Buxar Top News: 31 मार्च तक आर्सेनिक युक्त पानी से मुक्त होगा जिला ..
सरकार के सात निश्चय योजना के तहत चल रही हर घर नल योजना को हर हाल में 2020 तक पूरा कर लेना है. उन्होंने बताया कि गुणवत्ता प्रभावित(आर्सेनिक युक्त) इलाकों में पीएचडी के द्वारा कार्य किया जाता है.
- पीएचईडी के मंत्री ने प्रेस वार्ता के दौरान दी जानकारी.
- कहा, 2020 तक हर घर तक पहुंचेगा नल का जल.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री विनोद नारायण झा बक्सर पहुंचे. परिसदन में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने जिले में चल रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति एवं उन्हें पूरा किए जाने के लक्ष्य के संदर्भ में पत्रकारों को बताया.
उन्होंने बताया कि सरकार के सात निश्चय योजना के तहत चल रही हर घर नल योजना को हर हाल में 2020 तक पूरा कर लेना है. उन्होंने बताया कि गुणवत्ता प्रभावित(आर्सेनिक युक्त) इलाकों में पीएचडी के द्वारा कार्य किया जाता है. बक्सर जिले में 486 वार्ड चिन्हित किए गए हैं जो कि आर्सेनिक युक्त जल प्रदान करते हैं. वहीं बिहार के 13 जिले आर्सेनिक प्रभावित है, जिनमें अधिकांश गंगा के किनारे बसे जिले हैं. हालांकि गंगाजल आर्सेनिक प्रभावित नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर हाल में आर्सेनिक उन्मूलन का कार्य इस वर्ष पूरा कर लेना है.
तीन माह में फिर से शुरु होगा केशोपुर संयंत्र में कार्य:
जिले के केशोपुर में स्थापित संयंत्र 183 वार्डों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराएगा. जिसके लिए निविदा की प्रक्रिया शुरू की जा रही है जिसे तीन माह में पूरा कर कार्यारंभ कर देना है. शेष 303 वार्ड में भी इस वर्ष कार्य कर लेने के योजना है. जिसके लिए डीपीआर इस शीघ्र बनकर तैयार हो जाएगा. जिसके लिए 152 करोड़ रुपये की राशि सरकार खर्च करने वाली है. उन्होंने बताया कि 81 वार्डों लिए निविदा हो गई है तथा 25 वार्डों में कार्यारंभ भी हो चुका है. जिसके लिए 40 करोड़ की राशि स्वीकृत है। जिन वार्डों में कार्यारंभ हो चुका है उन्हें 6 माह के अंदर पूरा कर लेने का निर्देश संबंधित कंपनी को दिया गया है.
लगाए जा रहे हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्यूरीफायर:
उन्होंने बताया कि नई तकनीक से हो रहे कार्य में बड़े टावर नहीं लगाए जाएंगे. 8 मीटर के टावर पर टंकी स्थापित कर जल्द से जल्द अधिक से अधिक वार्डों को शुद्ध एवं आर्सेनिक मुक्त पानी देने की पहल सरकार कर रही है. हर वार्ड के लिए अलग-अलग बोरिंग तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के वाटर प्यूरीफायर लगाए जा रहे हैं. कार्य करने वाली कंपनी को 5 वर्ष तक सभी कार्यों का मेंटेनेंस भी करना होगा.
डुमराँव में बनायी जाएगी प्रयोगशाला:
उन्होंने बताया कि सिमरी प्रखंड के केशोपुर में आर्सेनिक मुक्त पानी दिलाने के लिए वित्तीय वर्ष 2006-07 की योजना में बचे हुए कार्यों के लिए 3 माह के अंदर ही निविदा प्रकाशित कर उसकी स्वीकृति होने के बाद कार्यारंभ करा देना है. सरकार का लक्ष्य है कि आगामी 31 मार्च तक हर हाल में आर्सेनिक उन्मूलन का लक्ष्य बचे हुए 303 वार्डों में भी पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 27 बड़ी जलापूर्ति योजनाओं का इस माह के अंत तक डीपीआर बना लेना है तथा अगले महीने में निविदा प्रकाशित की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में 17701 चापानल हैं, जिनमें से 15737 चालू है तथा 1761 पूरी तरह से खराब हो चुके हैं। वहीं 1498 मरम्मति की स्थिति में है, जिनकी मरम्मति शीघ्र ही करा दी जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि आर्सेनिक युक्त जल की जांच के लिए भी प्रयोगशालाओं को निर्देशित किया गया है. आर्सेनिक युक्त पानी की जांच के लिए डुमराँव में भी नई प्रयोगशाला बनाई जाएगी.
बैठक के दौरान भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी, जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह, रालोसपा जिलाध्यक्ष निर्मल कुशवाहा, भाजपा नेता शुशील राय, पुनीत सिंह, भरत प्रधान समेत एनडीए के सभी घटक दलों के नेता मौके पर मौजूद रहे.
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