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Buxar Top News: सोशल साइट्स पर भ्रामक संदेशों के साथ शुरू हुए उद्देश्यहीन भारत बंद का जिले में है व्यापक असर, बंद का विरोध करने वाले का सिर फोड़ा ...

जिले के ब्रह्मपुर से लेकर राजपुर तक तथा कई इलाकों से बंद के व्यापक असर  की खबर आ रही है. 

- कई स्थानों पर बांस-बल्ले लगाकर किया गया सड़क जाम.
- सड़क पर आने जाने वाले यात्रियों से भी की जा रही बदतमीजी.
- बंद करने वाले लोगों का भी नहीं पता किस लिए किया गया है बंद.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिना किसी संगठन के बुलावे पर सिर्फ सोशल मीडिया पर चल रहे संदेशों के द्वारा बिना किसी उद्देश्य के शुरू हुए भारत बंद का असर जिले में व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है. जिले के ब्रह्मपुर से लेकर राजपुर तक तथा कई इलाकों से बंद के व्यापक असर  की खबर आ रही है. कृष्णा ब्रह्म के चौराहे पर कठार गांव के रहने वाले कुछ लोगों के निजी मकान व दुकान को जबरन बंद करा रहे प्रदर्शनकारियों का विरोध करने पर प्रदर्शनकारियों एवं स्थानीय लोगों में झड़प हो गई जो कि जमकर मारपीट में तब्दील हो गई. मारपीट में एक युवक का सर फट गया जख्मी युवक धरहरा गांव के नारद शर्मा का पुत्र रितेश शर्मा  बताया जा रहा है.

 दूसरी तरफ जाम को लेकर बक्सर नगर में शैक्षणिक संस्थानों दुकानों समेत शॉपिंग मॉल्स तक बंद रहे. ज्योति प्रकाश चौक, अंबेडकर चौक, मठिया मोहल्ला, चरित्रवन, गोलंबर समेत विभिन्न इलाकों में आंदोलनकारी सड़क पर बांस बल्ला लगाकर जाम करते नजर आए. जाम के दौरान सड़क से आने-जाने वाले यात्रियों को भी प्रदर्शनकारियों द्वारा परेशान किया गया.ए एस पी शैशव यादव, नगर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार भी दल-बल के साथ सड़कों पर गश्त लगाते देखे गए. हालांकि, आंदोलनकारियों को पुलिस का तनिक भी भय नहीं था तथा वह जाम के दौरान आने जाने वाले लोगों को परेशान करते दिख रहे थे. जिलाधिकारी आवास से कुछ ही दूरी पर सड़क जाम कर रहे युवकों ने निकलने का प्रयास कर रहे लोगों को दौड़ा दिया. जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. वहीं वाहनों के साथ जाम में फंसे लोग भूख-प्यास से बिलबिलाते रहे.
रेलवे मार्ग पर भी स्थिति यथावत बनी हुई है वहां भी कई ट्रेनें जगह जगह खड़ी है.

गौरतलब हो कि 2 अप्रैल को देशभर में कुछ दलित संगठनों द्वारा भारत बंद का आयोजन किया गया. मगर उसी समय से एक बार फिर कल यानी 10 अप्रैल को लेकर जनरल और ओबीसी संगठनों द्वारा भारत बंद की मांग करते पोस्ट औऱ मेसेज वायरल होने लगे. इनमें ‘आरक्षण हटाओ’ की मांग करते हुए देशभर में किए जा रहे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा जा रहा था.

भारत बंद को लेकर हमने जब प्रदर्शन कर रहे लोगों से पूछा तो अलग-अलग लोगों के अलग-अलग जवाब मिले. कुछ लोगों का कहना था कि बंद आरक्षण हटाने को लेकर हुआ था. तथा कुछ लोगों का कहना था कि यह बंद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पक्ष में किया गया था. वहीं कुछ उपद्रवियों ने बताया कि यह बंद संविधान के विरोध में हुआ था. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि बंद उद्देश्यहीन एवं केवल भ्रामक जानकारी के पीछे भागते हुए लोगों को परेशान करने के लिए किया गया था.















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