Buxar Top News : बक्सर में भी हुआ है शौचालय घोटाला, जिला पार्षद ने लिखा जिलाधिकारी को पत्र ..
कभी जिलाधिकारी रमण कुमार के द्वारा जोर-शोर से चलाई गई थी , वह अब अपनी गति को खो चुकी है. इसके मूल में जाने पर अधिकारियों के द्वारा किए गए घोटाले एवं भ्रष्टाचार की बात सामने आती है.
- चौगाई प्रखंड से संबंधित है मामला.
- मुख्यमंत्री के शौच मुक्त परिवेश बनाए जाने का सपना नहीं हो पा रहा पूरा.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर जिले को पूर्ण रुप से खुले में शौच मुक्त बनाने की मुहिम जो कभी जिलाधिकारी रमण कुमार के द्वारा जोर-शोर से चलाई गई थी , वह अब अपनी गति को खो चुकी है. इसके मूल में जाने पर अधिकारियों के द्वारा किए गए घोटाले एवं भ्रष्टाचार की बात सामने आती है. हालांकि मामले को लेकर धीरे-धीरे लोगों का आक्रोश फूट रहा है इसी दौरान चौगाई से जिला पार्षद बंटी शाही ने मामले में जिलाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त को पत्र लिखकर इस विषय पर संज्ञान लेने की मांग की है उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री का सपना और राज्य सरकार के प्रयासो के तहत बिहार के शौच मुक्त का सपना को साकार करने के लिये जहाँ जिले के पदाधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवम जनप्रतिनिधियों के सहभागिता से रात दिन एक कर बक्सर शौच मुक्त का सपना संजोकर काम कर रहे थे और जिसकी चर्चा राजपुर में खुद मुख्यमंत्री के द्वारा की गई. मगर शौच मुक्त बक्सर की ओर बढ़ते कदम को अनुदान की राशि के वितरण में प्रखंड कर्मियों के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण काफी मंद गति हो गयी है. कही न कही इसमे प्रखंड पदाधिकारियों का भी भ्रष्टाचारी कर्मियों का साथ है. उदाहरण के तौर पर चौगाई पंचायत में महादलित टोलो मे लागभग 14 माह पूर्ब ही शौचालय का निर्माण हो गया मगर आजतक उनलोगों के अनुदान का पैसा अभी तक नही मिला. जो राशि मिली भी है तो वो धरना प्रदर्शन एवम चढ़ावा के बाद ही मिला. इसके लिये हमने सैकड़ो बार जिले के पदाधिकारियों एवम जिला परिषद के बैठक मे भी बात उठाई मगर सबने अपना कोरम पूरा किया. मगर जाकर हकीकत जानने का प्रयास नही किया. बस बक्सर बैठकर कागज पर ही प्रगति रिपोर्ट देखते रहे. यह जानने का प्रयास नही किया की इसमे बर्तमान मे कितने का अनुदान मिला और 5 वर्ष पूर्व के पुराने बने शौचालय को पांच सौ रुपए से लेकर दो हजार रुपए तक चढ़वा ले कर देने का प्रयास किया गया.
जिला परिषद ने जिलाधिकारी से कहा है कि मैंने कुछ माह पूर्व भी उन्होंने मौखिक रूप से इस बात की चर्चा की है. इस विषय की जांच किया जाय कि जियो टैगिंग होने के बावजूद क्यो महीनों राशि देने मे देरी की जा रही है. आज सरकार की मंशा गरीबों को उन्नति का है वही प्रखंड कर्मी सरकार के प्रयासों पर पानी फेरते नजर आ रहे है. आज महादलितों मे आक्रोश है क्योंकि यही गरीब जनता कर्ज लेकर,गाय, बकरी बेचकर शौचालय निर्माण कराया मगर अनुदान की राशि के लिये प्रखंड में चक्कर लगाते लगते थक गए है. उन्होंने जिलाधिकारी से स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार की हित और जनहित के लिये जांच कर सरकार के प्रति हो रहे जनाक्रोश की खाई को पाटने के उचित कार्यवाही करने की कृपा किया जाए.
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