती है...और लोग हमें अशिक्षित, बिमारू और बेकार समझ लेते है...
पर जनाब हमारी ही मेहनत और पसीने की सिंचाई से पंजाब के खेत लहलहाते है.....दिल्ली, मुबंई,कलकता और बैगलोर जैसै ....शहरों की जरूरतें पूरी होती है...कारोबार चलता है....हम असम और महाराष्ट्र में मारे भी जाते है...पर हम किसी पर कभी प्रांतीयता को लेकर प्रहार नहीं करते....हम हर साल प्राकृतिक आपदाएं झेलतें है...फिर भी कभी इस समस्या से आजिज हो आत्महत्या नहीं करते.... देश को एक से बढकर एक नेता देते है...पर देश में सबसे बदहाल व्यवस्था में हमीं रहते है....क्योंकि हमें पता है कि जब हम ठान लेते है तो पहाड़ काट कर अपनो के लिऐ रास्ता बना देते है....देश में किसी भी बदलाव की शुरुआत हम ही करते है....
हमें अपने आप अपनी माटी और अपनी संस्कृति पर भरोसा है...आज हम यूं ही नहीं सब पर भारी है...
जी हाँ हम बिहारी है......।
सभी बिहार वासियों को बिहार दिवस की शुभकामनाएं...
- कपीन्द्र किशोर भारद्वाज
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