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Buxar Top News:उप मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्री के सामने ही कुर्सी के लिए भिड़े भाजपा जिलाध्यक्ष.



इस दौरान जिलाध्यक्ष ने ओमप्रकाश भुवन को उनकी सीट छोड़कर पीछे जाने की बात कही. इस पर भुवन ने जिलाध्यक्ष से यह कह दिया कि आप भी पीछे जा सकते हैं. इतना सुनना था कि जिलाध्यक्ष आगबबूला हो गए तथा बातचीत उग्र होते हुए हाथापाई तक जा पहुंची. 

- भाजपा के बड़े नेता ओमप्रकाश  के साथ हुआ बवाल

- भुवन ने कहा, पहले भी कर चुके हैं इस तरह का व्यवहार.



बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद,उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी तथा बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे की उपस्थिति में किए जाने वाले नाइलिट केंद्र के उद्घाटन के दौरान उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब कार्यक्रम स्थल पर मौजूद भाजपा के दो बड़े नेता कुर्सी के लिए आपस में भिड़ गए. बात हाथापाई तक जा पहुंची हालांकि, बाद में लोगों ने बीच बचाव कर स्थिति को सामान्य किया.


पीछे जाने की बात पर हुआ बवाल:

दरअसल, हुआ यह कि भाजपा के जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह मंच के सामने के कुर्सी पर बैठे हुए थे. उनके बगल में भाजपा के कद्दावर नेता तथा पंचायती राज के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन बैठे हुए थे. इसी बीच कोई अन्य नेताजी वहां पहुंच गए. इस दौरान जिलाध्यक्ष ने ओमप्रकाश भुवन को उनकी सीट छोड़कर पीछे जाने की बात कही. इस पर भुवन ने जिलाध्यक्ष से यह कह दिया कि आप भी पीछे जा सकते हैं. इतना सुनना था कि जिलाध्यक्ष आगबबूला हो गए तथा बातचीत उग्र होते हुए हाथापाई तक जा पहुंची. हालांकि, इस दौरान वहां मौजूद दूसरे भाजपा नेता ने बीच बचाव का माहौल को शांत किया. मामले में भाजपा नेता ओमप्रकाश भवन से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि जिला अध्यक्ष ने किसी कार्यक्रम में उनके साथ इस तरह का व्यवहार चौथी बार किया है. वह सदैव उन को नीचा दिखाने की फिराक में रहते हैं. भुवन ने उसने कहा कि जिलाध्यक्ष का यह व्यवहार पार्टी हित में नहीं है तथा उनके इस तरह के व्यवहार से कार्यकर्ताओं में भी असंतोष की भावना उत्पन्न हो रही है।

दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पिंकू मिश्रा ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह के विरुद्ध पूर्व में भी इस तरह की शिकायतें मिलती रही है. वह कभी भी कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान नहीं देते. जबकि भाजपा अपने हर कार्यकर्ता को साथ लेकर चलने के संकल्प के साथ कार्य करती है. ऐसे में पार्टी नेतृत्व को जिला अध्यक्ष को पदमुक्त कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष पार्टी की सभ्यता और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं. किसी वरीय पदाधिकारी के साथ इस तरह का अशोभनीय व्यवहार कभी भी स्वीकार्य नहीं होगा.


















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